SEBI चेयरमैन के बयान के बाद टूटकर बिखर गए BSE और एंजेल वन के शेयर, क्या बाजार में होने वाला है बड़ा बदलाव?
Equity Derivatives Tenure: सेबी चेयरमैन ने कहा कि इक्विटी डेरिवेटिव्स की अवधि बढ़ाने के संबंध में एक परामर्श पत्र जारी किया जाएगा. पांडे के बयान के बाद बीएसई और एंजेल वन समेत अन्य कैपिटल मार्केट के शेयरों में गिरावट आई.
Equity Derivatives Tenure: मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) के चेयरमैन तुहिन कांत पांडे के इक्विटी डेरिवेटिव्स की अवधि के संबंध में नए बयान के बाद गुरुवार 21 अगस्त को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) के शेयरों में 5 फीसदी तक की गिरावट आई. फिक्की के एनुअल कैपिटल मार्केट कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए पांडे ने कहा कि इक्विटी डेरिवेटिव्स की अवधि बढ़ाने की जरूरत है. सेबी चेयरमैन ने कहा कि इक्विटी डेरिवेटिव्स की अवधि बढ़ाने के संबंध में एक परामर्श पत्र जारी किया जाएगा. पांडे के बयान के बाद बीएसई और एंजेल वन समेत अन्य कैपिटल मार्केट के शेयरों में गिरावट आई.
अवधि और मैच्योरिटी में सुधार पर विचार
तुहिन कांत पांडे ने आगे कहा कि नियामक इक्विटी डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट की अवधि और मैच्योरिटी में सुधार के साथ-साथ कैश मार्केट में कारोबार बढ़ाने के तरीकों पर विचार कर रहा है.
बीएसई के शेयर टूटे
बीएसई के शेयर 5.5 फीसदी की गिरावट के साथ 2,381 रुपये पर आ गए. बीएसई के शेयरों में हाल के दिनों में लगातार गिरावट देखने को मिली है. हालांकि, 2025 में स्टॉक अब तक 32 फीसदी तक उछला है.
एंजेल वन में गिरावट
तुहिन कांत पांडे बयान के बाद बीएसई के अलावा एंजेल वन के शेयर भी बुरी तरह टूट गए. एंजेल वन के शेयर 5.81 फीसदी की गिरावट के साथ 2,562.80 रुपये पर आ गए.
पांडे ने कहा कि डेरिवेटिव ट्रेडिंग में वृद्धि के कारण सेबी ने पहले ही कॉन्ट्रैक्ट एक्सपायरी की संख्या को सीमित कर दिया है तथा ट्रेड्स को अधिक महंगा बनाने के लिए लॉट साइज बढ़ा दिया है.
बाजार के जोखिमों पर फोकस
वैश्विक इक्विटी डेरिवेटिव्स कारोबार में भारत की हिस्सेदारी लगभग 60 फीसदी है, लेकिन रिटेल ट्रेडर्स को भारी नुकसान उठाना पड़ा है सेबी की एक स्टडी से पता चला है कि 31 मार्च 2024 को समाप्त वर्ष में खुदरा निवेशकों को 52,400 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ, जबकि प्रोप्राइटरी ट्रेडर्स को 33,000 करोड़ रुपये और विदेशी निवेशकों को 28,000 करोड़ रुपये का ग्रॉस प्रॉफिट हुआ.
नियमों को किया गया है सख्त
नियामक ने हाल ही में नियमों को कड़ा किया है, जिसमें ऑप्शन पोर्टफोलियो में दिन के अंत तक निवेश की सीमा 1,500 करोड़ रुपये तक सीमित करना शामिल है. मामले से परिचित लोगों ने इस सप्ताह की शुरुआत में रॉयटर्स को बताया कि नियामक सिस्टमैटिक रिस्क को नियंत्रित करने के प्रयासों के तहत इंट्राडे इंडेक्स डेरिवेटिव्स ट्रेडिंग पर और प्रतिबंध लगाने पर भी विचार कर रहा है.