ED का बड़ा एक्शन, जेपी इंफ्राटेक के MD मनोज गौड़ को किया गिरफ्तार; मनी लॉन्ड्रिंग का है मामला
ED Arrested Manoj Gaur: गौड़ को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत गिरफ्तार किया है. अधिकारियों ने बताया कि उनके खिलाफ जांच घर खरीदारों के साथ कथित धोखाधड़ी के मामले से संबंधित है. मई 2025 में ED ने PMLA के तहत जेपी इंफ्राटेक, जेपी एसोसिएट्स और उनसे जुड़ी कंपनियों के ठिकानों पर छापेमारी की थी.
ED Arrested Jaypee MD Manoj Gaur: इन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) ने रियल्टी कंपनी जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर मनोज गौड़ को घर खरीदारों के साथ कथित धोखाधड़ी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले की जांच के लिए गिरफ्तार किया है. गुरुवार को आधिकारिक सूत्रों ने इस बारे में जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि गौड़ को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत गिरफ्तार किया है. अधिकारियों ने बताया कि उनके खिलाफ जांच घर खरीदारों के साथ कथित धोखाधड़ी के मामले से संबंधित है.
क्या है पूरा मामला?
रिपोर्ट के अनुसार, ईडी का आरोप है कि जेपी एसोसिएट्स लिमिटेड (JAL) और उससे जुड़ी कंपनियों ने मनोज गौड़ के जरिए लगभग 12,000 करोड़ रुपये की गड़बड़ी की है.
जांच एजेंसी का आरोप है कि जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड ने अपने रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स के लिए घर खरीदारों से लिए पैसे का इस्तेमाल अन्य प्रोजेक्ट में किया. यानी पैसे का गलत इस्तेमाल किया. इस फ्रॉड के चलते कई निवेशकों का पैसा अटक गया और उन्हें नुकसान झेलना पड़ रहा है.
मई में हुई थी कई ठिकानों पर छापेमारी
मई 2025 में ED ने PMLA के तहत जेपी इंफ्राटेक, जेपी एसोसिएट्स और उनसे जुड़ी कंपनियों के ठिकानों पर छापेमारी की थी. एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, इस दौरान दिल्ली, मुंबई और अन्य प्रमुख शहरों में लगभग 15 जगहों पर छापेमारी की गई थी. 23 मई 2025 को हुए छापेमारी में जांच एजेंसी को कई अहम दस्तावेज हाथ लगे थे. इसके अलावा डिजिटल डिवाइस और बैंक रिकॉर्ड जब्त किए गए थे. साथ ही 1.70 करोड़ रुपये कैश भी ED ने अपने कब्जे में लिया था.
साल 2027 में कई एफआईआर दर्ज की गई थीं. घर खरीदारों ने बिल्डर के खिलाफ प्रदर्शन किया था और लगाया था कि उनके पैसे का गलत इस्तेमाल किया गया. ईडी जांच में इस स्थिति को साफ करने की कोशिश में जुटी है कि इस मामले में कितनी बड़ी गड़बड़ी हुई है और इसका जिम्मेदार कौन है.