स्विगी से खाना मंगाना हुआ महंगा! प्लेटफॉर्म फीस में किया इजाफा, हर ऑर्डर पर देना होगा ज्यादा पैसा
त्योहारी सीजन में स्विगी ने अपने प्लेटफॉर्म फीस को 12 रुपये से बढ़ाकर 14 रुपये कर दिया है. रोजाना 20 लाख से ज्यादा ऑर्डर डिलीवर करने वाली कंपनी को इस बढ़ोतरी से सालाना 33.6 करोड़ रुपये का अतिरिक्त रेवेन्यू मिलेगा. खबर को विस्तार में जानें.
Swiggy Hiked Platform Fees: त्योहारी सीजन में ऑर्डर्स की बढ़ती संख्या का फायदा उठाते हुए, फूड डिलीवरी कंपनी स्विगी ने अपने प्लेटफॉर्म फीस में इजाफा कर दिया है. अब हर फूड डिलीवरी ऑर्डर पर कंपनी 14 रुपये लेगी, जो पहले 12 रुपये थी. यह बढ़ोतरी 2 रुपये की है और कंपनी का मानना है कि इससे हर ऑर्डर पर मुनाफा बढ़ेगा और कुल वित्तीय स्थिति मजबूत होगी. कंपनी ने कुछ समय पहले ही अपने प्लेटफॉर्म फीस में बढ़ोतरी की थी.
क्यों बढ़ाई गई फीस?
स्विगी ने अप्रैल 2023 में पहली बार प्लेटफॉर्म फीस लेना शुरू किया था, ताकि अपने यूनिट इकॉनॉमिक्स यानी प्रति ऑर्डर मुनाफे में सुधार कर सके. पिछले डेढ़ साल में कंपनी ने कई बार फीस बढ़ाई है और दिलचस्प बात यह रही कि कीमत बढ़ने के बावजूद ऑर्डर की संख्या पर कोई असर नहीं पड़ा. त्योहारी और हाई-डिमांड दिनों में पहले भी स्विगी और उसका कॉम्पटीटर जोमैटो फीस बढ़ाकर देख चुके हैं. अगर ऑर्डर वॉल्यूम में गिरावट नहीं होती, तो ये नई फीस संरचना लंबे समय तक लागू रहती है.
कंपनी की कमाई पर असर
स्विगी रोजाना 20 लाख से ज्यादा ऑर्डर डिलीवर करता है. ऐसे में हर ऑर्डर पर 2 रुपये अतिरिक्त लेने से कंपनी को रोज करीब 2.8 करोड़ रुपये की अतिरिक्त कमाई होगी. तिमाही (3 महीने) में यह रकम लगभग 8.4 करोड़ रुपये होगी. वहीं, सालभर में कंपनी को करीब 33.6 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिलेगा. कंपनी त्योहारी सीजन के बाद फीस फिर से 12 रुपये पर ला सकती है, लेकिन पिछले अनुभव बताते हैं कि अगर बिक्री पर असर नहीं पड़ा तो बढ़ी हुई दरें जारी रह सकती हैं.
स्विगी की वित्तीय स्थिति
स्विगी ने यह कदम ऐसे समय उठाया है जब उसके घाटे में तेजी से इजाफा हुआ है. वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही (Q1) में कंपनी का नेट लॉस 1,197 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की समान तिमाही के 611 करोड़ रुपये से लगभग 96 फीसदी ज्यादा है. पिछली तिमाही में भी कंपनी को 1,081 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था. कंपनी के घाटे की बड़ी वजह इंस्टामार्ट (तेज किराना डिलीवरी सेवा) में तेजी से किया गया निवेश और विस्तार बताया जा रहा है.
रेवेन्यू में बढ़ोतरी
हालाँकि घाटा बढ़ा है, लेकिन कंपनी की आय भी तेजी से बढ़ी है. Q1 में स्विगी का ऑपरेशनल रेवेन्यू 54 फीसदी बढ़कर 4,961 करोड़ रुपये हो गया, जबकि पिछले साल इसी तिमाही में यह 3,222 करोड़ रुपये था. पिछली तिमाही में कंपनी का रेवेन्यू 4,410 करोड़ रुपये था.
जोमैटो से तुलना
स्विगी के कॉम्पटीटर जोमैटो का मुनाफा इस तिमाही में 90 फीसदी गिरकर 25 करोड़ रुपये रह गया. हालांकि, उसका रेवेन्यू 70.4 फीसदी बढ़कर 7,167 करोड़ रुपये हो गया. स्विगी ने त्योहारी सीजन में अपने प्लेटफॉर्म फीस में बढ़ोतरी कर मुनाफा बढ़ाने की कोशिश की है, जबकि कंपनी तेजी से बढ़ते ऑर्डर्स और इंस्टामार्ट जैसे नए बिजनेस मॉडल पर भारी निवेश कर रही है.