Trump Tariffs vs Modi Reforms: AI Jobs बने ढाल, FinMin की रिपोर्ट में दावा-टैरिफ बम का असर सीमित

फिलहाल दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत और सबसे बड़े पूंजीवादी देश अमेरिका के बीच टैरिफ पर खींचतान चल रही है. एक तरफ अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप जहां टैरिफ से अमेरिका को ग्रेट बनाना चाहते हैं. वहीं, पीएम मोदी विकसित भारत के लिए रिफॉर्म पर जोर दे रहे हैं. FinMin की एक रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप के टैरिफ बम का भारत की इकोनॉमी पर सीमित असर होगा. क्योंकि, भारत ने रिफॉर्म्स पर जोर दिया है.

ट्रंप जहां अमेरिकी इकोनॉमी को बढ़ाने के लिए टैरिफ पर जोर दे रहे हैं. वहीं, पीएम मोदी रिफॉर्म पर जोर दे रहे हैं Image Credit: money9live/OpenAI

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के Tariff Plan ने वैश्विक व्यापार की रफ्तार को झटका दिया है. WTO पहले ही Global Trade Growth के अुनमान को आधा कर चुका है. वहीं, दुनिया की तमाम रेटिंग एजेंसीज भी बता रही हैं कि इससे ग्लोबल ट्रेड को नुकसान पहुंच रहा है. ट्रंप भारत पर दबाव बनाने के लिए हर रोज बयानबाजी कर रहे हैं और तरह-तरह की पैंतरेबाजी कर रहे हैं. वहीं, इसके विपरीत भारत ने खामोशी से अपना काम जारी रखा है.

भारतीय निर्यात पर अमेरिका के Retaliatory and Penalty Tariffs की वजह से भारत के Textile, Engineering और Gems जैसे Export Heavy सेक्टर्स पर इसका शॉर्ट टर्म दबाव बनता नजर आ रहा है. लेकिन, वित्त मंत्रालय की मासिक रिपोर्ट Monthly Economic Review, July 2025 के मुताबिक भारत ने टैरिफ को लेकर जारी ट्रंप की पैंतरेबाजी का जवाब केवल कूटनीतिक बयानों के जरिये ही नहीं दिया है. बल्कि, मोदी सरकार ने Structural Reforms और AI Jobs Growth के जरिये भारत की इकोनॉमी को ऐसे झटकों को सहन के लिए तैयार भी किया है.

Trump Tariffs का हालिया असर

रिपोर्ट के मुताबिक US Tariffs का सीधा असर भारत के कुछ Export Sectors पर है. खासकर Textile, Engineering Goods और Gems & Jewellery जैसी इंडस्ट्रीज इससे प्रभावित होने वाली हैं. हालांकि, यह असर सिर्फ भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि वैश्विक है. WTO Projection के मुताबिक Global Trade Growth 3% रहनी चाहिए थी, लेकिन अब सिर्फ 1.5% तक सीमित हो सकती है. इसका मतलब है कि Traditional Export-Driven Growth Model भारत के लिए Sustainable नहीं रह सकता.

टैरिफ का चक्रव्यूह बनाम रिफॉर्म की रणनीति

Trump Tariffs पर भारत को झुकाने के लिए राजनयिक मर्यादा और अमेरिकी राष्ट्रपति की हैसियत को ताक पर रखकर भारत को अपने चक्रव्यूह में फंसाना चाह रहे हैं. लेकिन, मोदी सरकार ने इस चुनौती का जवाब Structural Reforms के जरिये दिया है. यही वजह है कि ट्रंप की तरफ से भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लादे जाने के बाद भी भारत की Sovereign Credit Rating को Upgrade मिला है, जिससे Borrowing cost घटी है.

डोमेस्टिक डिमांड की बूस्टर डोज

इसके अलावा Next-Gen GST Reforms और Deregulation ने Investment Climate को मजबूत किया है. इसके साथ ही Capital Expenditure Push से Infrastructure-Led Growth को नई रफ्तार मिल रही है. यह Strategy भारत को सिर्फ Export पर निर्भर रहने से बचाती है. इसके अलावा Domestic Demand-Driven Economy की दिशा में ले जाती है.

लेबर मार्केट बना शॉक एब्जॉर्बर

रिपोर्ट बताती है कि भारत का Labour Market ट्रंप टैरिफ जैसे Global Shocks को आसानी से सहन करने की स्थिति में है. Labour Force Participation Rate (LFPR) और Unemployment Rate दोनों में सुधार देखा गया है. EPFO ने भी रिकॉर्ड Payroll Additions दर्ज किए हैं. इसके अलावा महिलाओं और ग्रामीण वर्कफॉर्स की भागीदारी बढ़ी है, जिससे Consumption Base और मजबूत हुआ है. यह Broad-Based Employment टैरिफ की वजह से होने वाले Export Slowdown के असर को न्यूट्रल करने में मदद करेगा.

AI जॉब्स बने भारत की ढाल

भारतीय इकोनॉमी को नेक्स्ट लेवल के ग्रोथ फेज में लेकर जाने के लिए भारत की सबसे बड़ी ताकत केवल Manufacturing नहीं है. बल्कि, AI और Machine Learning Jobs भी ताकत बन रही हैं. रिपोर्ट के मुताबिक AI/ML Roles में 41% YoY Growth दर्ज हुई है. खास बात यह है कि सिर्फ IT Sector ही नहीं, बल्कि Insurance, Hospitality और Education जैसे Non-IT Sectors भी बड़े पैमाने पर AI-Based Hiring कर रहे हैं. यह नया Employment Base भारत की Economy को Global Trade Disruption से बचाने के लिए शील्ड की तरह काम कर रहा है.

टैरिफ बनाम रिफॉर्म की बिग पिक्चर

Trump Tariffs Short Term में दर्द देंगे. Export-Heavy Industries को दबाव झेलना पड़ेगा. लेकिन Modi reforms और AI Jobs Growth भारत की इकोनॉमी को Long-Term Resilience देंगे. Global investors जानते हैं कि भारत सिर्फ एक Export-Driven Economy नहीं है. बल्कि Domestic Demand, Skilled Labour Force और AI Ecosystem वाला नया Growth Model बना है. जहां, मोदी सरकार के Structural Reforms और AI-led Employment Growth भारत को Shock-Proof Economy बनाने में मदद कर रहे हैं. आने वाले समय में भारत की पहचान Emerging Market की नहीं होगी, बल्कि Future-Ready Economy बनकर सामने आएगा.

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