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भारत घूमने आई इस विदेशी महिला ने खड़ा किया 1 लाख करोड़ का साम्राज्य, बन गईं टाटा खानदान की बहू
वो साल 1953 था जब एक युवा स्विस लड़की छुट्टियां मनाने भारत आई थी. दो साल बाद उन्होंने नवल टाटा से शादी की और भारत को हमेशा के लिए अपना घर बना लिया. बिजनेस की कोई ट्रेनिंग नहीं, कोई डिग्री नहीं, फिर भी इस स्विस महिला ने लैकमे और ट्रेंट जैसी दो आइकॉनिक कंपनियां खड़ी कीं और आज 1 लाख करोड़ से ज्यादा का रिटेल साम्राज्य बनाया. ये है सिमोन टाटा की प्रेरणादायक सफलता की कहानी.
1930 में जेनेवा में जन्मी सिमोन ने जेनेवा यूनिवर्सिटी से पढ़ाई पूरी की. 1953 में छुट्टियों में भारत घूमने आईं और यहां नवल एच टाटा से मुलाकात हुई, जो टाटा ग्रुप के डायरेक्टर और रतन टाटा के पिता थे. दोनों को प्यार हुआ और 1955 में शादी हो गई. मात्र 25 साल की उम्र में उन्होंने स्विट्जरलैंड छोड़कर भारत को अपना लिया. वो रतन टाटा की सौतेली मां बनीं और बाद में नोएल टाटा की मां बनीं. एक देश, एक संस्कृति और एक परिवार को पूरी तरह अपनाने का ये फैसला उनकी जिंदगी का टर्निंग पॉइंट बना.
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1962 में, सिर्फ 32 साल की उम्र में सिमोन टाटा लैकमे की मैनेजिंग डायरेक्टर बनीं. उनके पास बिजनेस का कोई बैकग्राउंड नहीं था. लैकमे को 1952 में पंडित जवाहरलाल नेहरू के कहने पर शुरू किया गया था ताकि भारतीय महिलाएं महंगे विदेशी मेकअप पर निर्भर न रहें. जब सिमोन ने कमान संभाली तब कंपनी छोटी थी. लेकिन उनकी खूबसूरती, रंगों और महिलाओं की चाहत को समझने की गजब की समझ ने लैकमे को कुछ ही सालों में भारत का सबसे पसंदीदा ब्यूटी ब्रांड बना दिया.
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सिमोन के नेतृत्व में लैकमे घर-घर का नाम बन गया. नए-नए प्रोडक्ट्स, आकर्षक पैकेजिंग और शानदार मार्केटिंग की बदौलत ब्रांड आसमान छूने लगा. 1982 में वो लैकमे की चेयरपर्सन बनीं. 1987 में टाटा इंडस्ट्रीज के बोर्ड में शामिल होने वाली पहली महिलाओं में से एक बनीं. लैकमे सैलून, ब्यूटी एडवाइजर और बाद में लैकमे फैशन वीक, सब उनकी विरासत का हिस्सा हैं. उन्होंने साबित किया कि एक विदेशी महिला बिना डिग्री के भी भारतीय महिलाओं को सबसे बेहतर समझ सकती है.
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1996 में सिमोन ने वो किया जो कोई सोच भी नहीं सकता था. उन्होंने लैकमे को हिंदुस्तान यूनिलीवर को बेच दिया. लोगो को लगा वो अपना बनाया ब्रांड छोड़ रही हैं. लेकिन असल में उन्होंने उस पैसे से ट्रेंट लिमिटेड शुरू किया. 1998 में वेस्टसाइड लॉन्च किया, फिर किफायती फैशन ब्रांड ज़ुडियो, एथनिक वियर उत्सा और स्टार बाज़ार. पहले धीरे चला, लेकिन पिछले दशक में ट्रेंट ने रॉकेट की तरह उड़ान भरी. दिसंबर 2023 तक ट्रेंट की मार्केट वैल्यू 1 लाख करोड़ के पार चली गई. सिमोन ब्यूटी क्वीन से रिटेल विजनरी बन गईं.
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सिमोन टाटा सालों पहले बिजनेस से रिटायर होकर एकांत जीवन जीने लगी थीं. आखिरी बार वो अक्टूबर 2024 में रतन टाटा के अंतिम संस्कार में नजर आई थीं. 5 दिसंबर 2025 को 95 साल की उम्र में मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में उनका निधन हो गया. वो अपने बेटे नोएल टाटा (वर्तमान ट्रेंट चेयरमैन), बहू आलू मिस्त्री और पोते-पोतियों लिआ, माया और नेविल को छोड़कर गईं. सिमोन टाटा ने पूरी जिंदगी साबित किया कि हिम्मत, दूरदर्शिता और मेहनत से कोई भी बाधा – चाहे वो राष्ट्रीयता हो, जेंडर हो या अनुभव की कमी – पार की जा सकती है. एक पर्यटक से 1 लाख करोड़ का साम्राज्य बनाने वाली इस महिला की कहानी आज भी लाखों लोगों को बड़ा सपना देखने और बेखौफ मेहनत करने की प्रेरणा देती है.