नोएडा की पुरानी सोसायटीज अब बनेंगी मॉडर्न अपार्टमेंट, रहने वालों को मिलेगा बड़ा घर और शिफ्टिंग पर किराया भी

नोएडा में अब पुरानी और टूटे-फूटे हाउसिंग सोसायटी की तस्वीर पूरी तरह से बदलने वाली है. इसके लिए नोएडा अथॉरिटी ने एक नई रिडेवलपमेंट पॉलिसी को मंजूरी दी है. इस नई पॉलिसी के मुताबिक पुराने फ्लैट के मालिकों को उनके पुराने फ्लैट की जगह कम से कम 15 फीसदी ज्यादा कार्पेट एरिया वाला नया फ्लैट मिलेगा वो भी बिल्कुल मुफ्त में.

नोएडा की पुरानी सोसायटीज अब बनेंगी मॉडर्न अपार्टमेंट

Noida Housing Society Redevelopment: नोएडा अथॉरिटी उन लोगों के लिए बड़ी खुशखबरी लेकर आई है, जो सालों से जर्जर हो चुके बिल्डिंग में डर के साये में रह रहे हैं. दरअसल नोएडा में अब पुरानी और टूटे-फूटे हाउसिंग सोसायटी की तस्वीर पूरी तरह से बदलने वाली है. इसके लिए नोएडा अथॉरिटी ने एक नई रिडेवलपमेंट पॉलिसी को मंजूरी दी है, जिसके तहत 30 साल से ज्यादा पुरानी या कमजोर हो चुकी बिल्डिंग्स को दोबारा बनाया जाएगा और वहां रहने वालों को नए, बड़े और बेहतर फ्लैट्स दिए जाएंगे.

पुराने फ्लैट मालिकों को क्या मिलेगा ?

इस नई पॉलिसी के मुताबिक, पुराने फ्लैट के मालिकों को उनके पुराने फ्लैट की जगह कम से कम 15 फीसदी ज्यादा कार्पेट एरिया वाला नया फ्लैट मिलेगा वो भी बिल्कुल मुफ्त में. खास बात ये भी है कि जब तक सोसायटी का रिडेवलपमेंट पूरा नहीं हो जाता, तब तक रहने वालों को या तो किराए के पैसे दिए जाएंगे या फिर अस्थायी घर में शिफ्ट कराया जाएगा.

कौन-कौन सी सोसायटी आएंगी दायरे में?

यह स्कीम तीन तरह की सोसायटीज पर लागू होगी, इसके तहत्

  • नोएडा अथॉरिटी की बनाई सोसायटीज जैसे सेक्टर 52 की शताब्दी विहार और मानसरोवर.
  • को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटीज, जैसे रेल विहार और LIC सोसायटी.
  • प्राइवेट बिल्डर्स द्वारा बनाई गई सोसायटीज.

कब से शुरू होगा रिडेवलपमेंट ?

नई नीति के तहत, रिडेवलपमेंट का काम तभी शुरू होगा जब कम से कम 70 फीसदी निवासी अपनी सहमति देंगे. इसके बाद ही बिल्डर को काम शुरू करने की इजाजत मिलेगी.

कैसे चुना जाएगा बिल्डर?

  • जो सोसायटी अथॉरिटी ने बनाई हैं, उनमें बोली (बिडिंग) के जरिए बिल्डर चुना जाएगा.
  • लेकिन को-ऑपरेटिव और प्राइवेट सोसायटीज को ये आजादी होगी कि वे अपना बिल्डर खुद तय कर सकें बशर्ते उनके पास अच्छा अनुभव और मजबूत फाइनेंशियल बैकग्राउंड हो.

बिल्डर को कैसे मिलेगा फायदा?

अथॉरिटी ने रिडेवलपमेंट को प्रैक्टिकल और फायदेमंद बनाने के लिए बिल्डर्स को अधिकतम FAR (Floor Area Ratio) 2.75 तक बढ़ाने की छूट दी है, जो पहले 1.5 थी. इसका मतलब ये कि अब बिल्डर ज्यादा फ्लैट्स बना पाएंगे और उन्हें बेचकर अपनी लागत निकाल सकेंगे.

क्या-क्या है नई सुविधाएं ?

नई बिल्डिंग्स में मॉडर्न जमाने की ये जरूरी चीजें होंगी, इनमें,

  • भूकंप रोधी स्ट्रक्चरईवी चार्जिंग स्टेशन
  • रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम
  • सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट

सुरक्षा का पूरा ध्यान

सबसे बड़ी बात ये भी है कि जब तक फ्लैट तैयार नहीं हो जाते, किसी को भी जबरदस्ती नहीं हटाया जाएगा. पहले ऑप्शनल घर या किराया दिया जाएगा, फिर खाली कराया जाएगा. इसके अलावा, अथॉरिटी का कहना है कि बिल्डर, अथॉरिटी और AOA (Apartment Owners Association) के बीच एक तरफा एग्रीमेंट होगा, जिसमें फ्लैट का साइज, किराया, टाइमलाइन जैसी सारी बातें लिखी जाएंगी. बिल्डर को RERA में रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होगा. जब तक सभी पुराने निवासी अपने नए फ्लैट नहीं ले लेते, तब तक बिल्डर कोई नया फ्लैट बेच नहीं सकता.

क्वालिटी खराब होने पर बिल्डर पर होगी कार्रवाई

अगर बिल्डर ने काम में देरी की, क्वालिटी खराब निकली या शर्तें पूरी नहीं कीं, तो उस पर सख्त एक्शन लिया जाएगा. जरूरत पड़ी तो ब्लैकलिस्ट भी कर दिया जाएगा. साथ ही, एक शिकायत सेल भी बनेगा, जहां लोग अपनी दिक्कतें बता सकेंगे. इसके अलावा इसके प्रोसेस को काफी आसान बनाया जायएगा है. इसके तहत अथॉरिटी सिंगल विंडो सिस्टम लाने की तैयारी कर रही है, ताकि सभी मंजूरियां एक ही जगह से जल्दी मिल जाएं. इसके साथ ही अथॉरिटी ये भी देखेगी कि जो लोग किराए पर भेजे गए हैं, उन्हें समय पर पैसा मिल रहा है या नहीं.

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