दिल्ली-मेरठ RRTS का कमाल, प्रॉपर्टी मार्केट में जबरदस्त उछाल, 67 फीसदी तक बढ़ गई कीमतें

दिल्ली से मेरठ के बीच चलने वाली रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम ‘NaMo Bharat’ ट्रेन की शुरुआत के बाद इन क्षेत्रों की रियल एस्टेट संपत्तियों की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है. पिछले एक साल में प्रॉपर्टी की कीमतों में 67 फीसदी तक उछाल आया है. इससे दिल्ली और मेरठ के बीच सफर करने का समय घटकर एक घंटे से भी कम हो गया है. इसलिए लोगों की दिलचस्पी मेरठ और गाजियाबाद में बढ़ी और इसका असर रियल एस्टेट पर देखने को मिल रहा है.

rrts in delhi meerut Image Credit: Canva/ Money9

कब कौन सी मिट्टी सोना उगलने लग जाए ये कोई नहीं जानता. अगर कहीं से एक्सप्रेस-वे, हाईवे, इंडस्ट्रियल कॉरिडोर या रेल लाइन गुजर जाए तो वहां की अर्थव्यवस्था ही बदल जाती है. कुछ ऐसा ही हो रहा दिल्ली से लेकर मेरठ और गाजियाबाद तक के रियल एस्टेट प्रॉपर्टी के साथ. दिल्ली से मेरठ के बीच चलने वाली रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम (Rapid Rail Transit System), नमो भारत ट्रेन की शुरुआत के बाद मेरठ और गाजियाबाद के रियल एस्टेट प्रॉपर्टी की कीमतों में अच्छी खासी बढ़ोतरी हो रही है. सेमी-हाई-स्पीड, नमो भारत का टोटल स्ट्रेच कुल 55 किलोमीटर का है. यानी अभी नमो भारत के माध्यम से 55 किलोमीटर तक का सफर किया जा सकता है. आइए जानते हैं कि रेपिड रेल कैसे इस इलाके के रियल एस्टेट की तस्वीर बदल रही है.

प्रॉपर्टी की कीमतों में 67 फीसदी की बढ़ोतरी

अक्टूबर 2023 में आरआरटीएस कॉरिडोर की शुरुआत के बाद स्टेशनों के पास की जमीन और प्रॉपर्टी की कीमतों में उछाल आया है. खासकर मेरठ और गाजियाबाद के स्ट्रेच में ये बढ़ोतरी अधिक हुई है. उपलब्ध डाटा से पता चलता है कि कई इलाकों में 30 फीसदी से लेकर 67 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है. मेरठ में, जिस जमीन (प्रति स्क्वायर) की कीमत कभी 8,000 से लेकर 12,000 रुपये थी, वह नमो भारत के आने के बाद अब 12,000 हजार से 20,000 रुपये तक हो गई है. कीमतों में यह बढ़ोतरी स्टेशनों के 2 किलोमीटर के आस-पास के क्षेत्रों में ही हुई है.

3,200 हेक्टेयर जमीन TOD के लिए चिह्नित

मेरठ अथॉरिटी, इलाके में ऐसे इंफ्रासट्रक्चर डेवलप करने की जुगत में है, जिससे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में बढ़ती जनसंख्या के दबाव को कम किया जा सके. यह रणनीति ट्रांजिट-ओरिएंटेड डेवलपमेंट (TOD) पर बहुत अधिक निर्भर करती है. इससे इलाके में आर्थिक विकास को आकार मिलेगी. मेरठ डेवलपमेंट अथॉरिटी (MDA)ने अपने 2031 मास्टर प्लान के तहत TOD के लिए 3,200 हेक्टेयर से अधिक भूमि निर्धारित की है. इसमें 2,442 हेक्टेयर TOD क्षेत्रों और विशेष विकास क्षेत्रों के लिए चिह्नित किया गया है.

1 घंटे से भी कम समय में पूरी हुई मेरठ–दिल्ली यात्रा

20 अक्टूबर 2023 को प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली से मेरठ तक चलने वाली पहली ‘नमो भारत रेल’ को हरी झंडी दिखाई थी. 180 किमी/घंटा की अधिकतम गति से चलने वाले दिल्ली–मेरठ RRTS की यात्रा अवधि अब केवल 40–45 मिनट रह गई है. साथ ही हर 10–15 मिनट के अंतराल पर ट्रेन उपलब्ध है.

30,000 हजार करोड़ से बना दिल्ली-मेरठक RRTS

Delhi–Meerut रैपिड रेल प्रोजेक्ट की कुल लागत लगभग 30,724 करोड़ रुपये थी, जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार ने 6,500 करोड़ रुपये का योगदान दिया था और शेष राशि केंद्र सरकार द्वारा दी गई थी. यह RapidX (Regional Rapid Transit System) मेट्रो की तरह पूरी तरह से वातानुकूलित है. इसे सुरक्षित और आरामदायक बनाने के लिए एर्गोनॉमिक रूप से डिजाइन किया गया है. इसमें 2×2 ट्रांसवर्स सीट के साथ–साथ खड़े होकर यात्रा करने के लिए पर्याप्त जगह भी रखी गई है.