अहमदाबाद विमान हादसे में Air India का बड़ा ऐलान, दुर्घटना पीड़ितों के परिवारों को 25 लाख रुपये की मिलेगी तुरंत मदद
अहमदाबाद विमान हादसे में एयर इंडिया ने मृतकों के परिजनों और जीवित बचे लोगों को 25 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है. यह राशि टाटा ग्रुप द्वारा पहले दिए गए 1 लाख रुपये से अलग है. हादसे में 270 लोगों की मौत हो गई जबकि सिर्फ एक यात्री ही बच पाया.
Air india Plane Crash: टाटा ग्रुप के स्वामित्व वाली एयरलाइन कंपनी एयर इंडिया ने शनिवार को मुआवजे से जुड़ा बड़ा ऐलान किया है. कंपनी ने अहमदाबाद विमान हादसे में मारे गए यात्रियों के परिवारों और जीवित बचे लोगों को 25 लाख रुपये का अंतरिम मुआवजा देने का फैसला किया है. यह राशि टाटा समूह द्वारा पहले दिए गए 1 लाख रुपये के अतिरिक्त होगी, जिससे पीड़ित परिवारों को तत्काल वित्तीय सहायता मिल सके. गुरुवार, 12 जून को हुए इस भीषण हादसे में बोइंग 787 विमान एक मेडिकल कॉलेज के छात्रावास से टकरा गया था, जिसमें 270 लोगों की मौत हो गई. विमान में सवार केवल एक यात्री ही जीवित बच पाया.
सिर्फ एक यात्री की बची जान
इस दुर्भाग्यपूर्ण विमान दुर्घटना में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी सहित 241 यात्रियों की मृत्यु हो गई थी. केवल एक भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिक रमेश विश्वासकुमार ही बच पाए थे. 40 वर्षीय रमेश विश्वासकुमार अपने बड़े भाई अजय कुमार रमेश से मिलने भारत आए थे, जो उसी विमान में उनके साथ यात्रा कर रहे थे. रमेश ने हिंदुस्तान टाइम्स (HT) को बताया, “मैं डर गया था. मैं खड़ा हुआ और भाग गया. मेरे चारों तरफ लाशें पड़ी थीं.” उन्होंने आगे कहा, “विमान के टुकड़े हर जगह बिखरे हुए थे.”
IMA ने मृत डॉक्टरों के लिए मुआवजे की मांग की
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने एयर इंडिया को एक पत्र लिखा है. इस पत्र में IMA ने हॉस्टल के आसपास जान गंवाने वाले डॉक्टरों और लोगों के परिजनों को एक-एक करोड़ रुपये मुआवजा देने की मांग की है. IMA अध्यक्ष डॉ. अनिल कुमार जे. नायक ने टाटा समूह के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन से अनुरोध किया है कि वे सर्वेक्षण के बाद किसी भी घायल या विकलांग छात्र या निवासी के लिए पैकेज की घोषणा करें.
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टाटा ग्रुप ने बताया ‘काला दिन’
नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सचिव समीर कुमार सिन्हा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पत्रकारों को बताया, “एटीसी के अनुसार, जब उसने एयर इंडिया के विमान से संपर्क करने की कोशिश की, तो उसे कोई जवाब नहीं मिला. ठीक एक मिनट बाद, यह विमान मेघानीनगर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जो हवाई अड्डे से लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.”
वहीं, कल टाटा समूह के चेयरमैन नटराजन चंद्रशेखरन ने कर्मचारियों को लिखे एक आंतरिक पत्र में 12 जून को “टाटा समूह के इतिहास के सबसे काले दिनों में से एक” बताया.