भारत बनाएगा खुद का स्पेस स्टेशन, दुनिया के खास क्लब में होगा शामिल

स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी ने ऐलान किया कि भारत का भी अपना स्पेस स्टेशन होगा और मिशन गगनयान पर तेजी से काम चल रहा है. उन्होंने कहा कि 300 से अधिक स्टार्टअप स्पेस सेक्टर में काम कर रहे हैं. साथ ही स्वच्छ ऊर्जा में लक्ष्य समय से पहले पूरा करने और ऊर्जा आत्मनिर्भरता पर भी जोर दिया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी Image Credit:

PM Modi: देश 15 अगस्त 2025 को अपना 79वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किले से 12वीं बार देश को संबोधित किया. अपने शुरुआती भाषण में उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर पर फोकस किया और इसके बाद स्पेस स्टेशन को लेकर बड़ा ऐलान किया. पीएम मोदी ने कहा कि भारत का अपना खुद का स्पेस स्टेशन होगा. उन्होंने बताया कि ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से लौट चुके हैं और यह हमारी स्पेस यात्रा में एक अहम कदम है. उन्होंने कहा कि भारत स्पेस में भी अपने बलबूते पर आगे बढ़ रहा है.

भारत का अपना होगा स्पेस स्टेशन

लाल किले से पीएम मोदी ने ऐलान किया कि भारत का भी अपना स्पेस स्टेशन होगा, भारत इस पर काम कर रहा है. उन्होंने कहा, “हम मिशन गगनयान पर तेजी से काम कर रहे हैं.” आगे पीएम मोदी ने कहा, “140 करोड़ भारतवासी 2047 में विकसित भारत के संकल्प को परिपूर्ण करने के लिए ताकत से जुटे हैं.” पीएम मोदी ने कहा, “मेरे देश के 300 से ज्यादा स्टार्टअप्स सिर्फ स्पेस के सेक्टर में काम कर रहे हैं और यह है देश के नौजवानों की ताकत और देश का उन पर विश्वास.”

क्या होता है स्पेस स्टेशन?

आसान भाषा में स्पेस स्टेशन एक तरह का अंतरिक्ष में तैरता हुआ मानव-निर्मित घर और लैबोरेटरी है, जिसमें अंतरिक्ष यात्री लंबे समय तक रहकर काम कर सकते हैं. यह धरती के चारों ओर कक्षा में घूमता है और इसका इस्तेमाल रिसर्च, टेक्नोलॉजी टेस्ट और स्पेस में नए प्रयोग करने के लिए होता है.

अभी तक किन देशों के पास है खुद का स्पेस स्टेशन

अभी तक दुनिया में केवल कुछ देशों के पास ही अपना खुद का स्पेस स्टेशन है. मौजूदा समय में,

चीन – चीन के पास अपना स्वतंत्र स्पेस स्टेशन Tiangong” (तियांगोंग) है, जो पूरी तरह से चीन द्वारा डिजाइन, बनाया और संचालित किया गया है.

रूस – रूस के पास दो स्पेस स्टेशन रहे हैं, इसमें Salyut और Mir. हालांकि अब रूस अपना नया स्वतंत्र स्पेस स्टेशन ROSS (Russian Orbital Service Station) बनाने की योजना पर काम कर रहा है, लेकिन फिलहाल वह अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) में साझेदार है.

अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) – ISS किसी एक देश का नहीं है, बल्कि यह अमेरिका (NASA), रूस (Roscosmos), यूरोप (ESA), जापान (JAXA) और कनाडा (CSA) का संयुक्त प्रोजेक्ट है. इसलिए यह किसी एक देश का अपना नहीं है.

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