इजरायल के हमले से टूटी ईरान की कमर, टॉप सैन्य कमांडर ढेर, जानें नेतन्याहू ने क्यों किया इतना बड़ा अटैक
इजरायल ने "ऑपरेशन राइजिंग लॉयन" के तहत ईरान पर हमला इसलिए किया क्योंकि उसे डर है कि ईरान जल्द ही परमाणु हथियार बना सकता है, जिससे इजरायल के अस्तित्व को खतरा हो सकता है.प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कहा कि ईरान ने यूरेनियम को हथियार में बदलने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और यह एक गंभीर खतरा है.

Israel attacked Iran: ईरान और इजरायल के बीच तनाव अब युद्ध तक पहुंच चुका है. 12 जून की रात को इजरायल ने ईरान के सैन्य और परमाणु ठिकानों पर बड़ा हमला किया. इस हमले में ईरान को भारी नुकसान हुआ है. इजरायल ने दावा किया है कि उसने ईरान के सभी न्यूक्लियर प्लांट को नष्ट कर दिया है. इसके अलावा रिवोल्यूशनरी गार्ड के कई टॉप कमांडर भी मारे गए हैं. दोनों देशों ने अपने एयरस्पेस बंद कर दिए हैं और क्षेत्र में तनाव चरम पर पहुंच गया है.
ईरान के टॉप कमांडर मारे गए
इजरायली हमले में ईरान के कई प्रमुख सैन्य अधिकारियों की मौत हो गई है. आईआरजीसी (इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स) के चीफ ऑफ स्टाफ जनरल होसैन सलामी की मौत की पुष्टि की गई है. इसके साथ ही जनरल घोलम अली रशीद भी इस हमले में मारे गए हैं. हालांकि आईआरजीसी एयरोस्पेस कमांडर अमीरअली हाजीजादेह और सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल मोहम्मद बाघेरी सुरक्षित बताए जा रहे हैं.
- आईआरजीसी चीफ ऑफ स्टाफ जनरल होसैन सलामी
- आईआरजीसी जनरल घोलम-अली रशीद
ईरान के परमाणु वैज्ञानिक भी बने निशाना
इजरायल ने इस हमले में सिर्फ सैन्य ठिकानों को ही नहीं बल्कि ईरान के परमाणु वैज्ञानिकों को भी निशाना बनाया. डॉ. मोहम्मद तेहरांची और डॉ. फेरेयदून अब्बासी नाम के दो वरिष्ठ परमाणु वैज्ञानिकों की इस हमले में मौत हो गई है. इससे ईरान की न्यूक्लियर पावर बनने की प्रक्रिया को बड़ा झटका लगा है.
तनाव बढ़ने की आशंका
हमले के बाद ईरान और इजरायल दोनों ने अपने हवाई क्षेत्र बंद कर दिए हैं. ईरान की ओर से जवाबी कार्रवाई के संकेत मिल रहे हैं जिससे हालात और गंभीर हो सकते हैं. इस हमले के बाद पश्चिम एशिया में तनाव का स्तर और अधिक बढ़ गया है, जिसका असर वैश्विक सुरक्षा और बाजारों पर भी पड़ सकता है.
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इजरायल ने क्यों किया हमला
इजरायल ने ईरान पर इसलिए हमला किया क्योंकि उसे डर है कि ईरान बहुत जल्द परमाणु बम बना सकता है, जिससे इजराइल के अस्तित्व को खतरा हो सकता है. इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का कहना है कि ईरान ने हाल के महीनों में यूरेनियम को हथियारों में बदलने जैसे खतरनाक कदम उठाए हैं. इसलिए इजरायल ने ऑपरेशन राइजिंग लॉयन शुरू किया ताकि ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों को नष्ट किया जा सके और यह खतरा खत्म किया जा सके.
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