कौन हैं पारस डिफेंस कंपनी के ‘माई-बाप’, कैसे करती है कमाई; ऑपरेशन सिंदूर से मिला था बूस्ट
पारस डिफेंस एंड स्पेस टेक्नोलॉजीज डिफेंस सेक्टर की एक पॉपुलर कंपनी है. ये कंपनी ड्रोन से लेकर क्वांटम कम्यूनिकेशन जैसी आधुनिक चीजें मुहैया कराती है. गोदरेज, टाटा, एचएएल समेत इसके कई दिग्गज क्लाइंट्स हैं. तो कौन है इस कंपनी के कर्ता-धर्ता और कैसे हुई कंपनी की शुरुआत जानें पूरी डिटेल.

Who is the owner of Paras Defense: पारस डिफेंस एंड स्पेस टेक्नोलॉजीज आज भारत के डिफेंस और तकनीकी क्षेत्र में एक बड़ा नाम बन चुकी है. रॉकेट, मिसाइल, नौसेना उपकरण, ड्रोन, एंटी-ड्रोन सिस्टम और क्वांटम कम्युनिकेशन जैसी कई आधुनिक तकनीकों पर काम करने वाली इस कंपनी ने ऑपरेशन सिंदूर में काफी सुर्खियां बंटोरी. भारत सरकार की ओर से डिफेंस सेक्टर को बढ़ावा दिए जाने से पारस डिफेंस को भी इसका फायदा मिल रहा है. यही वजह है कि पिछले एक महीने में इसके शेयरों में जबरदस्त उछाल देखने को मिला है. इतना ही नहीं कंपनी को कई बड़े ऑर्डर भी मिले हैं. तो कौन हैं पारस डिफेंस कंपनी के माई-बाप यानी वो लोग जिन पर कंपनी की अहम जिम्मेदारी है, साथ ही कैसे हुई थी कंपनी की शुरुआत जानें पूरी डिटेल.
कैसे हुई थी कंपनी की शुरुआत?
Tracxn वेबसाइट के मुताबिक पारस डिफेंस एंड स्पेस टेक्नोलॉजीज की स्थापना साल 1972 में हुई थी. इसकी नींव शरद शाह ने रखी थी. शुरुआती दौर में इसे पारस इंजीनियरिंग के नाम से जाना जाता था, हालांकि 2009 में इसका नाम बदलकर पारस डिफेंस एंड स्पेस टेक्नोलॉजीज कर दिया गया. पिछले 40 सालों से ज्यादा ये कंपनी डिफेंस सेक्टर में शानदार प्रदर्शन कर रही है. सितंबर 2021 में इसका IPO आया था, जिसे 304 गुना का बंपर सब्सक्रिप्शन मिला था. उस वक्त इसकी शुरुआती कीमत ₹175 रुपये थी, जो बढ़कर10 गुना हो चुका है.
कौन है कंपनी के कर्ता-धर्ता?
पारस डिफेंस के बोर्ड मेंबर्स में कई दिग्गज शामिल हैं. इसके चेयरमैन एंड नॉन एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर शरद विरजी शाह हैं, जबकि मुंजाल शरद शाह इसके मैनेजिंग डायरेक्टर हैं. वहीं शिल्पा अमित महाजन इसकी पूर्णकालिक डायरेक्टर हैं. इसके अलावा मनमोहन हांडा, सुरेश कात्याल और डॉ हिना अमोल गोखले कंपनी की इंडीपेंडेंट डायरेक्टर हैं. इन सभी पर कंपनी की जिम्मेदारी है.
600 से ज्यादा कर्मचारी करते हैं काम
पारस डिफेंस के पास 600 से ज्यादा कर्मचारियों की टीम है. कंपनी नई तकनीक विकसित करने की शानदार सुविधाएं देती हैं. यह कंपनी छोटे से लेकर बड़े प्रोजेक्ट्स को डिजाइन करने से लेकर पूरा करने तक का काम करती है. इसकी खासियत है कि यह समय पर अच्छी क्वालिटी के प्रोडक्ट्स किफायती दाम में मुहैया कराने का दावा करती है. पारस डिफेंस एयरबस और क्राटोस जैसी बड़ी कंपनियों को टक्कर दे रही है.
MK-46 और MK-48 के लिए मिला लाइसेंस
पारस डिफेंस का ऑर्डर बुक काफी मजबूत है. इक्विटी मास्टर वेबसाइट के मुताबिक 31 मार्च 2025 तक कंपनी की ऑर्डर बुक 9 बिलियन रुपये थी. प्रबंधन ने वित्त वर्ष 26 के लिए 10 बिलियन रुपये से अधिक की ऑर्डर बुक का अनुमान लगाया है. कंपनी को वित्त वर्ष 27 तक शीर्ष 5 ड्रोन कंपनियों में शामिल होने का अनुमान है. इसके पास पहले से ही एक बड़ा कस्टमर बेस है, जिसमें HAL, ISRO, DRDO, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, गोदरेज, टाटा पावर, एल्बिट सिस्टम्स, कोचीन शिपयार्ड, गोवा शिपयार्ड, सिंगापुर इलेक्ट्रॉनिक्स आदि शामिल हैं. जनवरी 2025 में, कंपनी ने MK-46 और MK-48 बेल्ट-फेड लाइट मशीन गन (LMG) के प्रोडक्शन के लिए लाइसेंस हासिल किया, जिसकी वार्षिक उत्पादन क्षमता 6,000 यूनिट है.
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कैसा रहा वित्तीय प्रदर्शन?
31 मार्च, 2025 को समाप्त तिमाही के दौरान पारस डिफेंस का कंसॉलिडेटेड शुद्ध लाभ दोगुना होकर वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही के लिए 20.8 करोड़ रुपये हो गया, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 9.6 करोड़ रुपये था. इसी तरह फर्म का रेवेन्यू 36% बढ़कर 108.2 करोड़ रुपये हो गया, जो एक साल पहले की समान अवधि के लिए 79.7 करोड़ रुपये था. इसके अलावा एबिटा मार्जिन भी बढ़कर 25.8% हो गया.
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