कौन हैं एयर मार्शल भारती, जिनके एक अटैक से पाकिस्तान ने घुटने टेके, मदद के लिए रातों रात भागा अमेरिका
भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के नापाक मंसूबों को ध्वस्त कर दिया. इस ऑपरेशन की सफलता में भारतीय वायु सेना के एक बहादुर ऑफिसर एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती का नाम सुर्खियों में है. उनके नेतृत्व ने ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान को करारा जवाब दिया.
Air Marshal Avdhesh Kumar Bharti: भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और आतंकवाद पर करारा प्रहार किया है. इसने पाकिस्तान के नापाक मंसूबों को ध्वस्त कर दिया. इस ऑपरेशन की सफलता में भारतीय वायु सेना के एक बहादुर ऑफिसर एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती का नाम सुर्खियों में है. उनके नेतृत्व ने ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान को करारा जवाब दिया. इससे न केवल पाकिस्तान बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी हलचल मच गई. उनके एक अटैक ने पाकिस्तान को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया. इसके बाद मदद के लिए पाकिस्तान को रातों रात अमेरिका की शरण लेनी पड़ी. वर्तमान में वे नई दिल्ली में वायु सेना मुख्यालय में डायरेक्टर जनरल एयर ऑपरेशन (DGAO) के पद पर तैनात हैं. एयर मार्शल भारती ने 1987 में भारतीय वायु सेना की फाइटर ब्रांच में अपनी सेवा शुरू की थी.
इन एयरबेस पर किए सटीक हमले
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए. इसके जवाब में भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया. एयर मार्शल भारती ने इस ऑपरेशन की योजना बनाई और हवाई हमलों का नेतृत्व किया. भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बहावलपुर, मुरिदके जैसे आतंकी ठिकानों और चकलाला, रफीक, रहीम यार खान जैसे हवाई अड्डों पर सटीक हमले किए. ऑपरेशन का सबसे बड़ा क्षण था पाकिस्तान के नूर खान हवाई अड्डे पर हमला. यह अड्डा इस्लामाबाद से सिर्फ 10 किमी दूर है और पाकिस्तान की सेना के लिए बहुत महत्वपूर्ण है.
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यहां पाकिस्तान वायु सेना के विमान, ट्रेनिंग सेंटर और हथियार रखे जाते हैं. इस अड्डे के पास ही पाकिस्तान का न्यूक्लियर हथियारों का मुख्यालय भी है. भारत ने ब्रह्मोस, HAMMER और SCALP मिसाइलों से हमला किया. इससे पाकिस्तान डर गया. इस हमले ने पाकिस्तान को दिखा दिया कि भारत उनकी कमजोरियों को निशाना बना सकता है. एयर मार्शल भारती ने सुखोई-30 MKI स्क्वाड्रन का नेतृत्व किया.
निभाईं महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां
उन्होंने वायु सेना में कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां भी निभाईं. इसमें एयर डिफेंस ऑपरेशन, स्ट्रैटेजिक फोर्सेज कमांड और सेंट्रल एयर कमांड में सीनियर ऑफिसर शामिल है. उन्हें साल 2008 में वायु सेना मेडल और 1997 में CAS कमेंडेशन जैसे सम्मान मिले. उनकी सुरक्षित उड़ानों के लिए उन्हें ‘थ्री स्टार्स’ भी मिले.