मकान या फ्लैट खरीदते समय न करें हड़बड़ी, इन बातों का रखें ध्यान वरना बाद में पड़ेगा पछताना

अपना घर खरीदना किसी सपने के सच होने जैसे होता है इसलिए घर खरीदते समय हड़बड़ी नहीं करनी चाहिए. लोग कभी-कभी जल्दबाजी में ऐसी डील कर लेते हैं जिससे बाद में उन्हें पछताना पढ़ता है .अगर आप भी घर खरीदने के बाद कोर्ट-कचहरी के चक्कर नहीं काटना चाहते हैं . तो आपको भी इन बातों का ध्यान रखकर ही निवेश करना चाहिए.

घर खरीदते समय रखें ये ध्यान Image Credit: Money9

अपना घर खरीदना हर किसी का सपना का होता है. घर खरीदना सिर्फ अपने लिए छत ढूढ़ना ही नहीं होता है बल्कि यह निवेश का भी एक साधन है. लोग घर खरदीने के लिए दिन-रात मेहनत करके एक-एक पैसा जोड़ते हैं. अगर आप भी अपने लिए मकान या फ्लैट खरीदने की सोच रहे है तो आपको इन बातों का ध्यान रखकर ही अपना पैसा इन्वेस्ट करना चाहिए वरना आगे चलकर आपको पछताना पड़ सकता है.

बिल्डर का पुराना रिकॉर्ड व विज्ञापन की करें जांच

अगर आप अखबार या सोशल मीडिया पर किसी बिल्डर का विज्ञापन देखकर प्रॉपर्टी में निवेश करना चाहते हैं तो आपको बिल्डर के पुराने प्रोजेक्ट्स की डिटेल्स चेक करनी चाहिए. कि बिल्डर ने पुराने प्रोजेक्ट्स समय पर डिलीवर किया था या नहीं, विज्ञापन में जैसा बताया गया मकान या फ्लैट का साइज वैसा ही है, घर की जो कीमत मकान बताई है उसमें कोई हिडन चार्ज तो नहीं लगेगा. बिल्डर पर किसी तरह का मुकदमा तो नहीं है.

बजट तय करना और अपने होम लोन की Eligibility चेक करना

मकान या फ्लैट खरीदने की योजना बनाने के दौरान सबसे पहले, अपना बजट तय करें। अगर आप होम लोन लेना चाहते हैं, तो बैंक से अपनी Eligibility के अनुसार लोन की राशि के बारे में पूछताछ करें। आपकी वर्तमान आय, वर्तमान आयु, अन्य बकाया लोन की राशि और सबसे महत्वपूर्ण, आपका पिछला क्रेडिट इतिहास या CIBIL स्कोर आपकी होम लोन पात्रता पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालेगा . बैंक सामान्य रूप से घर की कीमत का 80-85% तक लोन देते हैं और खरीदारों को आमतौर पर 15-20% डाउन पेमेंट का इंतजाम खुद से ही करना पड़ता है. अगर आपके लिए तुरंत पैसे की व्यवस्था करना मुश्किल है, तो आप अंडर कन्स्ट्रक्टशन प्रोजेक्ट्स को चुन सकते हैं . ऐसे प्रोजेक्ट्स में स्टेप बाय स्टेप भुगतान की व्यवस्था होती है और आपको एक साथ बहुत अधिक पैसा खर्च नहीं करना पड़ता है.


घर की लोकेशन है सबसे जरूरी पहलू

घर के लिए एक अच्छी लोकेशन का चुनाव करना सबसे जरूरी स्टेप है. जब आप अपने परिवार के लिए घर ढूंढ रहे हों, तो आस-पास बुनियादी सुविधाओं की मौजूदगी को चेक करना चाहिए . स्कूल, अस्पताल, पार्क, सामुदायिक केंद्र और मनोरंजन की सुविधाओं जैसी बुनियादी संरचनाएं पूरे परिवार के लिए जरूरी हैं. इसलिए आपको लोकेशन और पूरे एरिया की विकास संभावनाओं के बारे में गहन रिसर्च करना चाहिए . आखिरकार, आप और आपका परिवार अपने जीवन का एक बड़ा हिस्सा इसी घर में बिताएंगे . इसमें आपकी कमाई का बड़ा हिस्सा भी खर्च होगा अगर एरिया मेन सड़क, स्कूल व अन्य बुनियादी चीजों से वेल कनेक्टेड नहीं है तो आपके निवेश पर बढ़िया रिटर्न नहीं मिलेगा क्योंकि प्रॉपर्टी के रेट तभी बढ़ते हैं जब एरिया में सब सुविधाएं उपलब्ध हों.

प्रॉपर्टी के कागजात

घर खरीदते समय प्रॉपर्टी से जुड़े कागजात की जांच करें। नगर निगम, जल बोर्ड और बिजली विभाग से एनओसी सर्टिफिकेट प्राप्त जरूर करें . घर खरीदते समय आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उस पर किसी बैंक या वित्तीय संस्थान का लोन न चल रहा हो. टाइटल डीड की जांच करना सबसे ज्यादा जरूरी होता है. इस डीड से पता चल जाता है कि बिल्डर जो संपत्ति बेच रहा है उस पर उसका मालिकाना है या नहीं. क्या उसे उस संपत्ति को बेचने या उसका मालिकाना हक ट्रांसफर करने का अधिकार है या नहीं? इस डीड से यह भी पता चल जाएगा कि जो घर या प्रॉपर्टी बेची जा रही है उस पर कोई मुकदमा चल रहा है या नहीं.

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