अगर आप भी करते हैं 16000 रुपये की SIP, तो जानिए कब बनेंगे करोड़पति; यह तरीका है और भी कारगर
16,000 रुपये की मासिक SIP से 1 करोड़ रुपये का फंड तैयार करना अब निवेशकों के लिए एक सही विकल्प है. 12 फीसदी सालाना अनुमानित रिटर्न के आधार पर यह लक्ष्य कितने वर्षों में पूरा हो सकता है, इसका पूरा गणित सामने रखा गया है. इसमें यह भी बताया गया है कि कुल निवेश राशि कितनी होगी, संभावित रिटर्न कितना बन सकता है और मैच्योरिटी पर कितना फंड तैयार होगा.
SIP investment: देश में तेजी से बढ़ती वित्तीय जागरूकता के बीच अब लोग बचत के साथ निवेश को भी प्राथमिकता दे रहे हैं. खासकर म्युचअल फंड्स में सिस्टेमेटिक इनवेस्टमेंट प्लान यानी SIP आम निवेशकों के लिए सबसे लोकप्रिय विकल्प बन चुका है. SIP के जरिए छोटे-छोटे मासिक निवेश से भी लंबी अवधि में बड़ा फंड तैयार किया जा सकता है. इसी क्रम में कई निवेशक यह जानना चाहते हैं कि क्या 16,000 रुपये की मासिक SIP से 1 करोड़ रुपये का फंड बनाया जा सकता है और इसमें कितना समय लगेगा. तो चलिए आपको बताते हैं कि अगर आप 16,000 रुपये की SIP करते हैं, तो 1 करोड़ रुपये का फंड बनाने में कितना समय लग सकता है.
इतने साल में बनेगा 1 करोड़
यदि कोई निवेशक हर महीने 16,000 रुपये की SIP करता है और उसे औसतन 12 फीसदी वार्षिक रिटर्न मिलता है, तो उसे अपने लक्ष्य तक पहुंचने में करीब 17 साल का समय लग सकता है. इस अवधि में निवेशक की कुल निवेश राशि लगभग 32.64 लाख रुपये होगी, जबकि अनुमानित रिटर्न करीब 74.22 लाख रुपये तक पहुंच सकता है. इस प्रकार, मैच्योरिटी पर कुल फंड लगभग 1.06 करोड़ रुपये हो सकता है. हालांकि ये आंकड़े अनुमानित हैं और वास्तविक रिटर्न मार्केट की चाल के अनुसार घट-बढ़ सकता है.
| विवरण | आंकड़े |
|---|---|
| मासिक SIP राशि | 16,000 रुपये |
| औसत वार्षिक रिटर्न | 12 फीसदी |
| निवेश की अवधि | 17 साल |
| कुल निवेश राशि | 32.64 लाख रुपये |
| अनुमानित रिटर्न | 74.22 लाख रुपये |
| मैच्योरिटी पर कुल फंड | 1.06 करोड़ रुपये |
SIP क्यों है आम निवेशकों के लिए खास विकल्प
SIP की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें निवेशक को एकमुश्त बड़ी रकम लगाने की जरूरत नहीं होती. वह तय अंतराल पर छोटी-छोटी रकम निवेश कर सकता है. मार्केट में गिरावट के दौरान कम कीमत पर ज्यादा यूनिट्स मिलती हैं, जबकि तेजी के दौर में निवेश की कीमत तेजी से बढ़ती है. इस पूरी प्रक्रिया में कंपाउंडिंग लंबी अवधि में निवेश को कई गुना बढ़ा देती है. यही कारण है कि इक्विटी म्युचुअल फंड्स में SIP को लंबी अवधि के लिए सबसे प्रभावशाली साधन माना जाता है.
स्टेप-अप SIP से लक्ष्य और जल्दी संभव
यदि निवेशक हर साल अपनी SIP राशि में 10 फीसदी की बढ़ोतरी करता है, जिसे स्टेप-अप SIP कहा जाता है, तो 1 करोड़ रुपये का लक्ष्य और भी तेजी से हासिल किया जा सकता है. 16,000 रुपये की शुरुआती मासिक SIP में हर साल 10 फीसदी बढ़ोतरी करने पर, 12 फीसदी अनुमानित रिटर्न की रेट से यह लक्ष्य लगभग 14 साल में पूरा हो सकता है. यानी केवल निवेश बढ़ाने की रणनीति अपनाकर करीब 4 से 5 साल का समय बचाया जा सकता है.
जोखिम और सावधानी भी जरूरी
यह समझना बेहद जरूरी है कि SIP मार्केट से जुड़ा होता है और इसमें जोखिम भी शामिल रहता है. रिटर्न की कोई गारंटी नहीं होती. मार्केट में उतार-चढ़ाव के कारण वास्तविक रिटर्न अनुमान से कम या ज्यादा हो सकता है. इसके अलावा टैक्स भी निवेश के कुल रिटर्न को प्रभावित करता है. इसलिए निवेश से पहले अपनी आय, खर्च, जोखिम सहन करने की क्षमता और वित्तीय लक्ष्य का आकलन करना जरूरी होता है.
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