BSE के नए इंडेक्स से चमकेंगे निवेशकों के पोर्टफोलियो, छोटे इन्वेस्टर भी बनेंगे मालामाल?

भारतीय निवेशकों के लिए बड़ा मौका, बीएसई ने किए नए इंडेक्स लॉन्च, जिनसे विभिन्न बिजनेस ग्रुप्स और मिडकैप कंपनियों के प्रदर्शन का आसानी से आकलन किया जा सकेगा. जानिए कैसे ये बदलाव आपको फायदा पहुंचाएगा.

बीएसई सेलेक्ट आईपीओ लॉन्च Image Credit: Indranil Aditya/NurPhoto via Getty Images

निवेशकों के निवेश को और सुविधाजनक बनाने के लिए बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी एशिया इंडेक्स प्राइवेट लिमिटेड ने मंगलवार को दो नए इंडेक्स लॉन्च किए. कंपनी के ये दो इंडेक्स ‘BSE सेलेक्ट बिजनेस ग्रुप्स’ और ‘BSE फोकस्ड मिडकैप’ है. ये इंडेक्स निवेशकों को भारतीय बाजार के तमाम सेक्टर में निवेश करने का एक बेहतरीन मौका मुहैया करेंगे.

क्या है BSE सेलेक्ट बिजनेस ग्रुप्स

इस इंडेक्स का उद्देश्य भारत के सात सबसे बड़े बिजनेस ग्रुप्स की टॉप 30 कंपनियों के प्रदर्शन को मापना है, जिनका चयन BSE 500 इंडेक्स से उनकी फ्री-फ्लोट मार्केट कैपिटलाइजेशन के आधार पर किया गया है. हालांकि, इस इंडेक्स में फाइनेंशियल सर्विस सेक्टर की कंपनियों को शामिल नहीं किया गया है. इस इंडेक्स की बेस वैल्यू 1000 है और इसका पहला वैल्यू डेट 23 जून 2014 है. यह इंडेक्स हर छह महीने में पुनर्गठित किया जाएगा और तिमाही आधार पर रीबैलेंस किया जाएगा.

लॉन्च के मौके पर एशिया इंडेक्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और सीईओ अशुतोष सिंह ने कहा, “हमें खुशी है कि हमने एक ऐसा इंडेक्स लॉन्च किया है जो अलग-अलग सेक्टर्स और कंपनियों को कवर करता है. ये इंडेक्स निवेशकों के लिए भारत की आर्थिक विकास की प्रमुख थीम जैसे फिजिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर, रिटेल कंजम्पशन और डिजिटल टेक्नोलॉजी पर फोकस करता है”

क्या है BSE फोकस्ड मिडकैप

दूसरा इंडेक्स, ‘BSE फोकस्ड मिडकैप’ है जो BSE मिडकैप 150 इंडेक्स की टॉप 20 कंपनियों के प्रदर्शन को मापता है. इन सभी कंपनियों का चयन फ्री-फ्लोट मार्केट कैपिटलाइजेशन के आधार पर किया गया है और सभी स्टॉक्स फ्यूचर्स और ऑप्शंस सेगमेंट में ट्रेड किए जाते हैं. इस इंडेक्स की बेस वैल्यू 1000 है और इसका पहला वैल्यू डेट 30 नवंबर 2017 है. इसे भी हर छह महीने में पुनर्गठित और तिमाही आधार पर रीबैलेंस किया जाएगा.

निवेशकों के लिए उपयोगी होंगे नए इंडेक्स

इन दोनों इंडेक्स का उपयोग पोर्टफोलियो मैनेजमेंट स्ट्रैटेजीज (PMS), म्यूचुअल फंड स्कीम्स और फंड पोर्टफोलियो के प्रदर्शन को मापने के लिए किया जा सकता है.इसके अलावा इन्हें ETF और इंडेक्स फंड जैसी निष्क्रिय रणनीतियों (Passive Strategies) के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है.