केंद्र का बड़ा फैसला, 28,602 करोड़ की 12 इंडस्ट्रियल परियोजनाओं को मंजूरी, 40 लाख को मिलेगी नौकरी

इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी के तहत ये परियोजनाओं देश के 10 राज्यों में 12 शहरों को 6 प्रमुख इंडस्ट्रियल कॉरिडोर से जोड़ेंगी. ये सभी शहर देश के चारों कोनों को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क स्वर्णिम चतुर्भुज से जुड़े होंगे.

स्मार्ट इंडस्ट्रियल सिटी परियोजनाओं से देश की अर्थव्यवस्था को 2030 तक 5 लाख करोड़ डॉलर से बड़ी बनाने में भी मदद मिलेगी. Image Credit: CHUNYIP WONG/E+/Getty Imahes

केंद्र सरकार ने देश में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए 12 इंडस्ट्रियल परियोजनाओं को मंजूरी दी है. बुधवार 28 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में CCEA यानी आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने बैठक की, जिसमें NICDP यानी राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम के तहत 12 परियोजना प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है. केंद्र सरकार का दावा है कि इस कदम से करीब 10 लाख लोगों को प्रत्यक्ष और 30 लाख लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा. इसके अलावा देश के औद्योगिक क्षेत्र में बड़े बदलाव आ सकते हैं. इन 12 परियोजनाओं के जरिये देशभर में औद्योगिक केंद्रों का एक मजबूत नेटवर्क तैयार किया जाएगा, जो देश के आर्थिक विकास के साथ भारतीय उद्योगों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिहाज से मजबूत बनाएगा. प्लग-एन-प्ले और वॉक-टू-वर्क जैसे कॉन्सेप्ट के साथ इन शहरों में विश्वस्तरीय ग्रीनफील्ड औद्योगिक ढांचा तैयार किया जाएगा. इसके अलावा विकसित भारत के विजन के मुताबिक ये परियोजनाएं वैश्विक मूल्य शृंखलाओं में भारत की भूमिका को मजबूत करने का अवसर देंगी.

इन राज्यों के शहर होंगे शामिल

इन परियोजनाओं के तहत 10 राज्यों में फैले 12 ऐसे शहरों को रणनीतिक रूप चुना गया है, जो 6 प्रमुख औद्योगिक गलियारों और स्वर्णिम चतुर्भुज के आसपास मौजूद हैं. इन शहरों में औद्योगिक बुनियादी ढांचे के विकास से देश की विनिर्माण क्षमता और आर्थिक विकास को बड़ी छलांग लगाने का मौका मिलेगा. उत्तराखंड में खुरपिया, पंजाब में राजपुरा-पटियाला, महाराष्ट्र में दिघी, केरल में पलक्कड़, उत्तर प्रदेश में आगरा और प्रयागराज, बिहार में गया, तेलंगाना में जहीराबाद, आंध्र प्रदेश में ओरवाकल और कोप्पर्थी और राजस्थान में जोधपुर-पाली को इन परियोजनाओं के लिए चुना गया है.

1.52 लाख करोड़ रुपये निवेश की संभावना

एनआईसीडीपी को जब लागू किया जाएगा, तो इससे बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन की उम्मीद है. एक अनुमान के मुताबिक इन परियोजनाओं के दायरे में आने वाले शहरों में करीब 10 लाख प्रत्यक्ष रोजगार और नियोजित औद्योगिकीकरण के जरिये 30 लाख अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर बनेंगे. इन परियोजनाओं से कुल 1.52 लाख करोड़ रुपये की निवेश क्षमता भी पैदा होगी.

20 हुई स्मार्ट इंडस्ट्रियल शहरों की संख्या

एनआईसीडीपी के तहत फिलहाल 8 औद्योगिक शहरों का विकास अलग-अलग चरणों में है. इनमें से गुजरात के धोलेरा, महाराष्ट्र के ऑरिक, मध्य प्रदेश के विक्रम उद्योगपुरी और आंध्र प्रदेश के कृष्णपट्टनम में उद्योगों के लिए भूमि आवंटन का काम चल रहा है. वहीं, चार अन्य शहरों में भी सरकार के विशेष उद्देश्य वाहन (एसपीवी) सड़क संपर्क, पानी और बिजली आपूर्ति जैसे बुनियादी ढांचे के निर्माण में लगे हैं. इस तरह 12 शहरों के एलान के साथ देश में स्मार्ट इंडस्ट्रियल शहरों की संख्या 20 हो गई है.

2030 तक 2 लाख करोड़ डॉलर के निर्यात की उम्मीद

एनआईसीडीपी को बड़े और MSME दोनेां तरह के उद्योगों से निवेश हासिल करने और ऐसे औद्योगिक इकोसिस्‍टम को बढ़ावा देने के लिए तैयार किया गया है, जो 2030 तक 2 लाख करोड़ डॉलर का निर्यात लक्ष्य हासिल करने में मदद करे और सरकार के आत्मनिर्भर और वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी भारत के विजन को पूरा करे.

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