Airbus-Boeing के पार्ट्स बनाने वाली कंपनी ला रही IPO, ब्रोकरेज ने कहा- कर लो सब्सक्राइब; निवेश से पहले देखें पूरा खाता-बही
देश की उभरती एयरोस्पेस मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों में एक नाम इन दिनों तेजी से चर्चा में है. अत्याधुनिक तकनीक, ग्लोबल क्लाइंट्स और वर्टिकल इंटीग्रेशन मॉडल के कारण कंपनी को लेकर निवेशक उत्सुक हैं.
Aequs Ltd. IPO Review: भारत के एयरोस्पेस मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में अपनी एक अलग पहचान बनाने वाली Aequs Ltd. ने 3 दिसंबर 2025 से अपना इनिशियल पब्लिक ऑफर (IPO) खोल दिया है. कंपनी देश की एकमात्र ऐसी प्रिसिजन कंपोनेंट निर्माता है जो एक ही स्पेशल इकोनॉमिक जोन (SEZ) में पूरी तरह वर्टिकली इंटीग्रेटेड सुविधाओं के साथ काम करती है.
एयरोस्पेस से लेकर कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स और प्लास्टिक प्रोडक्ट्स तक, Aequs ने पिछले कुछ सालों में अपनी वैश्विक मौजूदगी को मजबूती से बढ़ाया है. बढ़ती हवाई जहाजों की मांग, बड़े ऑर्डर बुक, और कंपनी की क्षमता विस्तार योजनाएं निवेशकों को आकर्षित कर रही हैं. कंपनी ने इसे विस्तार और कर्ज कम करने का अवसर बताया है, जबकि बाजार विशेषज्ञ इस ऑफर को सेक्टर की लंबी अवधि की संभावनाओं के हिसाब से आकर्षक मान रहे हैं.
कंपनी का बिजनेस मॉडल
Aequs Ltd. देश की पहली और एकमात्र कंपनी है जो एक ही SEZ में एयरोस्पेस सेक्टर के लिए एंड-टू-एंड प्रिसिजन मैन्युफैक्चरिंग करती है. बेलगावी (कर्नाटक) स्थित यह SEZ करीब 12 लाख वर्ग फुट में फैला हुआ है, जहां मशीनिंग, फोर्जिंग, सरफेस ट्रीटमेंट और असेंबली, सब एक ही जगह मौजूद है.
इसके अलावा कंपनी हब्बल्ली में लगभग 3 लाख वर्ग फुट के प्लांट में कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स का उत्पादन करती है, जबकि कोप्पल में 5.5 लाख वर्ग फुट में प्लास्टिक प्रोडक्ट्स बनाती है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी Aequs की उपस्थिति है- अमेरिका और फ्रांस में कंपनी के दो विशेष एयरोस्पेस कंपोनेंट प्लांट मौजूद हैं, जो ग्लोबल OEMs के लिए सप्लाई चेन को मजबूत बनाते हैं.
हाई वैल्यू वाली गतिविधियों पर फोकस
अपनी शुरुआत से ही Aequs ने हाई वैल्यू वाले, तकनीकी रूप से जटिल कार्यों पर फोकस किया है. कंपनी 5-axis मशीनिंग जैसी एडवांस्ड प्रक्रियाओं में अपनी क्षमताओं को और बढ़ा रही है. कम मूल्य वाले काम जैसे 3-axis और 4-axis मशीनिंग को यह बाहरी सप्लायरों को सौंप देती है.
कंपनी की एक बड़ी ताकत टाइटेनियम जैसे हाई-एंड अलॉय की प्रिसिजन मशीनिंग है, जो भारत में कुछ ही कंपनियां कर पाती हैं. यह विशेषज्ञता Aequs को अंतरराष्ट्रीय एयरोस्पेस बाजार में सुविधाजनक स्थिति दिलाती है.
विस्तृत और विविध प्रोडक्ट पोर्टफोलियो
Aequs का प्रोडक्ट पोर्टफोलियो बेहद व्यापक है. सितंबर 2025 तक कंपनी एयरोस्पेस सेगमेंट में ही 5,000 से अधिक प्रोडक्ट बना रही थी. इनमें इंजन सिस्टम्स, लैंडिंग सिस्टम्स, कार्गो और इंटीरियर पार्ट्स, स्ट्रक्चर्स, असेंबली कंपोनेंट्स और कई तरह के विशेष ट्यूनिंग पार्ट्स शामिल हैं.
कंपनी Airbus A220, A320 जैसे सिंगल आइल एयरक्राफ्ट और A330, A350, B777, B787 जैसे लॉन्ग-रेंज एयरक्राफ्ट प्रोग्राम्स के लिए पार्ट्स बनाती है. कंज्यूमर सेगमेंट में कंपनी Hasbro, Spinmaster, Wonderchef, Tramontina जैसे इंटरनेशनल ब्रांड्स को सप्लाई करती है. इससे Aequs को एयरोस्पेस के साथ-साथ उपभोक्ता उत्पादों के क्षेत्र में भी मजबूत पकड़ मिलती है.
अधिग्रहणों के जरिए वैश्विक विस्तार
बेहतर तकनीक और बाजार पहुंच के लिए Aequs ने पिछले दशक में दो अहम अधिग्रहण किए थे. 2015 में कंपनी ने अमेरिका की T&K Machine का अधिग्रहण किया, जिसे अब Aequs Aero Machine Inc. के नाम से जाना जाता है. यह कंपनी Boeing, Spirit Aerosystems जैसे दिग्गजों को सप्लाई करती है और उत्तरी अमेरिकी ग्राहकों के लिए एक बड़ी सुविधा है.
2016 में फ्रांस की SIRA Group को खरीदकर Aequs ने यूरोप के बाजार में अपनी पकड़ मजबूत की. इससे कंपनी को फैब्रिकेशन, टेस्टिंग और एडवांस्ड असेंबली जैसी क्षमताओं का लाभ मिला और Safran व Collins Aerospace जैसे क्लाइंट्स तक सीधा पहुंच मिली.
वैल्यूएशन: क्या यह IPO निवेश के लायक है?
SBI Securities की रिपोर्ट के मुताबिक, Aequs एक ऐसे सेक्टर में काम करती है जहां एंट्री बैरियर्स बहुत अधिक हैं, जैसे तकनीकी विशेषज्ञता, प्रमाणन और अंतरराष्ट्रीय भरोसा हासिल करना वर्षों का काम होता है. दूसरी ओर, Boeing और Airbus जैसे बड़े OEMs की बुक में हजारों विमानों के ऑर्डर मौजूद हैं, जिससे एयरोस्पेस कंपोनेंट्स की मांग लगातार बनी रहने की संभावना है.
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कंपनी की एयरोस्पेस यूनिट पहले से EBITDA स्तर पर मुनाफे में है और मार्जिन बढ़ रहे हैं. IPO से जुटाई गई राशि का बड़ा हिस्सा कर्ज घटाने में जाएगा, जिससे ब्याज खर्च कम होगा और कंपनी PAT स्तर पर भी मुनाफे में आने की स्थिति में होगी.
ऊपरी प्राइस बैंड ₹124 पर कंपनी का EV/Sales मल्टीपल 8.7x बैठता है, जिसे विश्लेषक सेक्टर की ग्रोथ संभावनाओं के अनुसार संतुलित मानते हैं.
इसी आधार पर ब्रोकरेज की राय है कि निवेशक इस IPO को कट-ऑफ प्राइस पर सब्सक्राइब कर सकते हैं.
IPO डिटेल्स
- ओपनिंग डेट: 3 दिसंबर 2025
- क्लोजिंग डेट: 5 दिसंबर 2025
- प्राइस बैंड: ₹118 – ₹124
- इश्यू साइज: ₹921.8 करोड़
- फ्रेश इश्यू: ₹670 करोड़
- ओएफएस: ₹251.8 करोड़
- पोस्ट-इश्यू मार्केट कैप: ₹8,316 करोड़ (ऊपरी बैंड पर)
- लॉट साइज: 120 शेयर
- श्रेणीवार आवंटन: QIB 75%, NII 15%, रिटेल 10%
- बुक रनिंग लीड मैनेजर्स: JM Financial, IIFL Capital, Kotak Mahindra Capital
- रजिस्ट्रार: KFin Technologies
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