प्रॉपर्टी पर लोन या होम लोन? जानें क्या है फर्क
संपत्ति पर लोन और होम लोन दोनों ही अलग-अलग वित्तीय जरूरतों को पूरा करते हैं. आप अपने जरूरत के हिसाब से सही लोन का चुनाव करें. और सही चुनाव के लिए यह जानना जरूरी है कि इनका फर्क क्या है.
जब भी किसी को बड़ी धनराशि की जरूरत होती है, जैसे कि घर खरीदने के लिए या किसी आपातकालीन वित्तीय जरूरत को पूरा करने के लिए, तो हमारे सामने दो विकल्प अक्सर सामने आते हैं. संपत्ति पर लोन (Loan Against Property) और होम लोन. हालांकि दोनों में संपत्ति को गिरवी रखने की प्रक्रिया शामिल होती है लेकिन इनका उद्देश्य और विशेषताएं पूरी तरह अलग होती हैं. अगर आप भी इन दोनों लोन में से किसी को लेने की योजना बना रहे हैं तो सबसे पहले परत दर परत इनके बारे में जान लें.
क्या है संपत्ति पर लोन?
संपत्ति पर लोन वह सिक्योर लोन है जिसमें आप अपनी संपत्ति को गिरवी रखकर बैंकों से पैसा हासिल करते हैं. यह संपत्ति आवासीय, व्यावसायिक या जमीन का टुकड़ा भी हो सकती है. सबसे बड़ी खासियत यह है कि इस लोन की रकम को किसी भी उद्देश्य के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है, चाहे वह बिजनेस फंडिंग हो, चिकित्सा खर्च हो या किसी के उच्च शिक्षा के लिए भुगतान करना हो. बैंक को जितनी संपत्ति गिरवी रखेंगे उसके कुल मार्केट वैल्यू का 75 फीसदी पैसा बैंक से ले सकते हैं. ICICI Bank ये सुविधा मुहैया करता है हालांकि अन्य बैंक भी अपने नियम के मुताबिक लोन देंगे.
मुख्य विशेषताएं:
- उपयोग में स्वतंत्रता: इस लोन की राशि को किसी भी उद्देश्य के लिए खर्च किया जा सकता है.
- लंबी अवधि: 2 से 15 साल तक की अवधि, कुछ मामलों में इससे अधिक भी.
- कम ब्याज दर: यह असुरक्षित लोन की तुलना में कम ब्याज पर उपलब्ध होता है.
- उच्च लोन राशि: संपत्ति के बाजार मूल्य का लगभग 75% तक लोन मिल सकता है.
क्या है होम लोन?
होम लोन विशेष रूप से घर खरीदने, बनाने या सुधारने के लिए लिया जाता है. यह भी एक सुरक्षित लोन है लेकिन इस लोन की राशि का उपयोग केवल संपत्ति से संबंधित उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है.
मुख्य विशेषताएं:
उद्देश्य आधारित: धनराशि केवल संपत्ति खरीदने, निर्माण, या नवीनीकरण के लिए उपयोग की जा सकती है.
लंबी अवधि: 30 साल तक की अवधि, जिससे ईएमआई भुगतान आसान हो जाता है.
कर लाभ: आयकर अधिनियम की धारा 80C और 24(b) के तहत कर छूट मिलती है.
कम ब्याज दर: यह अन्य प्रकार के लोन की तुलना में अधिक सस्ती ब्याज दर पर मिलता है.
दोनों में प्रमुख अंतर
फीचर्स | संपत्ति पर लोन | होम लोन |
उद्देश्य | किसी भी उद्देश्य के लिए धन का उपयोग | केवल संपत्ति खरीद, निर्माण, या नवीनीकरण |
गिरवी संपत्ति | कोई भी संपत्ति: आवासीय, व्यावसायिक या भूमि | केवल वह संपत्ति जिसे खरीदा जा रहा है |
लोन राशि | संपत्ति के मूल्य का 75% तक | संपत्ति के मूल्य का 90 फीसदी तक |
कर लाभ | नहीं | धारा 80C और 24(b) के तहत कर छूट |
लचीलापन | उच्च, क्योंकि धन का उपयोग स्वतंत्र है | सीमित, केवल संपत्ति से जुड़े खर्च के लिए |
संपत्ति पर लोन और होम लोन के लाभ
संपत्ति पर लोन
- उच्च धनराशि: संपत्ति पर लोन पर अन्य लोन की तुलना में आपको रकम ज्यादा मिलती है.
- लचीला उपयोग: धन को किसी भी व्यक्तिगत या व्यावसायिक उद्देश्य के लिए खर्च कर सकते हैं.
- कम ब्याज दर: पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड के तुलना में ये लोन सस्ता होता है.
- स्वामित्व बरकरार: संपत्ति आपके नाम पर बनी रहती है.
होम लोन
- सस्ती ब्याज दर: होम लोन सस्ते ब्याज दर पर मिल जाता है.
- कर लाभ: मुख्य राशि और ब्याज भुगतान पर आयकर छूट मिलती है.
- लंबी अवधि: लोन भुगतान के लिए 30 साल की लंबा वक्त मिलता है.
- संपत्ति का स्वामित्व: घर खरीदने में मदद, जो भविष्य के लिए एक ठोस निवेश है.
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कब चुनें कौन सा लोन?
अगर आपके पास संपत्ति है और आप बड़े वित्तीय उद्देश्यों जैसे बिजनेस विस्तार, शिक्षा या चिकित्सा जरूरतों के लिए धन चाहते हैं तो आपके लिए संपत्ति पर लोन लेना सही विकल्प है. वहीं, अगर आप घर खरीदना चाहते हैं या मौजूदा घर का नवीनीकरण करना चाहते हैं तो होम लोन लें.