Meesho IPO: एंट्री से पहले GMP का तहलका, 40% लिस्टिंग गेन की उम्मीद, ये 5 फैक्टर्स भी हैं प्लस प्वाइंट
ई-कॉमर्स कंपनी Meesho के IPO की एंट्री 3 दिसंबर से मार्केट में होने वाली है. 5 दिसंबर तक इसमें बोली लगाई जा सकेंगी. इस आईपीओ को लेकर अभी से मार्केट में बज है. इसका ग्रे मार्केट प्रीमियम यानी GMP शानदार लिस्टिंग गेन का संकेत दे रहा है. साथ ही कुछ दूसरी अहम बातें इसे खास बना रहीं है.
Meesho IPO: ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म Meesho का IPO 3 दिसंबर से खुलने वाला है. ये 5 दिसंबर तक सब्सक्राइब किया जा सकेगा. बाजार में उतरने से पहले ही इसका ग्रे मार्केट प्रीमियम यानी GMP तहलका मचा रहा है. इसके अलावा कंपनी से जुड़े कुछ और अहम फैक्टर्स इसे निवेशकों के लिए आकर्षित बना रहे हैं. तो कौन-से हैं वो प्लस प्वाइंट्स जिन्हें जानना हो सकता है फायदेमंद, आइए जानते हैं.
कहां पहुंचा GMP?
Meesho IPO का GMP 2 दिसंबर को ₹45 दर्ज किया गया है. इंवेस्टरगेन के मुताबिक ये अपने प्राइस बैंड ₹111 के मुकाबले ₹156 पर लिस्ट हो सकता है. इसमें लगभग 40.54% का अनुमानित फायदा मिलने की उम्मीद है. हालांकि जीएमपी कल यानी 1 दिसंबर की तुलना में गिरा है. पहले ये ₹46.5 था. हालांकि इसके बावजूद इसमें तगड़ा फायदा होने की उम्मीद है.
5 बड़ी बातें जो IPO को बना रहीं खास
प्रमोटर्स का भरोसा
Meesho ने अपने ऑफर फॉर सेल को पहले की तुलना में काफी कम कर दिया है. जानकार इसे प्रमोटर्स और शुरुआती निवेशकों के भरोसे का संकेत मान रहे हैं. उनका कहना है कि जब पुराने निवेशक ज्यादा हिस्सेदारी बेचने से बचते हैं, तो यह IPO के प्रति सकारात्मक माहौल बनाता है.
IPO में कुल 10.55 करोड़ शेयरों का OFS शामिल है, जिसकी वैल्यू अपर प्राइस बैंड पर करीब ₹1,171 करोड़ है.
टेक्नोलॉजी पर बड़ा दांव
Meesho पूरी तरह टेक्नोलॉजी-फर्स्ट रणनीति पर चलता है. कंपनी ने अपने इंजीनियरिंग वर्कफ्लो में GenAI टूल्स इंटीग्रेट किए हैं, जिससे कोडिंग और डेवलपमेंट तेजी से होता है. ऐप को भारतीय उपभोक्ताओं की आदतों के हिसाब से डिजाइन किया गया है. इससे स्केलिंग आसान होती है और खर्च भी कम रहता है. ये निवेशकों को कंपनी की ग्रोथ का भरोसा दिलाता है.
नुकसान के बाद रिकवरी
FY25 में Meesho को ₹3,942 करोड़ का नेट लॉस हुआ था, जिसकी बड़ी वजह थी पब्लिक स्ट्रक्चर में ट्रांज़िशन से जुड़े टैक्स. लेकिन FY26 की पहली छमाही में नुकसान घटकर सिर्फ ₹700.72 करोड़ रह गया. यही पिछले साल ₹2,513 करोड़ था. रेवेन्यू भी बढ़कर ₹5,577.54 करोड़ पहुंच गया, जो साल भर पहले ₹4,311.29 करोड़ था. कंपनी का घाटे से मुनाफे में आना निवेशकों में कंपनी के प्रति भरोसा बढ़ा रहा है.
जीरो-कमिशन मॉडल है गेम-चेंजर
Meesho का जीरो-कमिशन मॉडल सेलर और बायर्स दोनों के लिए बेहद फायदेमंद है. कम फुलफिलमेंट कॉस्ट से सेलर सस्ते दाम पर प्रोडक्ट लिस्ट कर पाते हैं. यही वजह है कि Meesho तेजी से उन ग्राहकों को खींच रहा है जो पहले दूसरे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर खरीदारी करते थे.
कोई डायरेक्ट प्रतिद्वंदी नहीं
जानकारों के मुताबिक Meesho का मॉडल बेहद अलग है, जिसकी सीधी तुलना किसी लिस्टेड कंपनी से नहीं की जा सकती. इसका यूज़र बेस बड़ा है, जबकि औसत ऑर्डर वैल्यू कम है और फुलफिलमेंट मॉडल एसेट-लाइट है. ऐसे में Zomato, Nykaa, Mamaearth जैसी कंपनियां इससे बहुत अलग हैं.
डिस्क्लेमर: इस खबर में GMP से संबंधित जानकारी दी गई है. मनी9लाइव का GMP तय करने से कोई संबंध नहीं है. मनी9लाइव निवेशकों को यह भी सचेत करता है कि केवल जीएमपी के आधार पर निवेश पर फैसला नहीं करें. निवेश से पहले कंपनी के फंडामेंटल जरूर देखें और एक्सपर्ट की सलाह अवश्य लें.