ईरान और इजरायल में बढ़ गया टेंशन! अपने लोगों को बाहर निकाल रहा अमेरिका; 4.1 फीसदी बढ़ गए तेल के दाम

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मध्य पूर्व से कुछ अमेरिकी नागरिकों को निकालने का फैसला किया है, क्योंकि वहां तनाव बढ़ रहा है. इसलिए ईरान और इजरायल के बीच टेंशन बढ़ने की खबरें हैं. ब्रिटेन ने भी अपने जहाजों को चेतावनी दी है. इस बीच तेल की कीमतों में भी उछाल देखी गया है.

ईरान और इजरायल में युद्ध जैसे हालात, अमेरिका सतर्क Image Credit: Money9live/Canva

Iran Israel Tension: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका अपने कुछ लोगों को मध्य पूर्व से हटा रहा है. ट्रंप ने कहा कि वह इलाका खतरनाक हो सकता है. इसलिए लोगों को नोटिस दिया है कि जगह खाली कर दें. इसके साथ ही उन्होंने दो टूक कहा कि अमेरिका किसी हाल में ईरान को परमाणु हथियार हासिल नहीं करने देगा. इसके बाद युद्ध को लेकर संकट फिर गहरा गया, बताया गया है कि ईरान और इजरायल के बीच टेंशन और बढ़ सकता है. तेल के दाम भी बढ़ना शुरू हो गए हैं.

कच्चे तेल के दाम 4.1% उछले

रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका इराक में मौजूद अपने दूतावास से कुछ स्टाफ को निकालने की तैयारी में है. वहीं, पूरे मध्य पूर्व में मौजूद अमेरिकी सैन्य ठिकानों से भी कुछ लोगों को वापस बुलाने की योजना है. हालांकि ये किसी ने साफ नहीं किया है कि असल में खतरा क्या हो सकता है, किस तरह की सुरक्षा को लेकर चिंताएं हैं.

लेकिन अंतरराष्ट्रीय तेल बाजार में हलचल मच गई है और कच्चे तेल की कीमतों में 4% से ज्यादा की तेजी आ गई है.

ब्रिटेन भी सचेत

वहीं, ब्रिटेन ने भी अपने जहाजों को चेतावनी दी है. फारस की खाड़ी, ओमान की खाड़ी और होर्मुज स्ट्रेट में जहाजों को सचेत रहने के लिए कहा गया है. ब्रिटेन के समुद्री व्यापार ऑपरेशंस सेंटर ने कहा कि क्षेत्र में सैन्य तनाव का खतरा है. इसके अलावा-

  • रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट ने बहरीन और कुवैत से स्वैच्छिक वापसी की अनुमति दे दी है. यानी लोग चाहें तो वहां से वापस अमेरिकी लौट सकते हैं.
  • वहीं, बुधवार की रात स्टेट डिपार्टमेंट ने अपनी ग्लोबल ट्रैवल एडवाइजरी भी अपडेट की. उसमें साफ लिखा गया कि, “11 जून को हमने नॉन इमरजेंसी स्टाफ को निकालने का आदेश दिया है, क्योंकि क्षेत्रीय तनाव बढ़ता जा रहा है.”
  • ये सब उस वक्त हो रहा है जब ईरान और अमेरिका के बीच परमाणु डील को लेकर बातचीत लगभग ठप हो चुकी है. दूसरी ओर अमेरिकी खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, इजरायल भी ईरान के न्यूक्लियर ठिकानों पर हमले की तैयारी कर रहा है.
  • ट्रंप पहले भी कई बार ईरान को चेतावनी दे चुके हैं कि अगर यूरेनियम एनरिच जैसे मुद्दों पर बातचीत नाकाम होती है, तो अमेरिका सैन्य कार्रवाई कर सकता है. उन्होंने कहा कि उन्हें अब इस बात पर भरोसा नहीं रह गया कि ईरान इस पर कोई डील करेगा.

ईरान ने दी हमले की धमकी

इस बीच ईरान के रक्षा मंत्री अजीज नासिरजादेह ने कहा कि अगर ईरान पर हमला होता है, तो जवाब में अमेरिका के क्षेत्रीय ठिकानों को निशाना बनाया जाएगा.

अमेरिकी सेना की मौजूदगी

बता दें कि अमेरिका की सैन्य उपस्थिति पूरे मध्य पूर्व के तेल-समृद्ध इलाकों में फैली हुई है. इराक, कुवैत, कतर, बहरीन और संयुक्त अरब अमीरात में उनके कई बेस हैं.

अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने भी आदेश दिया है कि जो सैन्यकर्मी अपने परिवारों के साथ हैं, खासकर बहरीन जैसे स्थानों पर, उन्हें स्वेच्छा से लौटने की इजाजत है.

एक अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि बगदाद स्थित अमेरिकी दूतावास से स्टाफ को निकालने का आदेश दिया गया है. कोशिश है कि यह काम कमर्शियल साधनों से किया जाए. लेकिन जरूरत पड़ी तो अमेरिकी सेना भी तैयार है.