महंगे शौक रखने वालों की जेब होगी ढीली, इन लग्जरी आइटम्स पर 28% तक लग सकता है GST

मंत्री समूह ने जिन 58 वस्तुओं का महंगा करने की सिफारिश की है, उसमें 10 हजार रुपये से ज्यादा महंगे वाले हैंड बैग, लग्जरी कलाई घड़ी और धूप के चश्में शामिल हैं. इसके अलावा मंत्री समूह ने 5000 रुपये से ज्यादा महंगे पेन, 50000 रुपये से ज्यादा महंगी साइकिलें, महंगे कफलिंग और लग्जरी कॉस्मेटिक आइटम्स पर भी अधिक जीएसटी लगाने का सुझाव दिया है.

इस साल 21 दिसंबर को जीएसटी परिषद की आखिरी बैठक है. Image Credit: jayk7/Moment/Getty Images

महंगे शौक रखने वालों को अब ज्यादा टैक्स देना पड़ सकता है. अगर साधारण भाषा में कहें, तो अब ज्यादा खूबसूरत दिखने के लिए आपको अपने चेहरे पर पानी की तरह पैसे बहाने होंगे. क्योंकि जीएसटी परिषद द्वार नियुक्त मंत्रियों के समूह ने दरों को तर्कसंगत बनाने के प्रोसेस में कुल 58 वस्तुओं और 24 सेवाओं पर टैक्स की दरें बढ़ाने का सुझाव दिया है. अगर ऐसा होता है तो अब बॉडी पर टैटू बनवाना, नेल आर्ट बनवाना, और बोटोक्स ट्रीटमेंट करना महंगा हो जाएगा. लेकिन इस पर फैसला जीएसटी परिषद की अगली बैठक में लिया जाएगा.

खास बात यह है कि मंत्री समूह ने जिन 58 वस्तुओं को महंगा करने की सिफारिश की है, उसमें 10 हजार रुपये से ज्यादा महंगे वाले हैंड बैग, लग्जरी कलाई घड़ी और धूप के चश्में शामिल हैं. इसके अलावा मंत्री समूह ने 5000 रुपये से ज्यादा महंगे पेन, 50000 रुपये से ज्यादा महंगी साइकिलें, महंगे कफलिंग और लग्जरी कॉस्मेटिक आइटम्स पर भी अधिक जीएसटी लगाने का सुझाव दिया है. साथ ही मंत्री समूह ने 24 सेवाओं में कॉस्मेटिक प्रोसीजर्स को भी शामिल किया है. इन पर अभी 18 प्रतिशत या 12 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगता है. लेकिन अब इसे बढ़ाकर 28 प्रतिशत वाले स्लैब में लाया जा सकता है.

बोटोक्स ट्रीटमेंट करना भी होगा महंगा

खास बात यह है अब बॉडी पर टैटू बनवाना, नेल आर्ट बनवाना, और बोटोक्स ट्रीटमेंट करना भी महंगा हो सकता है, क्योंकि जीएसटी मंत्री समूह ने नेल आर्ट पार्लर, टैटू पार्लर, लग्जी स्पा सर्विसेज और सुपर लग्जरी सैलून सर्विसेज पर सबसे ज्यादा यानी 28 फीसदी की दर से जीएसटी लगाने की सिफारिश की है. वहीं, मंत्री समूह नवंबर महीने में ये राय जीएसटी परिषद को सौंप सकता है. हालांकि, इससे पहले मंत्री समूह एक फिर से जीएसटी दरों पर अंतिम फैसला लेगा.

टर्म इंश्योरेंस पर जीएसटी से छूट

दरअसल, जीएसटी परिषद की अगली बैठक नवंबर महीने में होने वाली है, लेकिन जानकारों का कहना है कि ऐसा नहीं है कि सिफारिश के बाद सभी चीजें महंगी ही हो जाएंगी. वहीं, मंत्री समूह की सिफारिशों में कुछ रियायतें भी शामिल हैं. जीएसटी परिषद ने हेल्थ इंश्योरेंस और टर्म इंश्योरेंस पर जीएसटी से छूट देने का फैसला किया है. यानी 5 लाख रुपये तक के कवरेज वाले हेल्थ इंश्योरेंस और टर्म इंश्योरेंस के प्रीमियम पर लगने वाले कर को पूरी तर से खत्म करने की भी सहमति बनी है.

इनके ऊपर से घट सकता है जीएसटी

इसके अलावा वरिष्ठ नागरिकों को दिए जाने वाले हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम को भी कर मुक्त किया जा सकता है. हालांकि, अभी हेल्थ इंश्योरेंस और टर्म इंश्योरेंस के प्रीमियम पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाता है. वहीं, 20 लीटर वाले बोतल बंद पानी पर भी जीएसटी दर 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी तक किया जा सकता है.