तीन दोस्तों का कमाल है Swiggy, जानें कैसे फ्लॉप धंधे को घर-घर कर दिया हिट

बात 2013 की है. दो दोस्त नंदन रेड्डी और श्रीहर्ष मजेटी मिलकर कुछ बिजनेस करना चाहते थे. तभी दोनों दोस्तों के मन में कूरियर और शिपिंग सर्विस खोलने का आईडिया आया. दोनों दोस्तों ने बंडल नाम से एक स्टार्टअप शुरू किया. इसका काम कूरियर और शिपिंग सर्विस का था. लेकिन दोनों को इसमें सफलता नहीं मिली और कुछ समय के बाद यह कंपनी बंद हो गई.

स्विगी के आईपीओ का अलॉटमेंट Image Credit: tv9

अगर अपको घर पर खाना बनाने का मन नहीं है और कमरे से बाहर भी नहीं जाना चाहते हैं, तो ऑनलाइन ऑर्डर कर सकते हैं. देश में कई ऐसी ऑनलाइन फूड डिलीवरी कंपनियां हैं, जो कस्टमर को घर तक पैक खाना पहुंचा रही हैं. इन्हीं कंपनियों में से एक है स्विगी. यह कंपनी किसी पहचान की मोहताज नहीं है. इस कंपनी का अब आईपीओ भी मार्केट में आ गया है. लेकिन क्या आपको मालूम है कि इस स्विगी को आसानी से पूरे देश में पहचान नहीं मिली है. तीन दोस्तों की मेहनत ने इस कंपनी को सफलता के इस मुकाम तक पहुंचाया है.

दरअसल, बात 2013 की है. दो दोस्त नंदन रेड्डी और श्रीहर्ष मजेटी मिलकर कुछ बिजनेस करना चाहते थे. तभी दोनों दोस्तों के मन में कूरियर और शिपिंग सर्विस खोलने का आईडिया आया. दोनों दोस्तों में बंडल नाम से एक स्टार्टअप शुरू किया. इसका काम कूरियर और शिपिंग सर्विस का था. लेकिन दोनों को इसमें सफलता नहीं मिली और कुछ समय के बाद यह कंपनी बंद हो गई. बंडल के बंद होने के बाद भी नंदन और मजेटी ने हार नहीं मानी और कुछ नया शुरू करने के प्लान पर काम करने लगे.

राहुल ने किया स्टार्टअप के लिए प्रेरित

तभी उनकी मुलाकात आईआईटी ग्रेजुएट राहुल जैमिनी से हुई. तब राहुल Myntra में नौकरी कर रहे थे. राहुल ने दोनों को स्टार्टअप प्लान शुरू करने को लेकर प्रेरित किया. इसके बाद तीनों मिलकर मार्केट और डिमांड पर रिसर्च करने लगे. तभी भारत में ऑनलाइन फूड डिलीवरी की बढ़ती मांग ने उन्हें अपनी तरफ आकर्षित किया. इस तरह नंदन रेड्डी, श्रीहर्ष मजेटी और राहुल ने मिलकर स्विगी की शुरुआत की.

25 रेस्टोरेंट को जोड़कर शुरू की कंपनी

खास बात यह है कि तीनों दोस्तों ने स्विगी को भी बंडल टेक्नोलॉजीस प्राइवेट लिमिटेड के तहत ही शुरू किया था. लेकिन साल 2023 में नाम बदलकर स्विगी प्राइवेट लिमिटेड कर दिया. हालांकि, तीनों दोस्तों ने स्विगी की शुरुआत बेंगलुरु के कोरामंगला से की थी. तब कंपनी से केवल 25 रेस्टोरेंट और कुछ डिलीवरी पार्टनर ही जुड़े हुए थे. इसके बाद समय के साथ-साथ पूरे देश में स्विगी के नेटवर्क का जाल बिछ गया.

साल 2020 में निकाले 1000 एम्प्लॉई

कंपनी ने साल 2015 में अपना ऐप लॉन्च किया. इस ऐप के लॉन्च होते ही उसका बिजनेस बढ़ता चला गया. क्योंकि ऐप की मदद से ग्राहकों के लिए ऑनलाइन फूड ऑर्डर करना आसान हो गया. इस तरह साल 2017 आते-आते स्विगी के साथ 20 हजार से ज्यादा रेस्टोरेंट्स जुड़ गए और कंपनी को हर महीने 40 लाख रुपये की कमाई होने लगी. खास बात यह है कि कोरोना काल के समय साल 2020 में कंपनी ने 1000 से ज्यादा एम्प्लॉई को नौकरी से निकाल दिया था. इस साल भी कंपनी ने 400 लोगों को नौकरी से निकाला है. 2023 में स्विगी पहली बार प्रॉफिट में रही. वहीं, कंपनी का विवादों से भी गहरा रिश्ता रहा है. 2023 की होली में कंपनी की अंडे के विज्ञापन से कंपनी को आलोचना का सामना करना पड़ा था. कंपनी ने 10 साल में 8 हजार करोड़ रुपये का कारोबार किया है.