Weather Update: यूपी, दिल्ली-एनसीआर पर भारी पड़ सकते हैं अगले दो दिन, 70 किमी की रफ्तार से चलेगी हवा
IMD के मुताबिक आने वाले दो-तीन दिन यूपी, दिल्ली-एनसीआर, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में 70 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से हवाओं के साथ बारिश हो सकती है. मौसम विभाग ने इन राज्यों के साथ ही दक्षिण भारत और पूर्वोत्तर भारत के लिए रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है.

मानसून के साथ ही पश्चिमी विक्षोभ और ऊपरी वायुमंडल के मौसमी तंत्रों की वजह से फिलहाल पूरे देश में घटाएं छाई हुई हैं. दक्षिण भारत के प्रायद्वीपीय क्षेत्र और पूर्वोत्तर में जहां दक्षिणी पश्चिमी मानसून की वजह से बारिश हो रही है. वहीं, उत्तर, पश्चिम-उत्तर और मध्य भारत में पश्चिमी विक्षोभ और ऊपरी वायुमंडल में बने मौसमी तंत्रों की वजह से बादल छाए हुए हैं.
IMD weather Update के मुताबिक अगले दो-तीन दिन के भीतर देश की राजधानी दिल्ली और एनसीआर के साथ ही उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में 50 से 70 किमी प्रतिघंटे की तेज हवाओं के साथ हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है. वहीं, दक्षिण के प्रायद्वीपीय क्षेत्रों और पूर्वात्तर भारत में तेज से अत्यधिक तेज बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी किया गया है.
दिल्ली-एनसीआर में कैसा रहेगा मौसम?
IMD के मुताबिक 30 मई से 2 जून के दौरान दिल्ली-एनसीआर में 50 से 70 किमी प्रति घंटे की तेज हवाओं के साथ हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है. इसके अलावा इस दौरान तापमान 27 से 39 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावनाएं हैं.
तेज हवा के दौरान क्या करें?
मौसम विभाग की तरफ से तेज हवाओं को लेकर जारी किए गए ऑरेंज अलर्ट में कहा गया है कि दिल्ली-एनसीआर के लोग इस दौरान सावधानी बरतें, क्योंकि इतनी तेज हवा चलने पर पेड़ टूटने, होर्डिंग और टिन शेड उड़ने जैसे जोखिम खड़े हो सकते हैं. मौसम विभाग ने इसी तरह की चेतावनी उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान के लिए भी जारी की है.
रेड और ऑरेंज अलर्ट के दौरान क्या-क्या हो सकता है?
मौसम विभाग के मुताबिक तेज हवाओं के साथ होने वाली बारिश और ओले पड़ने की स्थिति के लिए जब रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया जाता है, तो कई तरह के जोखिम हो सकते हैं, जिन्हें नीचे बताया गया है.
- पेड़ों की शाखाओं का टूटना
- केला, पपीता, ड्रमस्टिक जैसे छोटे पेड़ों का उखड़ना
- तेज हवा और बारिश से बागानों, बागवानी और खड़ी फसलों को नुकसान
- तेज हवाओं और बारिश के कारण कमजोर घरों को आंशिक नुकसान
- भारी बारिश के कारण कच्चे घरों, दीवारों, झोपड़ियों और सड़कों को नुकसान
- टिन शेड, होर्डिंग और पोस्टर उड़ सकते हैं
- छोटे जहाज, ट्रॉलर और नावें प्रभावित हो सकती हैं
- भारी बारिश और तेज हवाओं के कारण सड़क और रेल यातायात प्रभावित हो सकता है
- निचले इलाकों में स्थानीय स्तर पर भूस्खलन, मिट्टी धंसना, जलभराव और बाढ़ आ सकती है
- भारी बारिश के कारण दृश्यता में कमी के चलते हेलीकॉप्टर सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं
मानसून कहां तक पहुंचा?
पिछले तीन दिन से दक्षिण-पश्चिमी मानसून लगभग स्थिर हो गया है. फिलहाल, मानसून की उत्तरी सीमा महाराष्ट्र के मुंबई, अहिल्यानगर से लेकर ओडिशा के पुरी और पश्चिम बंगाल के बालुरघाट तक फैली है. पूर्वोत्तर के सभी राज्य इसके दायरे में आ चुके हैं. इसके अलावा महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, केरल, ओडिशा, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, कर्नाटक तक के कुछ-कुछ हिस्से मानसून के दायरे में आ चुके हैं.

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