गैस कस्टमर को बड़ी राहत, अब PNG बिल में नहीं होगा स्लैब वाइज प्राइसिंग का झंझट; PNGRB का बड़ा फैसला

PNGRB ने घरेलू PNG उपभोक्ताओं को राहत देते हुए स्लैब वाइज प्राइसिंग प्रणाली खत्म कर दी है. अब हर उपभोक्ता को समान दर पर बिल देना होगा, चाहे खपत ज्यादा हो या कम. यह कदम गैस कंपनियों द्वारा सब्सिडी का गलत फायदा उठाने पर रोक लगाने के लिए उठाया गया है. व्यावसायिक और घरेलू उपभोक्ताओं के बीच दरों का अंतर पहले की तरह बना रहेगा.

गैस बिल में राहत Image Credit: AI/canva

PNGRB decision: पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड (PNGRB) ने शहरी गैस वितरण कंपनियों (CGD) के लिए बड़ा निर्देश जारी किया है. नियामक ने आदेश दिया है कि अब घरों में पाइप के जरिए आपूर्ति की जाने वाली रसोई गैस (PNG) की कीमत उपभोक्ता की खपत के स्तर के आधार पर अलग-अलग नहीं होगी. इसका मतलब यह है कि चाहे कोई परिवार कम गैस खर्च करे या ज्यादा, उसे एक ही दर पर बिल देना होगा. यह कदम गैस कंपनियों द्वारा एक निश्चित सीमा से अधिक खपत पर अतिरिक्त शुल्क वसूलने की प्रवृत्ति पर रोक लगाने के लिए उठाया गया है.

सरकारी सब्सिडी का सही इस्तेमाल सुनिश्चित करने की कोशिश

सरकार घरेलू उपभोक्ताओं के लिए प्राकृतिक गैस (APM गैस) को बाजार भाव से कम दर पर आवंटित करती है. इसका उद्देश्य आम लोगों को सस्ती दर पर रसोई गैस उपलब्ध कराना है. हालांकि, PNGRB ने पाया कि कुछ CGD कंपनियां इस सब्सिडी का फायदा उठाते हुए उपभोक्ताओं से खपत के आधार पर अलग-अलग दरें वसूल रही थीं. नियामक ने इसे “गलत प्रथा” बताते हुए इस पर रोक लगा दी है.

PNGRB के एक बयान में कहा गया, “हमने देखा है कि कुछ CGD कंपनियां PNG के घरेलू उपभोक्ताओं के लिए स्लैब-बेस्ड प्राइसिंग अपना रही हैं, जहां पूर्व-निर्धारित सीमा से अधिक खपत पर प्रति यूनिट कीमत बढ़ जाती है. यह प्रथा APM गैस के दुरुपयोग को बढ़ावा दे सकती है.”

क्या थी पुरानी प्रणाली

अभी तक कई गैस कंपनियां उपभोक्ताओं से उनकी मासिक खपत के आधार पर अलग-अलग दरें वसूलती थीं. नए नियम के बाद अब सभी उपभोक्ताओं से एक ही दर पर शुल्क लिया जाएगा, भले ही उनकी खपत कुछ भी हो.

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व्यावसायिक और घरेलू उपयोग में अंतर बरकरार

हालांकि, PNGRB ने स्पष्ट किया है कि घरेलू और व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए अलग-अलग दरें लागू रहेंगी. होटल, रेस्तरां जैसे व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को आपूर्ति की जाने वाली PNG की कीमत बाजार भाव के अनुसार ही तय होगी, जबकि घरेलू उपभोक्ताओं के लिए सरकारी सब्सिडी वाली दरें जारी रहेंगी. PNGRB ने सभी CGD कंपनियों को तुरंत नए दिशा-निर्देशों का पालन करने के निर्देश दिए हैं.