ट्रंप का ‘डबल टैरिफ’ लागू! SBI ने बताया भारत के किन सेक्टर पर होगा सबसे ज्यादा असर, कैसे निकलेगा हल?
भारतीय समय के मुताबिक बुधवार 27 अगस्त की सुबह करीब 9:30 बजे अमेरिका को होने वाले भारतीय निर्यात पर 50 फीसदी टैरिफ लागू हो जाएगा. मोटे तौर पर टैरिफ की सजा अमेरिकी लोगों को भुगतनी है. लेकिन, भारत के कई उद्योग भी इससे प्रभावित हो सकते हैं. SBI की एक रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक सबसे ज्यादा असर जेम्स और जूलरी उद्योग पर देखने को मिलेगा.
अमेरिका ने भारत से आयात होने वाले लगभग 45 अरब डॉलर के सामान पर 50% टैरिफ लागू करने का फैसला किया है, जो 27 अगस्त से प्रभावी होगा. SBI रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार यह कदम भारत के निर्यात, व्यापार संतुलन और कई श्रम-प्रधान उद्योगों पर गहरा असर डाल सकता है.
50% टैरिफ क्यों लगा?
अमेरिकी राष्ट्रपति के 6 अगस्त 2025 के Executive Order 14329 के बाद यह निर्णय लिया गया है. इसका सीधा असर भारत से अमेरिका जाने वाले उत्पादों पर पड़ेगा. चूंकि यह दरें चीन (30%), वियतनाम (20%) और जापान (15%) की तुलना में कहीं अधिक हैं, इसलिए भारत की प्रतिस्पर्धात्मक स्थिति कमजोर हो सकती है और अन्य एशियाई देश इसका फायदा उठा सकते हैं.
45 अरब डॉलर का निर्यात दांव पर
भारत से अमेरिका को होने वाले प्रमुख निर्यात में टेक्सटाइल, जेम्स एंड ज्वेलरी, सीफूड, ऑटो कंपोनेंट्स और ऑर्गेनिक केमिकल्स प्रमुख हैं. इनके निर्यात पर 50% टैरिफ का बोझ पड़ेगा. रिपोर्ट के मुताबिक स्मार्टफोन, फार्मा और स्टील जैसे सेक्टर को छूट और घरेलू मांग के कारण अपेक्षाकृत कम असर होगा.
भारत-अमेरिका व्यापार संतुलन पर खतरा
वित्त वर्ष 2025 में भारत का अमेरिका के साथ 41 अरब डॉलर का ट्रेड सरप्लस था. लेकिन 45 अरब डॉलर के निर्यात पर असर पड़ने से यह सरप्लस ट्रेड डेफिसिट में बदल सकता है. हालांकि रिपोर्ट का मानना है कि ट्रेड नेगोशिएशन इस स्थिति को संभाल सकते हैं.
टेक्सटाइल उद्योग पर सबसे बड़ा दबाव
अमेरिका भारत के लिए टेक्सटाइल का सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य है. पिछले पांच सालों में भारत ने अमेरिका में मार्केट शेयर बढ़ाया है. जबकि, चीन की हिस्सेदारी गिरी है. लेकिन अब 50% टैरिफ लागू होने से भारत की प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता वियतनाम और इंडोनेशिया जैसे देशों से कमजोर पड़ सकती है. यह सेक्टर भारत की जीडीपी में 2.3% योगदान देता है और 4.5 करोड़ लोगों को रोजगार देता है.
जेम्स एंड जूलरी एक्सपोर्ट को झटका
जेम्स एंड जूलरी सेक्टर के कुल निर्यात में अमेरिका की प्रमुख भूमिका है. अब यह सेक्टर 50% टैरिफ के दायरे में आ गया है. पहले यह दर 25% थी. इससे भारत की 28.5 अरब डॉलर की वार्षिक शिपमेंट को नुकसान होगा और स्विट्जरलैंड जैसे देशों को बढ़त मिल सकती है, जहां टैरिफ केवल 39% है.
सीफूड और झींगा निर्यातकों की चिंता
भारत के झींगा निर्यात का आधा हिस्सा अमेरिका को जाता है. 50% टैरिफ से भारतीय निर्यातक ऑर्डर कैंसिल होने और कीमत घटने की आशंका जता रहे हैं. इससे न केवल भारतीय निर्यातकों की आय गिरेगी बल्कि अमेरिकी उपभोक्ताओं के लिए कीमतें भी बढ़ेंगी. इस स्थिति में इक्वाडोर जैसे देशों को प्रतिस्पर्धात्मक लाभ मिल सकता है.
फार्मा सेक्टर को राहत
भारत का लगभग 40% फार्मा निर्यात अमेरिका को जाता है और यहां भारत की हिस्सेदारी लगातार बढ़ रही है. अच्छी बात यह है कि अमेरिका ने दवाओं को टैरिफ से छूट दी है. यह कदम भारत की फार्मा इंडस्ट्री को बड़ी राहत देगा, जो वैश्विक स्तर पर जेनेरिक दवाओं में मजबूत स्थिति रखती है.
भारत की अर्थव्यवस्था पर असर
SBI रिसर्च का अनुमान है कि लंबी अवधि में 50% टैरिफ भारत की जीडीपी पर दबाव डाल सकता है. खासकर श्रम-प्रधान उद्योग और MSME क्लस्टर, जिनकी रीढ़ टेक्सटाइल और ज्वेलरी है, सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे.
अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर भी दबाव
यह कदम केवल भारत ही नहीं, बल्कि अमेरिका की अर्थव्यवस्था के लिए भी महंगा साबित हो सकता है. रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका की जीडीपी 40–50 बेसिस पॉइंट तक प्रभावित हो सकती है और महंगाई का दबाव बढ़ सकता है. इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटो और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स जैसे सेक्टर में अमेरिकी उपभोक्ताओं को महंगी कीमत चुकानी पड़ सकती है.
कैसे निकलेगा हल?
अमेरिका का 50% टैरिफ भारत के लिए व्यापारिक चुनौती बनकर सामने आया है. इससे भारत के टेक्सटाइल, जेम्स एंड ज्वेलरी और सीफूड उद्योगों को झटका लग सकता है, जबकि फार्मा और स्मार्टफोन जैसे सेक्टर अपेक्षाकृत सुरक्षित हैं. आने वाले महीनों में भारत-अमेरिका के बीच ट्रेड नेगोशिएशन ही तय करेंगे कि यह संकट कितना गहरा होता है या सुलझता है.