हर तीसरे भारतीय को डर है घर उड़ जाने का, फिर भी बीमा से बना रखी है दूरी, ऐसा क्यों?
हर साल आने वाली बाढ़, तूफान और दूसरी आपदाएं अब लोगों को अपने घर की सुरक्षा पर सोचने को मजबूर कर रही हैं. लेकिन जब बात बीमा खरीदने की आती है, तो एक बड़ी संख्या अब भी उलझन और अनिश्चितता से घिरी है. जानिए क्या है लोगों की असली दुविधा...
भारत में प्राकृतिक आपदाएं जैसे बाढ़, भूकंप और तूफान अब सिर्फ मौसम की खबर नहीं रह गई हैं, बल्कि ये सीधे लोगों के घर और जेब पर असर डाल रही हैं. यही वजह है कि अब देश में हर 10 में से 4 लोग घर बीमा को लेकर गंभीर हो रहे हैं. लेकिन एक ताजा सर्वे से पता चला है कि जानकारी की कमी और उलझे नियमों के चलते अब भी 27 फीसदी लोग फैसला नहीं कर पा रहे कि उन्हें बीमा लेना चाहिए या नहीं.
बीमा की सोच में प्राकृतिक आपदाएं सबसे बड़ा कारण
Policybazaar.com के सर्वे के मुताबिक, पिछले 6 महीनों में जिन लोगों ने घर बीमा पर विचार किया, उनमें से 41% की वजह प्राकृतिक आपदाएं थीं. इसके बाद 31% लोग ongoing होम लोन के चलते बीमा लेना चाहते हैं, जबकि 30% को चोरी या सेंधमारी का डर है.
हालांकि बीमा पर विचार करने वाले लोगों में से केवल 39% ने ही असल में पॉलिसी खरीदी. इनमें ज्यादातर घर के मालिक थे, जबकि किरायेदारों ने बीमा लेने में दिलचस्पी नहीं दिखाई. 27% लोग पॉलिसी की शर्तें और विकल्प समझ नहीं सके और इस कारण फैसला नहीं ले पाए. वहीं 23% लोगों ने कहा कि उन्हें इसकी जरूरत ही महसूस नहीं हुई क्योंकि उन्हें कभी कोई नुकसान नहीं हुआ.
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घर बीमा पर अभी लंबा सफर बाकी
Policybazaar के होम इंश्योरेंस बिजनेस हेड अश्विनी दुबे ने माना कि भारत में अभी भी होम इंश्योरेंस की पैठ बेहद कम है. उन्होंने कहा, “लोगों में रुचि जरूर बढ़ी है, लेकिन जब तक पॉलिसियां आसान नहीं होंगी और जागरूकता नहीं फैलेगी, तब तक बड़े पैमाने पर अपनाया जाना मुश्किल है.”
इस सर्वे से साफ है, जोखिम तो सब महसूस कर रहे हैं, लेकिन उससे निपटने के लिए बीमा का चुनाव अब भी सोच में फंसा है.