8वें वेतन आयोग से पहले सरकार का बड़ा ऐलान, DA-DR मर्जर पर दे दिया अपडेट; जानें अब कैसे होगा कैलकुलेशन

8वें वेतन आयोग से पहले केंद्र सरकार ने डीए–डीआर को मूल वेतन में मर्ज करने की मांग पर बड़ा बयान दिया है. सरकार ने साफ कर दिया कि फिलहाल DA को बेसिक पे में शामिल करने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है. बढ़ती महंगाई और कर्मचारियों की चिंताओं के बीच अब पूरा ध्यान फिटमेंट फैक्टर और नए वेतनमान पर टिका है.

8वां वेतन आयोग. Image Credit: Money9live

8th Pay Commission on DA DR Merge: 8वें केंद्रीय वेतन आयोग (8th CPC) को लेकर चर्चाएं लगातार गरम हो रही हैं, खासकर महंगाई भत्ते (DA) को मूल वेतन यानी बेसिक सैलरी में शामिल किए जाने की मांग पर. इसी बीच केंद्र सरकार ने स्पष्टीकरण देते हुए बड़ा ऐलान किया है. सरकार ने कहा कि डीए और डीआर को बेसिक पे से मर्ज करने वाले फिलहाल किसी भी प्रस्ताव पर विचार नहीं किया जा रहा है. वित्त मंत्रालय में राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में लिखित जवाब देते हुए कहा कि “मौजूदा डीए को बेसिक पे में मर्ज करने का कोई प्रस्ताव सरकार के पास नहीं है.”

बढ़ती महंगाई और कर्मचारियों की चिंता

सांसद आनंद भदौरिया ने सरकार से सवाल किया था कि पिछले कई दशकों में महंगाई जिस तेजी से बढ़ी है, उसके मुकाबले DA-DR कर्मचारियों और पेंशनरों को वास्तविक राहत नहीं दे पा रहा. कई कर्मचारी संगठनों ने भी सरकार से 50 फीसदी DA को मूल वेतन में शामिल करने की मांग तेज कर दी है, खासकर तब से जब नवंबर की शुरुआत में 8वें वेतन आयोग की शर्तें तय हुईं. इसको लेकर कर्मचारियों की दलील है कि लगातार बढ़ती महंगाई और वास्तविक आय में गिरावट को देखते हुए बेसिक पे बढ़ाया जाना जरूरी है. हालांकि सरकार को इस फैसले के साथ वित्तीय अनुशासन भी संतुलित रखना होगा, खासकर चुनावी साल में जब राजकोषीय घाटे के लक्ष्य पहले से तय हैं.

फिटमेंट फैक्टर पर नजर

मनीकंट्रोल ने अपनी एक रिपोर्ट में टैक्स और वित्त विशेषज्ञ के हवाले से लिखा कि वह मानते हैं कि सरकार किसी भी तरह की अंतरिम राहत देने से पहले बड़ी सावधानी बरतेगी. वहीं 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर ही वह अहम आधार होगा जिससे भविष्य के DA-DR की गणना तय होगी. मालूम हो कि फिटमेंट फैक्टर वह गुणक है जिसकी मदद से कर्मचारियों और पेंशनरों के मूल वेतन या पेंशन को नए स्तर पर तय किया जाता है. जैसे-जैसे यह फैक्टर बढ़ता है, वैसे-वैसे मूल वेतन और HRA, TA और अन्य भत्ते भी खुद से बढ़ जाते हैं पेंशनरों को भी सीधी राहत मिलती है, क्योंकि उनकी पेंशन नए बेसिक पे का 50 फीसदी होती है. अगर फिटमेंट फैक्टर को वर्तमान 2.57 से बढ़ाकर 3.0 कर दिया गया तो एंट्री-लेवल वेतन में 15-20 फीसदी तक की बढ़ोतरी देखी जा सकती है. जैसा कि सरकार ने कह दिया है बेसिक पे से डीए और डीआर को मर्ज करने पर कोई विचार नहीं किया जा रहा. ऐसे में डीए बढ़ने का फायदा कर्मचारियों के बेसिक पे पर नहीं होगा.

7वें वेतन आयोग की समयसीमा खत्म होने को

7वें CPC का कार्यकाल 31 दिसंबर को समाप्त हो रहा है. ऐसे में कई कर्मचारियों के मन में यह सवाल है कि क्या DA-DR पुराने फॉर्मूले पर मिलता रहेगा, या फिर 8वें वेतन आयोग के लागू होने तक इसे रोक दिया जाएगा. इस पर सरकार ने फिर दोहराया कि DA और DR की दरों में संशोधन हर 6 महीने पर होता रहेगा, ताकि महंगाई के असर से मूल वेतन और पेंशन की वास्तविक कीमत सुरक्षित रहे. यह गणना AICPI-IW (औद्योगिक श्रमिक उपभोक्ता मूल्य सूचकांक) के आधार पर की जाती है.

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