जल्द ही UPI और ATM से निकाल सकेंगे EPF का पैसा, सरकार तैयार कर रही सिस्टम, जानें- बड़ी बातें
EPFO Withdrawal: ईपीएफ का एक निश्चित हिस्सा रोक लिया जाएगा और एक बड़ा हिस्सा यूपीआई या एटीएम डेबिट कार्ड जैसे अलग-अलग तरीकों से निकाला जा सकेगा. समय लेने वाली प्रक्रिया से बचने और EPFO के बोझ को कम करने के लिए नए सिस्टम डेवलप किए जा रहे हैं.

EPFO Withdrawal: रिटायरमेंट फंड बॉडी EPFO के सदस्य जल्द ही एटीएम या यूपीआई जैसे अन्य तरीकों से अपने कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) खाते से पैसों की निकासी कर पाएंगे. इसके लिए उन्हें अपने बैंक खातों को ईपीएफ से जोड़ना होगा. एक उच्च पदस्थ सूत्र ने कहा कि श्रम मंत्रालय एक ऐसे प्रोजोक्ट पर काम कर रहा है, जिसमें ईपीएफ का एक निश्चित हिस्सा रोक लिया जाएगा और एक बड़ा हिस्सा यूपीआई या एटीएम डेबिट कार्ड जैसे अलग-अलग तरीकों से निकाला जा सकेगा. सूत्र ने यह भी कहा कि इस सिस्टम को लागू करने में कुछ सॉफ्टवेयर चुनौतियां हैं, जिन्हें हल किया जा रहा है.
ऑटो-सेटलमेंट मोड
मौजूदा समय में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के सदस्यों को अपने ईपीएफ पैसे तक पहुंचने के लिए निकासी क्लेम के लिए आवेदन करना पड़ता है, जिसमें समय लगता है. ऑटो-सेटलमेंट मोड के तहत, आवेदन पत्र दाखिल करने के तीन दिनों के भीतर निकासी क्लेम को बिना किसी मैनुअल हस्तक्षेप के इलेक्ट्रॉनिक रूप से सेटल किया जाता है.
इस ऑटो-सेटलमेंट मोड की लिमिट को मौजूदा 1 लाख रुपये से बढ़ाकर मंगलवार को 5 लाख रुपये कर दी गई है. इससे बड़ी संख्या में ईपीएफओ सदस्य इलाज, शिक्षा, विवाह और आवास के उद्देश्यों के लिए तीन दिनों के भीतर अपने ईपीएफ पैसे का उपयोग करने में सक्षम होंगे.
निकासी के लिए फाइल करना होता है क्लेम?
ईपीएफओ के 7 करोड़ से अधिक सदस्य हैं. इसने वित्तीय संकट का सामना कर रहे लोगों को तुरंत सहायता प्रदान करने के लिए कोविड-19 महामारी के दौरान एडवांस क्लेम का ऑनलाइन ऑटो-सेटलमेंट शुरू किया था. हालांकि, सभी सदस्यों को अपने ईपीएफ तक पहुंचने के लिए क्लेम फाइल करना होगा.
हर साल 5 करोड़ से अधिक क्लेम सेटलमेंट
इस समय लेने वाली प्रक्रिया से बचने और EPFO के बोझ को कम करने के लिए नए सिस्टम डेवलप किए जा रहे हैं. क्योंकि हर साल ईपीएफ निकालने के लिए 5 करोड़ से अधिक क्लेम का निपटारा किया जाता है. सूत्र ने कहा कि ईपीएफओ अपने सदस्यों को ईपीएफ खातों से सीधे पैसे निकालने की अनुमति नहीं दे सकता, क्योंकि निकाय के पास कोई बैंकिंग लाइसेंस नहीं है. हालांकि, सूत्र ने कहा कि सरकार ईपीएफओ की सेवाओं को बैंकों के बराबर सुधारना चाहती है.
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