Income Tax Bill 2025: खेती किसानी के कमाई पर बड़ा फैसला, डेयरी पोल्ट्री सहित इन इनकम पर लगेगा टैक्स!
Income Tax Bill 2025 में कृषि आय पर सख्त नियम लागू हुए हैं. खेती से होने वाली आय टैक्स फ्री रहेगी, लेकिन प्रमाण के लिए कड़े नियम होंगे. शहरी कृषि भूमि किराये पर टैक्स लगेगा. डेयरी, पोल्ट्री और मछली पालन से आय अब टैक्सेबल होगी.
Tax on Agricultural Income: इनकम टैक्स बिल 2025 में एग्रीकल्चर इनकम को लेकर बड़े बदलाव किए गए हैं. नए कानून के तहत खेती से होने वाली इनकम टैक्स फ्री रहेगी, लेकिन इसके प्रमाण के लिए सख्त नियम लागू किए गए हैं. इसका मतलब है कि अब किसी भी इनकम को एग्रीकल्चर इनकम बताकर टैक्स छूट नहीं ली जा सकेगी. इसके अलावा इस बिल में एक बड़ा बदलाव करते हुए डेयरी, पोल्ट्री और मछली पालन से मिलने वाली इनकम को नॉन एग्रीकल्चर इनकम माना जाएगा और अब ये टैक्सेबल होंगे.
क्या बदलाव हुए हैं?
- खेती से होने वाली इनकम– टैक्स छूट जारी रहेगी, लेकिन कृषि प्रमाणपत्र और दस्तावेज अनिवार्य होंगे.
- कृषि भूमि से किराया – शहरी क्षेत्रों में कृषि भूमि किराए पर देने से होने वाली इनकमपर अब टैक्स लगेगा.
- कृषि उत्पादों का प्रोसेसिंग – यदि किसी उत्पाद में अतिरिक्त वैल्यू एडिशन किया गया है, तो उस पर टैक्स लगेगा.
- नर्सरी से होने वाली इनकम– पारंपरिक नर्सरी की इनकम टैक्स फ्री रहेगी, लेकिन कमर्शियलनर्सरी पर टैक्स लगेगा.
- डेयरी और पशुपालन – डेयरी, पोल्ट्री और मछली पालन से होने वाली इनकमपर टैक्स लगेगा, इसे अब एग्रीकल्चर इनकम नहीं माना जाएगा.
- कृषि आधारित उद्योग – छोटे कृषि उद्योगों को कुछ टैक्स छूट मिलेग, लेकिन बड़े एग्री बिजनेस पर ज्यादा टैक्स लगेगा.
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बदलाव क्यों किए गए?
13 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने Income Tax Bill 2025 पेश किया, जो 1961 के इनकम टैक्स एक्ट की जगह लेगा. इस नए बिल में कई पुराने सेक्शन्स को संशोधित किया गया है और कुछ नए सेक्शन्स जोड़े गए हैं. सरकार का उद्देश्य इनकम टैक्स कानून को सरल और पारदर्शी बनाना है, ताकि इसे समझना आसान हो. Business Today के रिपोर्ट के मुताबिक, बिल में सेक्शन 10 के तहत टैक्स छूट को टेबल फॉर्मेट में पेश किया गया है, जिससे लोगों को यह समझना आसान होगा कि उनकी इनकम टैक्स फ्री है या नहीं.
कृषि आय पर नया और पुराना कानून (Income Tax Bill 2025 vs. Income Tax Act 1961-2024)
कैटेगरी | पुराना कानून (1961-2024) | नया कानून (2025) | मुख्य अंतर |
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खेती (Cultivation of Land) | खेती से होने वाली आय पूरी तरह टैक्स फ्री थी. | अभी भी टैक्स फ्री है, लेकिन प्रमाण के लिए सख्त दस्तावेज देने होंगे. | खेती करने का प्रमाण देना अनिवार्य होगा. |
कृषि भूमि से किराया या राजस्व (Rent or Revenue from Agricultural Land) | कृषि भूमि किराए पर देने से हुई आय पर कोई टैक्स नहीं था. | शहरी क्षेत्रों में कृषि भूमि किराए पर देने की आय पर टैक्स लगेगा. | अब शहरी कृषि भूमि से किराया टैक्सेबल होगा. |
कृषि उत्पादों का प्रसंस्करण (Processing of Agricultural Produce) | यदि उत्पाद को सिर्फ बेचने लायक बनाया गया हो, तो टैक्स फ्री था. | अगर इसमें अतिरिक्त मूल्यवर्धन किया गया है, तो उस पर टैक्स लगेगा. | कुछ फूड प्रोसेसिंग पर अब टैक्स लगेगा. |
नर्सरी से आय (Income from Nursery Operations) | पौधों और बीजों की बिक्री से हुई आय टैक्स फ्री थी. | सिर्फ पारंपरिक नर्सरी की आय टैक्स फ्री, व्यावसायिक नर्सरी पर टैक्स लगेगा. | बड़े स्तर पर नर्सरी चलाने वालों को टैक्स देना होगा. |
डेयरी और पशुपालन (Income from Dairy Farming) | डेयरी, पोल्ट्री और मत्स्य पालन से आय कृषि आय मानी जाती थी और टैक्स फ्री थी. | अब इसे कृषि आय नहीं माना जाएगा, पूरी तरह टैक्स योग्य होगी. | डेयरी, पोल्ट्री और मछली पालन पर अब टैक्स लगेगा. |
कृषि आधारित उद्योग (Agro-Based Industries) | कई कृषि उद्योगों को टैक्स छूट मिलती थी. | छोटे कृषि उद्योगों को ही छूट मिलेगी, बड़े एग्री बिजनेस पर अधिक टैक्स लगेगा. | बड़े एग्री बिजनेस पर टैक्स बढ़ेगा. |