
भारतीय कोल्हापुरी चप्पल बनाने वाले ओरिजनल क्रिएटर्स को मिले उनका हक, Edelweiss की CEO ने कही ये बात
मिलान फैशन वीक 2025 में इटैलियन लग्ज़री ब्रांड प्राडा की स्प्रिंग/समर 2026 पुरुषों की फुटवेयर कलेक्शन ने भारतीय कोल्हापुरी चप्पलों से प्रेरित सैंडल्स पेश करके तहलका मचा दिया, लेकिन इस कलेक्शन ने भारत में विवाद खड़ा कर दिया, क्योंकि प्राडा ने इन सैंडल्स को “लेदर फ्लैट सैंडल्स” कहकर पेश किया, बिना भारतीय कारीगरों या कोल्हापुरी चप्पलों की सांस्कृतिक विरासत को कोई क्रेडिट दिए. इस मुद्दे पर एडलवाइस म्यूचुअल फंड्स की सीईओ और एमडी राधिका गुप्ता ने तीखी प्रतिक्रिया दी और भारतीय हस्तशिल्प की मान्यता और सम्मान की वकालत की. राधिका गुप्ता ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपनी बात रखते हुए लिखा, “500 रुपये की चप्पल 1 लाख में बिकी, वो भी बिना किसी क्रेडिट के उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सिर्फ डिज़ाइन की नकल करना ही काफी नहीं है, बल्कि मूल कारीगरों और उनकी विरासत को उचित सम्मान और क्रेडिट देना भी ज़रूरी है.
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