FD के ब्याज घटने का नो टेंशन! ये म्यूचुअल फंड देंगे शानदार रिटर्न, यहां समझें क्या है फंडा
रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दरों में कटौती के बाद डेट म्यूचुअल फंड्स में निवेश करना एक अच्छा विकल्प हो सकता है, क्योंकि जब ब्याज दरें गिरती हैं तो पुराने बॉन्ड्स की वैल्यू बढ़ जाती है और फंड का एनएवी भी बढ़ता है. यहां जानें क्या है एक्सपर्ट की सलाह.

Debt Fund: रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में दो बार कटौती कर दी है, इसके बाद एक तो FDs पर मिलने वाला ब्याज घटता है दूसरा इससे कुछ म्यूचुअल फंड को फायदा भी मिलता है. ऐसे में फिक्स्ड डिपॉजिट का पैसा या फिर नया निवेश ऐसे फंड में किया जा सकता है. एक्सपर्ट्स बताते हैं कि ऐसे समय में डेट म्यूचुअल फंड से बेहतर रिटर्न की उम्मीद की जा सकती है. चलिए समझते हैं कैसे?
ब्याज दरें घटी तो डेट फंड्स को फायदा कैसे?
डेट म्यूचुअल फंड्स वो फंड्स हैं जो उन बॉन्ड्स में निवेश करते हैं जो तय समय के लिए एक निश्चित ब्याज (जिसे कूपन कहते हैं) देते हैं. जब बाजार में ब्याज दरें गिरती हैं, तो नए जारी होने वाले बॉन्ड्स कम ब्याज दर पर आते हैं. ऐसे में पुराने बॉन्ड्स जो ज्यादा ब्याज दे रहे होते हैं, उनकी वैल्यू बढ़ जाती है और उनके दाम चढ़ने लगते हैं. चूंकि म्यूचुअल फंड्स के पास ये पुराने बॉन्ड्स होते हैं, इसलिए इनकी कीमत बढ़ने से फंड का एनएवी (नेट एसेट वैल्यू) बढ़ता है और निवेशकों को फायदा होता है.
लेकिन ध्यान रहे, हर बॉन्ड एक जैसा रिएक्ट नहीं करता. जिन बॉन्ड्स की मैच्योरिटी लंबी होती है, वे ब्याज दरों के बदलाव पर ज्यादा तीव्रता से प्रतिक्रिया देते हैं: सेबी रजिस्टर्ड इंवेस्टमेंट एडवाइजर जितेंद्र सोलंकी ने मनी9लाइव को बताया:
- जब ब्याज दरें गिरती हैं तो लॉन्ग टर्म बॉन्ड्स की कीमतें ज्यादा बढ़ती हैं और लॉन्ग टर्म वाले फंड्स ज्यादा रिटर्न देते हैं.
- जब ब्याज दरें बढ़ती हैं तो इन्हीं फंड्स को बड़ा नुकसान हो सकता है.
- इसके उलट, शॉर्ट टर्म वाले फंड्स ज्यादा स्थिर रहते हैं. जब दरें गिरती हैं तब इनका फायदा कम होता है, लेकिन जब दरें बढ़ती हैं तब ये बड़ा नुकसान होने से बचाते हैं.
किस प्रकार का डेट फंड चुनें: एक्सपर्ट सलाह
गिरती ब्याज दरों का सबसे ज्यादा फायदा लंबे अवधि वाले डेट फंड्स को होता है. लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि हर निवेशक को इन्हें ही चुनना चाहिए. डेट निवेश का मुख्य मकसद होता है स्थिरता देना, ना कि रिटर्न के पीछे भागना. वो काम इक्विटी का होता है. इसलिए आपकी मुख्य डेट पोर्टफोलियो की नींव छोटे अवधि या कम अवधि वाले फंड्स पर होनी चाहिए, जो ज्यादा स्थिर और अनुमानित रिटर्न देते हैं.
जितेंद्र सोलंकी ने मनी9लाइव को बताया कि, अगर आप मौजूदा ब्याज दरों में गिरावट के दौर का फायदा उठाना चाहते हैं, तो लंबे अवधि या डायनेमिक बॉन्ड फंड्स या Gilt फंड में पैसा लगा सकते हैं लेकिन इसके लिए आपको 2 से 3 साल के लिए निवेश करना होगा.
फंड का नाम | 1 साल का रिटर्न (%) |
---|---|
ABSL Long Duration Fund | 13.34 |
HDFC Long Duration Fund | 13.20 |
Kotak Long Duration Fund | 13.17 |
Axis Long Duration Fund | 13.14 |
Bandhan Long Duration Fund | 13.10 |
SBI Long Duration Fund | 13.03 |
Nippon India Long Duration Fund | 13.03 |
DSP Gilt Fund | 13.02 |
Bandhan Gilt Fund | 12.95 |
Axis Gilt Fund | 12.84 |
ICICI Prudential Long Term Bond Fund | 12.84 |
Invesco India Gilt Fund | 12.83 |
Bandhan Dynamic Bond Fund | 12.67 |
DSP Strategic Bond Fund | 12.65 |
Kotak Gilt Fund | 12.54 |
Kotak Gilt Fund (Direct) | 12.49 |
Baroda BNP Paribas Gilt Fund | 12.37 |
PGIM India Dynamic Bond Fund | 12.35 |
PGIM India Gilt Fund | 12.29 |
ABSL Government Securities Fund | 12.25 |
Nippon India Gilt Fund | 12.25 |
ABSL Dynamic Bond Fund | 12.23 |
SBI Magnum Gilt Fund | 12.23 |
LIC MF Gilt Fund | 12.19 |
डिसक्लेमर– मनी9लाइव किसी भी शेयर या म्यूचुअल फंड में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां सिर्फ म्यूचुअल फंड के बारे में जानकारी दी गई है. एक्सपर्ट ने जो सलाह दी वो उनकी निजी सलाह है. निवेश से पहले जरूरी है कि आप किसी वित्तीय सलाहकार की सलाह जरूर लें. सोर्स- Value Research
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