फ्यूल की कमी से हवा में मचा हड़कंप, IndiGo फ्लाइट ने भेजा ‘Mayday’ कॉल, बेंगलुरु में हुई इमरजेंसी लैंडिंग

गुवाहाटी से चेन्नई जा रही इंडिगो फ्लाइट को फ्यूल की कमी के चलते बेंगलुरु एयरपोर्ट पर आपात लैंडिंग करानी पड़ी. पायलट ने 'मेडे' कॉल भेजी, जिसके बाद ग्राउंड टीम ने तुरंत मोर्चा संभाला और 168 यात्रियों की जान सुरक्षित रही.

इंडिगो Image Credit: getty images

IndiGo Mayday Call and emergency landing: गुवाहाटी से चेन्नई जा रही इंडिगो की फ्लाइट संख्या 6E-6764 (A321) को शुक्रवार, 20 जून की रात को बेंगलुरु एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी. दरअसल, फ्लाइट में फ्यूल की कमी के कारण पायलट ने ‘मेडे कॉल’ भेजा जिसके बाद उसकी इमरजेंसी लैंडिंग करनी हुई. विमान में 168 यात्री सवार थे. यह फ्लाइट शाम 4:40 बजे गुवाहाटी एयरपोर्ट से रवाना हुई थी और चेन्नई में 7:45 बजे लैंडिंग की कोशिश की गई थी. लेकिन जैसे ही लैंडिंग गियर रनवे को छूने वाला था, पायलट ने ‘बॉल्क्ड लैंडिंग’ करते हुए विमान को दोबारा ऊपर ले जाने का फैसला किया. इसके बाद चेन्नई में दोबारा लैंडिंग न करके पायलट ने विमान को बेंगलुरु डायवर्ट कर दिया.

पायलट ने 35 मील पहले भेजा ‘मेडे’ अलर्ट

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, जब विमान बेंगलुरु एयरपोर्ट से 35 मील की दूरी पर था, तब पायलट ने आपातकालीन ‘मेडे’ कॉल भेजी. रिपोर्ट्स के मुताबिक, विमान की लैंडिंग प्रक्रिया “अस्थिर” नजर आ रही थी. एक यात्री ने बताया कि अचानक हुई तेज चढ़ान से फ्लाइट में कई यात्री घबरा गए और सीट पर “सांस रोके बैठे” रहे.

ग्राउंड स्टाफ ने तुरंत किया रिस्पॉन्स

एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) को जब पायलट से संकट वाला कॉल मिला तब बेंगलुरु एयरपोर्ट के ग्राउंड स्टाफ को अलर्ट कर दिया गया. मेडिकल टीम और फायर ब्रिगेड को भी तुरंत मौके पर भेजा गया. विमान ने रात 8:20 बजे सुरक्षित लैंडिंग कर ली थी. रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों पायलटों को फिलहाल ड्यूटी से हटा दिया गया है. हालांकि इंडिगो की ओर से इस पर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है. जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.

‘Mayday Call’ क्या होता है?

‘Mayday Call’ एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सिग्नल है, जिसका इस्तेमाल समुद्र या हवा में जानलेवा खतरे की स्थिति में किया जाता है. यह शब्द फ्रेंच के “m’aidez” (मेरी मदद करें) से लिया गया है. इसे तीन बार दोहरा कर कहा जाता है- “Mayday, Mayday, Mayday” ताकि इसकी गंभीरता स्पष्ट हो सके. इसका दुरुपयोग एक गंभीर अपराध माना जाता है, क्योंकि इससे जरूरी बचाव संसाधन गलत दिशा में लग सकते हैं.

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