सही समय पर खेला GST रिफॉर्म का दांव! वैश्विक चुनौतियों से मिलेगी राहत, बिजनेस होगा बुस्ट; मार्केट एक्सपर्ट ने बताई वजह
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से जीएसटी 2.0 की घोषणा की और दीवाली पर दोहरी खुशी देने की बात कही. इससे दिवाली तक जीएसटी दरों में कमी से रोजमर्रा की वस्तुओं की कीमतें घटेंगी और महंगाई में राहत मिलेगी. विशेषज्ञों के अनुसार, यह कदम भारतीय अर्थव्यवस्था को लचीला बनाने, एमएसएमई को बढ़ावा देने और निर्यात को प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद करेगा. यह व्यापक सुधार आठ साल पुराने जीएसटी सिस्टम को सरल और प्रभावी बनाने की दिशा में अहम साबित हो सकता है.
Narendra Modi GST Announcement: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से जीएसटी (GST) में बड़े सुधार की घोषणा की है. इस घोषणा को लेकर आर्थिक विशेषज्ञों ने “भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने की दिशा में एक सही समय पर उठाया गया रणनीतिक कदम” बताया है. लाल किले से स्वतंत्रता दिवस के भाषण में पीएम मोदी ने घोषणा की कि दिवाली तक जीएसटी दरों में कमी की जाएगी, जिससे रोजमर्रा की वस्तुओं की कीमतों में गिरावट आएगी. यह कदम आठ साल पुराने जीएसटी व्यवस्था में व्यापक सुधार की दिशा में उठाया गया है, जो अब तक कर विवादों और चोरी की समस्याओं से जूझ रही थी.
जीएसटी 2.0: चार स्लैब की जगह दो-स्तरीय टैक्स व्यवस्था
वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि नई व्यवस्था में अधिकांश वस्तुओं और सेवाओं पर केवल दो कर स्लैब मानक (standard) और मेरिट (merit) लागू होंगे, जबकि कुछ चुनिंदा वस्तुओं पर विशेष दरें रखी जाएंगी. यह मौजूदा चार-स्तरीय जीएसटी ढांचे (5 फीसदी, 12 फीसदी, 18 फीसदी और 28 फीसदी) को बदल देगा, जिसमें लग्जरी और सिन गुड्स (तंबाकू, शराब आदि) पर 28 फीसदी के ऊपर अतिरिक्त सेस लगता है.
अर्थव्यवस्था को लचीला बनाने के लिए सही समय पर लिया गया फैसला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस ऐलान को लेकर ईवाई इंडिया के टैक्स पार्टनर सौरभ अग्रवाल ने पीटीआई को बताया कि, “प्रधानमंत्री का जीएसटी 2.0 का विजन भारतीय अर्थव्यवस्था को लचीला बनाने की दिशा में एक सही समय पर उठाया गया कदम है. यह सिर्फ प्रक्रियात्मक बदलाव नहीं, बल्कि वैश्विक व्यापार तनावों से निपटने के लिए जरूरी संरचनात्मक सुधार है. साथ ही उन्होंने कहा कि इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर को ठीक करने से कारोबारियों की पूंजी प्राप्त होगी और निर्यात अधिक प्रतिस्पर्धी बनेगा.”
ग्रांट थॉर्नटन भारत के टैक्स प्लानिंग विशेषज्ञ कृष्ण अरोड़ा ने कहा, “जीएसटी दरों में समीकरण लंबे समय से लंबित था. प्रधानमंत्री की घोषणा से लगता है कि अब यह प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. रोजमर्रा की वस्तुओं को 12 फीसदी से 5 फीसदी स्लैब में शिफ्ट करने से न केवल कीमतें कम होंगी, बल्कि सप्लाई और डिमांड भी बढ़ेगी, खासकर एमएसएमई क्षेत्र के लिए.”
यह भी पढ़ें: BSE, Paytm और JM Financial सहित इन कंपनियों ने निवेशकों पर बरसाया पैसा, एक साल में निवेश डबल
अर्थव्यवस्था पर क्या होगा प्रभाव
- महंगाई में कमी: रोजमर्रा की वस्तुओं पर टैक्स कम होने से खुदरा महंगाई घटेगी.
- एमएसएमई को बढ़ावा: छोटे व्यवसायों को ऑपरेशनल पूंजी और रेगुलेटरी बोझ से राहत मिलेगी.
- निर्यात प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी: इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर में सुधार से निर्यातकों को फायदा होगा.
बड़े पैमाने पर होगा रोजगार सृजन
टैक्स कनेक्ट एडवाइजरी के विवेक जालान ने बताया कि पिछले आठ महीनों से जीएसटी काउंसिल की बैठक नहीं हुई है, क्योंकि दरों के समीकरण का व्यापक अभ्यास चल रहा है. मंत्रियों के एक समूह (GoM) इस पर काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा, “इस दिवाली तक आम आदमी द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली वस्तुओं को 5 फीसदी स्लैब में लाया जा सकता है.”
सीआईआई के डीजी चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि पीएम मोदी का भाषण युवाओं को सशक्त बनाने, एमएसएमई को मजबूती देने और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को दर्शाता है. 1 लाख करोड़ रुपये की पीएम-विकसित भारत रोजगार योजना (जिसमें पहली बार नौकरी पाने वालों को 15,000 रुपये की सहायता मिलेगी) से बड़े पैमाने पर रोजगार सृजित होंगे.