बड़े खतरे की ओर ईरान-इजरायल युद्ध, अटक सकती है पेट्रोल-डीजल की सप्लाई; भारत ने बनाया Plan B
Iran Israel War के बीच तनाव बढ़ने से तेल और गैस की सप्लाई पर खतरा मंडरा रहा है. भारत अपनी तेल जरूरत का 90% आयात करता है, जिसमें से 40% खाड़ी देशों से आता है. अगर ईरान ने होर्मुज की खाड़ी बंद की तो भारत के लिए तेल और गैस आयात करना मुश्किल हो सकता है.
Iran Israel War Oil Supply Prices: ईरान और इजरायल की जंग से तेल के दाम बढ़ रहे हैं. चिंता ये है कि इस जंग का असर ये हो सकता है कि तेल की सप्लाई बंद ना हो जाए. अगर हालात और बिगड़े और ईरान ने होर्मुज की खाड़ी को बंद करने की कोशिश की तो भारत के लिए पेट्रोल-डीजल और गैस लाना मुश्किल हो सकता है. होर्मुज एक बेहद महत्वपूर्ण समुद्री रास्ता है जहां से दुनिया का करीब 30% तेल और 20% LNG (लिक्विफाइड नेचरल गैस) गुजरता है. लेकिन अगर सच में सप्लाई बंद हो जाती है तो भारत के पास तेल का कितना स्टॉक है, अगर स्टॉक भी खत्म हो गया तब भारत के पास क्या ऑप्शन है, भारत क्या करेगा. चलिए ये बताते हैं.
कितना बड़ा है खतरा?
- भारत अपनी कुल कच्चे तेल की जरूरत का 90% इंपोर्ट करता है.
- इसमें से 40% खाड़ी देशों से आता है और LNG 54% गैस की सप्लाई भी वहीं से होती है.
अगर ईरान ने होर्मुज बंद किया तो भारत के लिए बड़ी मुश्किल खड़ी हो सकती है. इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ अधिकारियों को लगता है कि ईरान ऐसा कदम नहीं उठाएगा. उनका मानना है कि इतिहास गवाह है, ईरान भी जानता है कि इससे उसे भी बड़ा नुकसान होगा. उसके अपने तेल-गैस के एक्सपोर्ट पर भी असर पड़ेगा. साथ ही, जरूरी चीजों का आना-जाना भी रुक जाएगा.
भारत का क्या है प्लान
रिपोर्ट के मुताबिक, अगर हालात बिगड़ते हैं तो भारत का प्लान बी वेस्ट अफ्रीका को लेकर है. हालांकि वहां से सप्लाई लेना महंगा हो सकता है, लेकिन जरूरत पड़ने पर भारत तैयार है. रिपोर्ट के अनुसार, एक अधिकारी ने कहा कि अगर भारत वेस्ट अफ्रीका से खरीदी शुरू करता है तो बाकी देश भी वही करेंगे. इससे प्रतिस्पर्धा और बढ़ेगी. भारत ने मई में अफ्रीका से सिर्फ 5% तेल इंपोर्ट किया जबकि अप्रैल में ये आंकड़ा 12% था. अब अगर वेस्ट अफ्रीका का रुख करना पड़े, तो ये हिस्सा फिर से बढ़ सकता है.
वहीं भारत 54% LNG खाड़ी देशों से लेता है जिसमें से 80% कतर से और बाकी यूएई से आता है. अगर कतर की सप्लाई में रुकावट आई तो स्पॉट मार्केट में कीमतें तुरंत बढ़ेंगी और लंबे समय की गैस डील्स भी महंगी हो सकती हैं क्योंकि उनमें तेल की कीमतों से लिंक होता है.
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भारत के पास तेल और गैस का कितना स्टॉक है
बुरी खबर ये है कि भारत के पास गैस का कोई स्टोरेज नहीं है, जबकि तेल का कुछ स्टॉक जरूर है. रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के पास कुल तेल और पेट्रोलियम उत्पादों का इतना स्टोरेज है कि 74 दिन की खपत पूरी हो सके. इसमें से केवल 9.5 दिन के लिए रिजर्व बाकी स्टॉक रिफाइनरीज, पाइपलाइनों, डिपो, टैंकरों और खाली टैंकों में फैला हुआ है.