Wakefit IPO: फर्नीचर कंपनी ने सेबी को सौंपा आईपीओ आवेदन, कारोबार बढ़ाने को जुटाएगी 468 करोड़ रुपये

होम डेकोर और फर्नीचर बनाने वाली कंपनी वेकफिट इनोवेशन्स अपना कारोबार बढ़ाना चाहती है. इसके लिए कंपनी ने भारतीय बाजार से 468 करोड़ रुपये जुटाने के लिए बाजार नियामक सेबी को आईपीओ आवेदन सौंपा है. यह एक मिक्स इश्यू होगा.

जल्द ओपन होगा ये आईपीओ Image Credit: traffic_analyzer/DigitalVision Vectors/Getty Images

ईरान-इजरायल में सीजफायर के बाद से भारतीय शेयर बाजार के बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स में 3 फीसदी से ज्यादा तेजी आ चुकी है. सेंसेक्स अपने ऑल टाइम हाई से करीब 2 फीसदी दूर है. बाजार की इस तेजी को देखते हुए तमाम कंपनियां बाजार में लिस्टिंंग के जरिये फंड जुटाने को उत्साहित नजर आ रही हैं. शुक्रवार को इसी सिलसिले में वेकफिट इनोवेशन्स ने भी बाजार नियामक सेबी को आईपीओ आवेदन सौंपा है.

कैसा होगा वेकफिट का इश्यू?

सेबी को सौंपे गए DRHP यानी ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्ट के मुताबिक वेकफिट एक मिक्स इश्यू लाने वाली है. इसमें फ्रेश शेयरों के साथ ही प्रमोटर और मौजूदा शेयरहोल्डर ऑफर फॉर सेल के जरिये अपना हिस्सा बेचेंगे. PTI की रिपोर्ट के मुताबिक DRHP में कंपनी ने कुल 468 करोड़ जुटाने की जानकारी दी है.

प्रमोटर कितने शेयर बेच रहे?

सेबी को गुरुवार को दिए गए डीआरएचपी के मुताबिक बेंगलुरु स्थित कंपनी के प्रस्तावित आईपीओ में ओएफएस के तहत मौजूदा शेयरधारकों की तरफ से कुल 5.84 करोड़ इक्विटी शेयरों को बेचने के लिए रखा जाएगा.

कौन-कौन बेच रहा शेयर?

ओएफएस के जरिये अपना हिस्सा बेचने वाले प्रमोटरों में अंकित गर्ग और चैतन्य रामलिंगगौड़ा शामिल हैं. इसके अलावा मौजूदा शेयरधारकों में नितिका गोयल, पीक XV पार्टनर्स इन्वेस्टमेंट VI, रेडवुड ट्रस्ट, वर्लिनवेस्ट एस.ए., एसएआई ग्लोबल इंडिया फंड एलएलपी, इन्वेस्टकॉर्प ग्रोथ इक्विटी फंड, इन्वेस्टकॉर्प ग्रोथ ऑपर्चुनिटी फंड और पैरामार्क केबी फंड भी अपने शेयरों की बिक्री करेंगे.

कहां होगा आईपीओ की रकम का इस्तेमाल?

Wakefit IPO से मिली रकम का इस्तेमाल नए स्टोर खोलने, उपकरण खरीदने के साथ ही अपनी कारोबारी और कॉर्पोरेट जरूरतों को पूरा करने के लिए करेगी. DRHP के मुताबिक वेकफिट भारत में तेजी से बढ़ता हुआ घरेलू फर्नीचर ब्रांड है.

  • DRHP के मुताबिक आईपीओ से मिलने वाली रकम में 82 करोड़ रुपये 117 नए COCO Regular और 1 COCO जंबो स्टोर की बनाने में खर्च करेगी.
  • इसके अलावा 15.4 करोड़ रुपये नए उपकरणों और मशीनरी की खरीद पर खर्च किए जाएंगे.
  • 145 करोड़ रुपये मौजूदा स्टोरों के लिए लीज और सब-लीज किराये और लाइसेंस शुल्क के भुगतान पर खर्च होंगे.
  • इसके अलावा 108.4 करोड़ रुपये का उपयोग ब्रांड प्रमोशन पर पर खर्च किए जाने की योजना है.
  • वहीं, शेष राशि का उपयोग सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए किया जाएगा.
  • इसके अलावा, कंपनी 93.6 करोड़ रुपये तक के प्री-आईपीओ प्लेसमेंट पर भी विचार कर सकती है. यदि ऐसा प्लेसमेंट किया जाता है, तो नए इश्यू का आकार कम हो जाएगा.

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