कौन हैं 22 साल की आनंदमयी, जो हैं बजाज परिवार की 5 वीं पीढ़ी, हो रही है बिजनेस में एंट्री, जानें क्या करेंगी काम
22 साल की बेटी आनंदमयी ने इस महीने परिवार के 2.5 अरब डॉलर के बिजनेस में जनरल मैनेजर के रूप में कदम रखा है. आनंदमयी परिवार की पांचवीं पीढ़ी की सदस्य हैं, जो फैमली बिजनेस को आगे बढ़ाएंगी. आनंदमयी ने इस साल जून में अमेरिका की कोलंबिया यूनिवर्सिटी से फाइनेंशियल इकोनॉमिक्स और गणित में स्नातक की डिग्री हासिल की. ऐसे में आइए जानते है कौन है आनंदमयी?
Who is Anandamayi: बजाज ग्रुप के चेयरमैन कुशाग्र बजाज की 22 साल की बेटी आनंदमयी ने इस महीने परिवार के 2.5 अरब डॉलर के बिजनेस में जनरल मैनेजर के रूप में कदम रखा है. आनंदमयी परिवार की पांचवीं पीढ़ी की सदस्य हैं, जो बजाज ग्रुप के बिजनेस को आगे बढ़ाएंगी. आनंदमयी ने इस साल जून में अमेरिका की कोलंबिया यूनिवर्सिटी से फाइनेंशियल इकोनॉमिक्स और गणित में स्नातक की डिग्री हासिल की.
अलग-अलग बिजनेस की लीडरशिप टीमों के साथ करेंगी काम
अपनी नई भूमिका में वह बजाज ग्रुप के अलग-अलग बिजनेस की लीडरशिप टीमों के साथ काम करेंगी और बाद में ग्रुप की कंपनियों के बोर्ड में शामिल होंगी. आनंदमयी के दो भाई हैं. पहला 20 साल का युगादिकृत और दूसरा 17 साल का विश्वरूप. युगादिकृत अभी पढ़ाई कर रहा है और दो साल बाद ग्रुप में शामिल होगा. विश्वरूप एचआर कॉलेज में पढ़ता है. वह एक पोलो चैंपियन है.
इन बिजनेस में है बजाज ग्रुप
कुशाग्र बजाज ने आनंदमयी के बिजनेस में शामिल होने पर कर्मचारियों से कहा कि वह युवा उत्साह और जिम्मेदारी का लेकर आई हैं. उन्होंने कहा कि आनंदमयी की यह यात्रा सिर्फ उनकी नहीं, बल्कि पूरे बजाज ग्रुप की कहानी का हिस्सा है. बजाज ग्रुप का बिजनेस चीनी, इथेनॉल, बिजली, और पर्सनल केयर जैसे क्षेत्रों में फैला हुआ है. इस ग्रुप में 12,000 से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं. यह ग्रुप साल 2008 में मूल बजाज ग्रुप से अलग हुआ था.
मूल बजाज ग्रुप की शुरुआत साल 1930 में जमनालाल बजाज ने की थी. अब इसे कुशाग्र के चचेरे भाई राजीव बजाज (बजाज ऑटो के एमडी) और संजीव बजाज (बजाज फिनसर्व के सीएमडी) संभालते हैं. राजीव के बेटे रिशब, बजाज ऑटो में डिवीजनल मैनेजर (प्रोडक्ट स्ट्रैटेजी) के रूप में काम करते हैं. वहीं, संजीव की बेटी संजलि ने बजाज फिनसर्व में काम किया और अब हार्वर्ड से एमबीए कर रही हैं.
कुमार मंगलम बिड़ला से हैं नाता
आनंदमयी का बिजनेस में आना इस बात का सबूत है कि बड़े कारोबारी परिवारों की बेटियां अब मैनेजमेंट की भूमिकाएं निभा रही हैं. आनंदमयी की मां वासवदत्ता बजाज, आदित्य बिरला ग्रुप के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला की बहन हैं. उनका बिजनेस में आना न सिर्फ परिवार के लिए, बल्कि पूरे कारोबारी समुदाय के लिए एक बड़ा कदम है. उनकी शिक्षा और नई सोच ग्रुप को और मजबूत करने में मदद करेगी. साथ ही, उनका महिलाओं और जानवरों के लिए काम करने का जुनून भी उनके काम में नई दिशा ला सकता है.
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