केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पीएम स्वनिधि योजना 2030 तक बढ़ाई, रेहड़ी-पटरी वालों को अब मिलेगा अधिक लोन

PM SVANidhi scheme: बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) योजना के विस्तार और पुनर्गठन को मंजूरी दे दी, जिससे लाखों छोटे विक्रेताओं को अपना व्यवसाय बढ़ाने के लिए अधिक समय और सहायता मिलेगी.

पीएम स्वनिधि योजना का विस्तार. Image Credit: Getty image

PM SVANidhi scheme: कोविड के दौरान मार झेलने वाले रेहड़ी-पटरी वाले छोटे व्यापारियों की मदद के लिए शुरू की गई प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) के विस्तार की मंजूरी केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दे दी है. बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) योजना के विस्तार और पुनर्गठन को मंजूरी दे दी, जिससे लाखों छोटे विक्रेताओं को अपना व्यवसाय बढ़ाने के लिए अधिक समय और सहायता मिलेगी.

यह योजना पहले दिसंबर 2024 में समाप्त होने वाली थी. अब 7,332 करोड़ रुपये के कुल खर्च के साथ 31 मार्च 2030 तक जारी रहेगी.

रेहड़ी-पटरी वालों को मिलेगी मदद

इस कदम से 1.15 करोड़ रेहड़ी-पटरी वालों को लाभ मिलने की उम्मीद है, जिनमें 50 लाख नए लाभार्थी शामिल हैं. इस योजना का कार्यान्वयन आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय (MoHUA) और वित्तीय सेवा विभाग (DFS) द्वारा संयुक्त रूप से जारी रहेगा. बैंक और वित्तीय संस्थान लोन और क्रेडिट कार्ड को सुलभ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे.

बढ़ाई गई लोन की राशि

लोन की राशि में बढ़ोतरी की गई है. पहला लोन अब 15,000 रुपये (पहले 10,000 रुपये) और दूसरा लोन 25,000 रुपये (पहले 20,000 रुपये) तक हो सकता है. तीसरा लोन 50,000 रुपये ही रहेगा. जो लाभार्थी समय पर दूसरा लोन चुकाएंगे, उन्हें व्यावसायिक और व्यक्तिगत जरूरतों को जल्दी पूरा करने में मदद के लिए UPI-लिंक्ड RuPay क्रेडिट कार्ड दिया जाएगा. विक्रेताओं को डिजिटल भुगतान के लिए प्रोत्साहित करने के लिए रिटेल और थोक लेनदेन पर 1,600 रुपये तक का डिजिटल कैशबैक भी उपलब्ध होगा.

कितने लोन किए गए प्रोसेस

30 जुलाई 2025 तक 68 लाख से अधिक विक्रेताओं को 13,797 करोड़ रुपये के 96 लाख से अधिक लोन वितरित किए जा चुके हैं. लगभग 47 लाख लाभार्थी डिजिटल रूप से एक्टिव हैं, जिन्होंने 6.09 लाख करोड़ रुपये के 557 करोड़ से अधिक डिजिटल लेनदेन किए हैं और सामूहिक रूप से 241 करोड़ रुपये कैशबैक अर्जित किए हैं.

वित्तीय स्थिति को मजबूत करने का लक्ष्य

‘स्वनिधि से समृद्धि’ पहल के तहत, 46 लाख विक्रेताओं की प्रोफाइलिंग से उन्हें 3,564 शहरी स्थानीय निकायों (ULB) के माध्यम से सरकारी योजनाओं से जोड़ने में मदद मिली है. इस नए विस्तार के साथ, सरकार का लक्ष्य योजना की पहुंच को व्यापक बनाना और छोटे विक्रेताओं के लिए वित्तीय सहायता को मजबूत करना है, जिससे उन्हें अधिक स्थिरता और डिजिटल अपनाने में मदद मिलेगी.

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