देशभर के 47 फीसदी मंत्रियों पर आपराधिक मामले दर्ज, 17 फीसदी पर हत्या-अपहरण जैसे आरोप : ADR रिपोर्ट
देश में सियासत और अपराध का चोली-दामन जैसा साथ है. 2025 में भी देशभर के करीब 47 फीसदी मंत्रियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. इनमें से 17 फीसदी मंत्री ऐसे हैं, जिनके खिलाफ हत्या, अपहरण और महिलाओं पर अत्याचार जैसे आरोप हैं.

चुनाव अधिकार संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) के एक विश्लेषण के मुताबिक देश के करीब 47 फीसदी मंत्रियों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. इन मामलों की जानकारी खुद मंत्रियों ने अपने चुनावी हलफानामों में दी है. इसके अलावा इन मंत्रियों में से 17 फीसदी ऐसे हैं, जिनके खिलाफ हत्या, अपहरण और महिलाओं के खिलाफ अपराध जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं.
600 से ज्यादा मंत्रियों पर हुआ अध्ययन
यह रिपोर्ट केंद्र सरकार की तरफ से उन तीन विधेयकों को संसद में पेश किए जाने के कुछ दिन बाद आई है, जिनमें गंभीर आपराधिक आरोपों में गिरफ्तारी के बाद 30 दिन तक हिरासत में रहने पर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को पद से हटाने का प्रावधान है. ADR 27 राज्यों की विधानसभाओं, तीन केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्रीय मंत्रिपरिषद के 643 मंत्रियों के हलफनामों का अध्ययन किया गया. इसमें सामने आया कि कुल 302 मंत्रियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. वहीं, इन 302 मंत्रियों में से 174 पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं.
भाजपा के 40 फीसदी मंत्री आरोपी
विश्लेषण रिपोर्ट में बताया गया है कि भाजपा शासित सरकारों के 336 मंत्रियों में से 136 यानी करीब 40 फीसदी ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा की है. वहीं, इनमें से 88 यानी करीब 26 फीसदी पर गंभीर आरोप हैं.

कांग्रेस के 74 फीसदी मंत्रियों पर आरोप
रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस शासित चार राज्यों में पार्टी के 45 मंत्री यानी 74 फीसदी पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. इनमें से 18 यानी 30 फीसदी के खिलाफ गंभीर अपराध दर्ज हैं. इसके अलावा द्रमुक के 31 मंत्रियों में से 27 यानी करीब 87 फीसदी पर आपराधिक आरोप हैं, जबकि 14 यानी 45 फीसदी पर गंभीर मामले दर्ज हैं. तृणमूल कांग्रेस के भी 40 में से 13 यानी 33 फीसदी मंत्रियों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. इनमें से 8 यानी 20 फीसदी पर गंभीर आरोप हैं.
इस पार्टी के 96 फीसदी मंत्रियों पर दाग
आपराधिक आरोपों का सामना करने वाले मंत्रियों में तेलुगु देशम पार्टी का सबसे आगे है. इसके 23 में से 22 यानी 96 फीसदी मंत्रियों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. इसके अलावा 13 यानी 57 फीसदी पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं. इसके अलावा आम आदमी पार्टी के 16 में से 11 यानी 69 फीसदी मंत्रियों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं, जबकि5 यानी 31 फीसदी पर गंभीर मामले दर्ज हैं. वहीं, राष्ट्रीय स्तर पर 72 केंद्रीय मंत्रियों में से 29 यानी 40 फीसदी मंत्रियों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं.
सबसे ज्यादा-सबसे कम
आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, बिहार, ओडिशा, महाराष्ट्र, कर्नाटक, पंजाब, तेलंगाना, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली और पुडुचेरी में 60 प्रतिशत से ज्यादा मंत्रियों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. इसके विपरीत, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, नगालैंड और उत्तराखंड के मंत्रियों के खिलाफ कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं हैं.
मंत्रियों औसत संपत्ति 37 करोड़
रिपोर्ट में मंत्रियों की वित्तीय संपत्तियों का विश्लेषण दिया गया है. इसके मुताबिक मंत्रियों की औसत संपत्ति 37.21 करोड़ रुपये है, जबकि सभी 643 मंत्रियों की कुल संपत्ति 23,929 करोड़ रुपये है. तीस विधानसभाओं में से 11 में अरबपति मंत्री हैं. कर्नाटक में सबसे ज्यादा 8 अरबपति मंत्री हैं, उसके बाद आंध्र प्रदेश में 6 और महाराष्ट्र में 4 अरबपति मंत्री हैं. वहीं, अरुणाचल प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा और तेलंगाना में दो-दो मंत्री, जबकि गुजरात, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश और पंजाब में एक-एक मंत्री अरबपति हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्र सरकार में केंद्रीय मंत्रिपरिषद के 72 मंत्रियों में से 6 यानी 8 फीसदी अरबपति हैं.
भाजपा के मंत्री सबसे अमीर
पार्टी के हिसाब से, भाजपा के अरबपति मंत्रियों की संख्या सर्वाधिक 14 है, हालांकि यह उसके कुल मंत्रियों का सिर्फ 4 प्रतिशत है. कांग्रेस दूसरे स्थान पर है, जिसके 61 मंत्रियों में से 11 यानी 18 फीसदी अरबपति हैं, जबकि TDP के 23 में से 6 मंत्री यानी 26 फीसदी अरबपति हैं. वहीं, आम आदमी पार्टी, जनसेना पार्टी, जनता दल (सेकुलर), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और शिवसेना में भी अरबपति मंत्री हैं.
कौन हैं देश के सबसे अमीर मंत्री
देश के सबसे अमीर मंत्री TDP के डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासानी हैं, जो लोकसभा में आंध्र प्रदेश के गुंटूर से सांसद हैं। उन्होंने 5,705 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति घोषित की है. वहीं, कर्नाटक कांग्रेस के नेता और राज्य के उप-मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार 1,413 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति के साथ दूसरे स्थान पर हैं, जबकि तेदेपा के प्रमुख व आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू के पास 931 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है.

शीर्ष 10 में शामिल अन्य अमीर मंत्रियों में आंध्र प्रदेश के नारायण पोंगुरु और नारा लोकेश, तेलंगाना के गद्दम विवेकानंद और पोंगुलेटी श्रीनिवास रेड्डी, कर्नाटक के सुरेश बी एस, महाराष्ट्र के मंगल प्रभात लोढ़ा और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया शामिल हैं.
इन मंत्रियों के पास सबसे कम संपत्ति
रिपोर्ट में बताया गया है कि कुछ मंत्रियों ने अपने पास बहुत कम संपत्ति होने की सूचना दी है. इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा के शुक्ला चरण नोआतिया ने केवल 2 लाख रुपये की संपत्ति घोषित की, जबकि तृणमूल कांग्रेस के नेता और पश्चिम बंगाल के मंत्री बीरबाहा हंसदा ने 3 लाख रुपये से थोड़ी अधिक की संपत्ति की सूचना दी.
Latest Stories

मुंबई ट्रैफिक कंट्रोल रूम को मिली धमकी, पूरे शहर में 34 मानव बम होने का दावा; RDX विस्फोट की चेतावनी

भारतीय छात्रों का अमेरिका-कनाडा से मोहभंग, इन देशों में ले रहे सबसे ज्यादा एडमिशन; जानें वजह

कलम, किताब और ज्ञान की राह… इन शुभकामनाओं और कोट्स से अपने फेवरेट टीचर्स को दें शिक्षक दिवस की बधाई
