Tata Capital IPO को SEBI से मिली हरी झंडी, 17200 करोड़ का होगा इश्यू; जानें कब मिलेगा निवेश का मौका

टाटा कैपिटल के 17,200 करोड़ रुपये के IPO को SEBI ने मंजूरी दे दी है। यह ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) अप्रैल में दाखिल किया गया था। कंपनी जुलाई में RHP दाखिल कर सकती है और सितंबर तक IPO लॉन्च होने की उम्मीद है। टाटा संस अपनी 93 फीसदी हिस्सेदारी का कुछ हिस्सा बेचेगा। यह IPO निवेशकों के लिए खास हो सकता है.

टाटा कैपिटल आईपीओ Image Credit: money9live.com

Tata Capital IPO: टाटा कैपिटल के IPO को लेकर निवेशकों में खासा उत्साह है. इसी बीच टाटा कैपिटल से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है. टाटा समूह की नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (NBFC) टाटा कैपिटल के IPO के ड्राफ्ट पेपर को मंजूरी मिल गई है. यह इश्यू लगभग 17,200 करोड़ रुपये का हो सकता है, जिससे यह भारत के फाइनेंशियल सर्विस सेक्टर के सबसे बड़े आईपीओ में से एक बन सकता है.

5 अप्रैल को दाखिल किया गया था DRHP

इकनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, SEBI ने टाटा कैपिटल के ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) को मंजूरी दे दी है, जिसे कंपनी ने 5 अप्रैल को गोपनीय रूप से दाखिल किया था. अब SEBI की मंजूरी के बाद, टाटा कैपिटल को अंतिम रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (RHP) दाखिल करना होगा, जिसके बाद IPO की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी.

रिपोर्ट्स के अनुसार, कंपनी जुलाई के पहले सप्ताह में RHP दाखिल कर सकती है, जिसके बाद IPO लॉन्च किया जा सकता है. यह टाटा समूह के लिए एक बड़ा कदम होगा, क्योंकि इससे टाटा कैपिटल को सार्वजनिक बाजार में लाने की दिशा में प्रगति होगी.

टाटा कैपिटल में टाटा संस की इतनी है हिस्सेदारी

टाटा कैपिटल का IPO दो हिस्सों में होगा. प्रमोटर टाटा संस OFS (ऑफर फॉर सेल) के जरिए अपने शेयर बेचेंगे. वर्तमान में टाटा संस के पास टाटा कैपिटल में 93 फीसदी हिस्सेदारी है, जिसमें से कुछ हिस्सा इस IPO के जरिए बेचा जाएगा. इसके साथ ही नए शेयर भी जारी किए जाएंगे.

ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, टाटा समूह टाटा कैपिटल का वैल्यूएशन लगभग 11 बिलियन डॉलर करने का लक्ष्य रख रहा है. यदि ऐसा होता है, तो यह 2025 का भारत का सबसे बड़ा IPO बन सकता है.

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RBI के नियमों के तहत लिस्टिंग की अनिवार्यता

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के दिशानिर्देशों के अनुसार, टाटा संस और टाटा कैपिटल को ‘अपर लेयर’ की NBFC के रूप में वर्गीकृत किया गया है. इस कटेगरी की कंपनियों के लिए सितंबर 2025 तक स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट होना अनिवार्य है. इसके अलावा, इन कंपनियों पर सख्त नियामक निगरानी होती है और उन्हें तीन वर्षों के भीतर पब्लिक लिस्टिंग करनी होती है.

निवेशकों के लिए सुनहरा मौका

टाटा कैपिटल का IPO निवेशकों के लिए एक आकर्षक अवसर हो सकता है, क्योंकि यह टाटा समूह जैसे भरोसेमंद ब्रांड से जुड़ा है और फाइनेंशियल सर्विस सेक्टर में कंपनी की अहम उपस्थिति है. साथ ही, भारतीय फाइनेंस मार्केट में NBFC सेक्टर की बढ़ती भूमिका को देखते हुए, यह IPO बाजार में अच्छी प्रतिक्रिया प्राप्त कर सकता है.