Government Welfare Reforms Explained; DBT ने कैसे बदला सिस्टम?
भारत की Direct Benefit Transfer यानी DBT व्यवस्था को लेकर लंबे समय से सवाल उठते रहे हैं कि क्या इससे वाकई लीकेज कम हुई है या नहीं. Boston Consulting Group की रिपोर्ट और Ministry of Finance के आंकड़ों के मुताबिक, आधार से जुड़े डिजिटल भुगतान ने वेलफेयर स्कीम्स में बड़ा बदलाव किया है. रिपोर्ट बताती है कि Aadhaar लिंकिंग से फर्जी और अयोग्य लाभार्थियों की पहचान आसान हुई है. इससे सब्सिडी सीधे सही व्यक्ति के खाते में पहुंची और बिचौलियों की भूमिका लगभग खत्म हो गई। DBT लागू होने के बाद कई योजनाओं में डुप्लीकेट नाम हटे और सरकारी खर्च ज्यादा टारगेटेड हुआ.
BCG के आकलन के अनुसार, इन सुधारों से सरकार को बड़ी रकम की बचत हुई है और योजनाओं की एफिशिएंसी बढ़ी है. कुल मिलाकर DBT ने वेलफेयर डिलीवरी सिस्टम को ज्यादा पारदर्शी, तेज और भरोसेमंद बनाया है, जिससे जरूरतमंदों तक मदद सही तरीके से पहुंच रही है.
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