हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स वसूल रहे इलाज के खर्च से अधिक पैसा, ओवरचार्ज पर रोक लगाने के लिए सरकार बना रही प्लान

Health Insurance Claims: अस्पताल मरीजों के इलाज का खर्च बढ़ा-चढ़ाकर बता रहे हैं और हाई कवरेज वाले व्यक्तियों से खर्च से अधिक चार्ज वसूल रहे हैं. इसके कारण बीमा कंपनियों को स्वास्थ्य प्रीमियम बढ़ाना पड़ा है, जिससे कुछ लोगों के लिए कवरेज कम अफॉर्डेबल हो गया है.

हेल्थ इंश्योरेंस कवरेज. Image Credit: Getty image

Health Insurance Claims: सरकार हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स के ओवरचार्ज पर अंकुश लगाने की तैयारी कर रही है. इसके लिए मौजूदा हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम पोर्टल को वित्त मंत्रालय और इंश्योरेंस रेगुलेटर के अधिक लाने पर विचार कर रही है. प्रोफेशनल सर्विस फर्म एऑन की ग्लोबल मेडिकल ट्रेंड रेट्स रिपोर्ट के अनुसार, भारत में स्वास्थ्य देखभाल लागत 2025 में 13 फीसदी बढ़ने की उम्मीद है, जो वैश्विक औसत 10 फीसदी से अधिक होगी, तथा पिछले वर्ष दर्ज की गई 12 फीसदी से भी ज्यादा होगी.

हाई कवरेज पर ओवरचार्ज

सरकार और भारतीय बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDAI) द्वारा की गई एक स्टडी से पता चला है कि अस्पताल मरीजों के इलाज का खर्च बढ़ा-चढ़ाकर बता रहे हैं और हाई कवरेज वाले व्यक्तियों से अनुपातहीन रूप से शुल्क वसूल रहे हैं. मामले से अवगत एक व्यक्ति ने रॉयटर्स को इस संबंध में जानकारी दी है. इसमें आगे कहा गया है कि इसके कारण बीमा कंपनियों को स्वास्थ्य प्रीमियम बढ़ाना पड़ा है, जिससे कुछ लोगों के लिए कवरेज कम अफॉर्डेबल हो गया है. हालांकि, वित्त मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस घटनाक्रम पर आधिकारिक तौर पर कोई टिप्पणी नहीं की है.

सख्त निगरानी से होगा सुधार

रॉयटर्स ने एक सूत्र के हवाले से बताया कि नेशनल हेल्थ क्लेम एक्सचेंज की सख्त निगरानी से इलाज की दरें निर्धारित करने के लिए बीमा कंपनियों की सामूहिक सौदेबाजी शक्ति में सुधार होगा. नेशनल हेल्थ क्लेम एक्सचेंज, बीमा कंपनियों, हेल्थ सर्विस प्रोवाइडर और मरीजों के बीच गेटवे के रूप में काम करता है.

हेल्थ क्लेम एक्सचेंज को कौन करता है मैनेज?

वर्तमान में एक्सचेंज का प्रबंधन स्वास्थ्य मंत्रालय के राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा किया जाता है और प्राधिकरण की वेबसाइट के अनुसार, इसे बीमा नियामक के साथ परामर्श करके बनाया गया था. IRDAI हेल्थ एक्सचेंज को रेगुलेट नहीं करती है, बल्कि इस प्लेटफॉर्म पर बीमा कंपनियों की देखरेख करता है.

इंश्योरेंस प्रीमियम की कमाई में गिरावट

उद्योग के आंकड़ों से संकेत मिलता है कि स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम आय की वार्षिक वृद्धि दर 2024-25 में घटकर 9 फीसदी रह गई है, जो पिछले वर्ष 20 फीसदी से अधिक थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि यह गिरावट कई लोगों के लिए प्रीमियम की पहुंच से बाहर हो जाने के कारण है, पॉलिसी रिन्यू में गिरावट आई है.

यह भी पढ़ें: क्या कर्ज मुक्त होने वाली है PC Jeweller? 55 फीसदी चढ़ा शेयर, कंपनी ने बनाया अब ये मेगा प्लान