HDB के 12500 करोड़ के IPO में कितना दम, साथ में HDFC का बैकअप; निवेश से पहले जान लें कुंडली
HDB Financial Services को SEBI से IPO के लिए मंजूरी मिल गई है, जिससे यह 2025 का सबसे बड़ा इश्यू बन सकता है. 12,500 करोड़ रुपये के इस इश्यू में 2,500 करोड़ के नए शेयर और 10,000 करोड़ का OFS शामिल होगा. HDFC बैंक समर्थित इस NBFC ने हाल के वर्षों में मजबूत ग्रोथ दिखाई है. FY24 में कंपनी का शुद्ध लाभ 2,460.8 करोड़ रुपये रहा.
HDB Financial IPO: इस साल की शुरुआत में IPO मार्केट में थोड़ी नरमी थी. हालांकि 2025 में कुछ महीने बीतने के बाद एक बार फिर IPO पाइपलाइन में हलचल मची हुई है. इस दौरान कुछ ही नाम ऐसे हैं जिन्होंने HDB Financial Services जैसी दिलचस्पी जगाई है. HDFC बैंक द्वारा समर्थित NBFC को SEBI की मंजूरी मिल गई है, जिससे यह अब लिस्टिंग के लिए तैयार हो गया है. यह NBFC सेक्टर का सबसे बड़ा IPO है और पिछले अक्टूबर में Hyundai के IPO के बाद सबसे बड़ा इश्यू होने वाला है.
12,500 करोड़ रुपये का होगा IPO
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने HDB फाइनेंशियल के ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) को मंजूरी दे दी है, जिसे दिसंबर 2023 में जमा किया गया था. रेगुलेटरी मंजूरी से 12,500 करोड़ रुपये के IPO का रास्ता साफ हो गया है. इसमें 2,500 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी किए जाएंगे और 10,000 करोड़ रुपये का ऑफर फॉर सेल (OFS) होगा, जिसमें मौजूदा प्रमोटर HDFC बैंक अपनी थोड़ी-सी हिस्सेदारी बेचेगा.
HDB फाइनेंशियल क्या करती है
2007 में स्थापित यह कंपनी देश की प्रमुख NBFC में से एक बन गई है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने HDB फाइनेंशियल को NBFC-अपर लेयर (NBFC-UL) श्रेणी में रखा है, जिसका मतलब है कि इस पर छोटी फाइनेंस कंपनियों की तुलना में अधिक सख्त नियम लागू होते हैं.
हालांकि यह कंपनी HDFC समूह का हिस्सा है, लेकिन इसका अपना प्रबंधन, बोर्ड और रिस्क कंट्रोल सिस्टम स्वतंत्र रूप से काम करता है. पिछले कुछ वर्षों में कंपनी की यात्रा पर नजर डालें तो इसने शहरी और छोटे शहरों तक अपनी पहुंच का विस्तार किया है, तथा इसके लोन पोर्टफोलियो में कंज्यूमर लोन, MSME फाइनेंसिंग और एसेट-बैक लोन शामिल हैं.
वित्तीय प्रदर्शन
पिछले कुछ सालों में HDB फाइनेंशियल ने मजबूत वित्तीय प्रदर्शन किया है. कंपनी का कर्ज पोर्टफोलियो 30 सितंबर 2024 तक 98,620 करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले दो वर्षों में 21 फीसदी सालाना की दर से बढ़ा है. इसके साथ ही कंपनी की कुल संपत्ति (AUM) 90,230 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है.
कंपनी का मुनाफा भी तेजी से बढ़ा है. FY24 में शुद्ध लाभ 2,460.8 करोड़ रुपये रहा, जो FY22 के 1,620 करोड़ रुपये से काफी अधिक है. इसके अलावा, कंपनी ने 3.03 फीसदी ROA और 19.55 फीसदी ROE जैसे मजबूत मुनाफे के आंकड़े दिखाए हैं. इसका सकल NPA सिर्फ 1.90 फीसदी और शुद्ध NPA 0.63 फीसदी है, जबकि प्रोविजन कवरेज रेश्यो 61 फीसदी है.
कितनी है हिस्सेदारी
HDFC बैंक के पास वर्तमान में HDB Financial Services का 94.6 फीसदी हिस्सा है. हालांकि OFS में पेश किए जाने वाले शेयरों की सटीक संख्या की घोषणा अभी नहीं की गई है, लेकिन DRHP में कहा गया है कि HDFC बैंक अपनी हिस्सेदारी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बेचेगा. IPO के बाद यह भी उम्मीद की जा रही है कि HDFC बैंक की हिस्सेदारी SEBI के मिनिमम पब्लिक शेयरहोल्डिंग नियमों के अनुसार 75 फीसदी से नीचे आ जाएगी.
HDB फाइनेंशियल के IPO से जुड़े क्या हैं रिस्क
HDB फाइनेंशियल के IPO में कुछ जोखिम हैं, जिन्हें निवेशकों को समझना चाहिए. डीआरएचपी में कहा गया है, अगर भारत की अर्थव्यवस्था कमजोर होती है, तो कंपनी के कारोबार और मुनाफे पर असर पड़ सकता है. दूसरा, कंपनी के लोन की क्वालिटी एक चिंता का विषय है. हालांकि इसके NPA कम हैं (सकल NPA 1.90 फीसदी), लेकिन अगर ग्राहक लोन चुकाने में चूक करते हैं, तो कंपनी को नुकसान हो सकता है.
तीसरा, HDB फाइनेंशियल अपने प्रमोटर HDFC बैंक पर निर्भर है. अगर HDFC बैंक इसे अपना ब्रांड लोगो इस्तेमाल करने से रोक दे या उसकी इमेज खराब हो, तो इसका HDB पर नकारात्मक असर पड़ सकता है. साथ ही, ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव से भी कंपनी की कमाई प्रभावित हो सकती है. इन सभी जोखिमों पर निवेशकों को ध्यान देना चाहिए.