खूब इनकम टैक्‍स बचाता है सेक्शन 80C, अब होगी विदाई; नए टैक्स कानून में अब इसे रखें याद

13 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में नया Income Tax Bill पेश किया, जो 1 अप्रैल 2026 से लागू होगा. इसमें धारा 80C को क्लॉज 123 के तहत शामिल किया गया है. अब Schedule XV में कर बचत योजनाओं की जानकारी दी जाएगी. नए कानून में 536 सेक्शन होंगे, लेकिन टैक्स स्लैब और कैपिटल गेन टैक्स में कोई बदलाव नहीं किया गया है.

इसमें धारा 80C को क्लॉज 123 के तहत शामिल किया गया है.

New Income Tax Bill, Section 80C: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में 13 फरवरी को नया Income Tax Bill पेश किया. हालांकि, इसे अभी सेलेक्ट कमेटी के पास भेजा गया है, जो अगले संसद सत्र के पहले दिन अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. यह कानून 1 अप्रैल 2026 से लागू होगा. वित्त मंत्री द्वारा पेश किए गए इस बिल में धारा 80c को लेकर के एक अहम बदलाव किया गया है. नए कानून के तहत अब इसे क्लॉज 123 के तहत शामिल किया गया है.

धारा 80C की जगह क्लॉज 123

धारा 80C, जिसके तहत PPF, NPS, ELSS, लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम जैसी निवेश योजनाओं पर 1.5 लाख रुपये तक तक की छूट मिलती है, अब नए बिल में यह धारा या क्‍लॉज 123 के नाम से जाना जाएगा. मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, नए कानून के तहत इस सेक्शन को पढ़ने के लिए Schedule XV को देखना होगा, जहां कर बचत योजनाओं (tax-saving instruments) की पूरी जानकारी दी गई है.

कैपिटल गेन टैक्स में कोई बदलाव नहीं

नए बिल में टैक्स स्लैब और कैपिटल गेन टैक्स में कोई बदलाव नहीं किया गया है, लेकिन इसे सरल भाषा में लिखा गया है ताकि टैक्सपेयर्स के लिए अनुपालन (compliance) आसान हो सके.

नए कानून में होंगे 536 सेक्शन

वर्तमान Income Tax Act, 1961 में कुल 298 सेक्शन हैं, जबकि नए बिल में 536 सेक्शन होंगे. पुराने कानून में कई अनावश्यक सेक्शन को हटा दिया गया है, जिससे इसे आसान बनाया गया है.

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इनकम टैक्स धारा 80C के तहत कटौती

भारत में इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत, व्यक्ति या हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) टैक्स योग्य आय पर अधिकतम 1,50,000 रुपये तक की कटौती का लाभ ले सकते हैं. यह कटौती विभिन्न कर-बचत निवेशों और खर्चों पर उपलब्ध होती है, जिनमें शामिल हैं:

  • एम्प्लॉयी प्रोविडेंट फंड (EPF): कर्मचारी के वेतन से 12 फीसदी तक का योगदान EPF में किया जाता है, जो कर कटौती के लिए पात्र होता है.
  • ELSS (इक्विटी-लिंक्ड सेविंग स्कीम): यह म्यूचुअल फंड स्कीम है, जो इक्विटी में निवेश करती है और धारा 80C के तहत कर कटौती के योग्य होती है.
  • इंफ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड: सरकार द्वारा स्वीकृत इन बॉन्ड्स में निवेश से भी कर कटौती का लाभ मिलता है.
  • लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम: किसी भी जीवन बीमा पॉलिसी के लिए चुकाया गया प्रीमियम 80C के तहत कटौती के लिए योग्य है.
  • राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (NSC): यह डाक विभाग द्वारा संचालित बचत योजना है, जिसमें निवेश करने पर टैक्स कटौती का लाभ मिलता है.
  • बच्चों की ट्यूशन फीस: भारत के मान्यता प्राप्त स्कूल, कॉलेज या विश्वविद्यालय में दो बच्चों की ट्यूशन फीस पर 80C के तहत छूट मिलती है.
  • होम लोन के मूलधन का भुगतान: होम लोन के मूल पुनर्भुगतान पर इस धारा के तहत कर कटौती उपलब्ध होती है.
  • पोस्ट ऑफिस फिक्स्ड डिपॉजिट: 5 साल की अवधि वाले पोस्ट ऑफिस FD पर निवेश को धारा 80C के तहत कटौती के रूप में माना जाता है.