Mazagon Dock ग्लोबल बनने की राह पर, कोलंबो डॉकयार्ड का 450 करोड़ रुपये में करेगी अधिग्रहण
मार्केट कैप के लिहाज से देश की सबसे बड़ी शिपबिल्डिंग कंपनी मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स अब लोकल से ग्लोबल होने की राह पर चल दी है. इसके लिए मझगांव डॉक ने श्रीलंका के कोलंबो डॉकयार्ड PLC के अधिग्रहण का फैसला किया है. यह सौदा करीब 450 करोड़ रुपये में तय हुआ है.

देश की सबसे पुरानी कंपनियों में से एक मझगांव डॉक शिपबिल्डर का इतिहास 1774 से पहले का है. इसके शिपबिल्डिंग का कौशल भारतीय नौसेना और तट रक्षक जहाजों के रूप में दिखता है. 1934 में यह एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बनी, 1960 में भारत सरकार ने इसका अधिग्रहण कर लिया. अब यह विकसित भारत और लोकल से ग्लोबल होने की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए ग्लोबल मार्केट में उतरने जा रही है.
शुक्रवार को एक एक्सचेंज फाइलिंग में कंपनी ने बताया कि इसने श्रीलंका के सबसे बड़े जहाज निर्माण और मरम्मत के केंद्र कोलंबो डॉकयार्ड में मेजोरिटी स्टेक खरीदने की योजना बनाई है. MDL ने कोलंबो डॉकयार्ड के अधिग्रहण का सौदा 5.29 करोड़ डॉलर यानी करीब 450 करोड़ रुपये में किया है. यह अधिग्रहण भारत के समुद्री क्षेत्र में प्रभाव बढ़ाने और मैरीटाइम अमृत काल विजन 2047 के लक्ष्य को पूरा करने में मदद करेगा.
बड़ा रणनीतिक कदम
मझगांव डॉक ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, MDL 52.96 मिलियन डॉलर तक के सौदे में श्रीलंका के सबसे बड़े शिपयार्ड कोलंबो डॉकयार्ड पीएलसी में नियंत्रक हिस्सेदारी हासिल करने के लिए तैयार है, जो एमडीएल का पहला अंतरराष्ट्रीय अधिग्रहण होगा. अधिग्रहीत कंपनी कोलंबो बंदरगाह पर स्थित है, जिससे MDL को हिंद महासागर क्षेत्र में रणनीतिक आधार मिलेगा, जो एक प्रमुख समुद्री गलियारा है. इसके साथ ही इस सौदे से MDLको एक घरेलू जहाज निर्माता से वैश्विक महत्वाकांक्षाओं वाली एक क्षेत्रीय समुद्री कंपनी के रूप में विकसित होने का अवसर मिलेगा. कंपनी का कहना है कि इस सौदे से मैरीटाइम अमृत काल विजन 2047 के मुताबिक भारत के क्षेत्रीय समुद्री प्रभाव को मजबूत करने में भी मदद मिलेगी.
नौसेना के लिए बेहद अहम
मझगांव डॉक एक रक्षा साक्षेत्र की कंपनी है. यह कंपनी भारतीय नौसेना के साथ ही दूसरे देशों के लिए युद्धपोत, पनडुब्बी और कई तरह के जहाजों के निर्माण और मरम्मत का काम करती है. यह कंपनी रक्षा मंत्रालय के अधीन आती है. फिलहाल कई अहम परियोजनाओं के साथ स्काॅर्पीन सबमरीन का निर्माण भी कर रही है.
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