Closing Bell: लगातार तीसरे दिन निफ्टी-सेंसेक्स लाल, रुपये की कमजोरी और FII आउटफ्लो से बढ़ा दबाव
लगातार तीसरे दिन शेयर बाजार के बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी और सेंसेक्स लाल निशान में बंद हुए. रुपये की रिकॉर्ड कमजोरी, भारी FII आउटफ्लो और सेक्टोरल इंडेक्स रिबैलेंसिंग का दबाव पूरे बाजार पर देखने को मिल रहा है. बैंकिंग, फाइनेंशियल और मिडकैप-स्मॉलकैप इंडेक्स में गिरावट, जबकि PSU बैंकों और चुनिंदा FMCG-IT शेयरों ने सीमित सहारा दिया.
भारतीय शेयर बाजार मंगलवार को लगातार तीसरे दिन गिरावट के साथ बंद हुआ, जहां रुपये की नई रिकॉर्ड कमजोरी और भारी FII आउटफ्लो ने निवेशक सेंटीमेंट को बुरी तरह प्रभावित किया. दिनभर के उतार-चढ़ाव के बावजूद बेंचमार्क इंडेक्स दबाव में रहे, जबकि सेक्टोरल इंडेक्स रिबैलेंसिंग ने बैंकिंग और फाइनेंशियल शेयरों में अतिरिक्त कमजोरी ला दी.
दबाव में Sensex-Nifty
सेंसेक्स 503 अंक टूटकर 85,138.27 पर बंद हुआ और कारोबार के दौरान 85,053 तक फिसला. 85,553 के ऊपरी स्तर पर गई शुरुआती मजबूती टिक नहीं पाई. निफ्टी 143 अंक कमजोर होकर 26,032.20 पर बंद हुआ, जबकि इंट्राडे लो 25,997.85 तक रहा. HDFC Bank, Reliance, ICICI Bank, Axis Bank और ITC जैसे हैवीवेट्स ने इंडेक्स पर सबसे ज्यादा दबाव डाला, जबकि Asian Paints, Dr Reddy’s, Maruti और Bharti Airtel सीमित सहारा देते रहे.
बैंकिंग और फाइनेंशियल शेयरों में बिकवाली
SEBI के निर्देशों के अनुरूप NSE के सेक्टोरल इंडेक्स ओवरहाल का सीधा असर बैंकिंग और फाइनेंशियल पैक पर दिखा. Nifty Bank 0.68% टूटा, जबकि Nifty Financial Services इंडेक्स 0.90% गिरा. Private Bank Index में 0.69% और Financial Services 25/50 इंडेक्स में 0.78% की गिरावट रही. इसके मुकाबले PSU Bank इंडेक्स सिर्फ 0.24% फिसला, जहां Union Bank, Canara Bank और PNB में खरीदारी दिखी. IT और Pharma ने फ्लैट से हल्की बढ़त के साथ स्थिरता दिखाई, जबकि Metal, Media और Chemicals में कमजोरी हावी रही.
भारी दबाव Midcap–Smallcap
ब्रॉडर मार्केट में चौतरफा कमजोरी रही. Nifty Midcap 100 0.22% टूटा और Smallcap 100 में 0.55% की गिरावट आई. Nifty Smallcap 250, Microcap 250 और MidSmallcap 400 में भी लगातार दबाव बना रहा. India VIX 3% से अधिक टूटकर 11.23 पर आ गया, जो बाजार में कम वोलैटिलिटी तो दिखाता है लेकिन गिरावट के दौरान यह अक्सर सुस्त अपसाइड मोमेंटम का संकेत भी देता है.
Market Breadth कमजोर
BSE पर 4,316 शेयरों में कारोबार हुआ, जिसमें सिर्फ 1,605 बढ़त में रहे जबकि 2,546 में गिरावट दर्ज हुई. 249 शेयर 52-Week Low पर पहुंचे, जबकि सिर्फ 106 शेयर नए हाई पर बंद हुए. NSE में भी हालात कमजोर रहे, जहां 2,007 शेयरों में गिरावट और 180 स्टॉक्स 52-Week Low पर दिखे. मार्केट ब्रेड्थ साफ तौर पर बिकवाली के पक्ष में झुकी रही.
रुपये की रिकॉर्ड कमजोरी का असर
घरेलू मुद्रा लगातार दूसरे दिन टूटकर नए लो पर पहुंच गई, जिससे इम्पोर्ट-हैवी सेक्टर्स, IT कंपनियों के हेजिंग मॉडल और विदेशी निवेश प्रवाह पर असर देखने को मिला. रुपये की कमजोरी के चलते बाजार में कैरी-ट्रेड और रिस्क-ऑफ मूड हावी रहा.
Market Cap में गिरावट
BSE का कुल मार्केट कैप 4,72,59,708 करोड़ रुपये करीब 5.26 ट्रिलियन डॉलर रहा, जबकि NSE का मार्केट कैप ₹470.20 लाख करोड़ यानी करीब 5.23 ट्रिलियन डॉलर रहा. BSE पर रजिस्टर्ड निवेशकों की संख्या 23.48 करोड़ और NSE पर रजिस्टर्ड निवेशकों की संख्या 24.21 करोड़ पर पहुंच गई है, जो निवेशक आधार की मजबूती का संकेत देती है.
क्या है एक्सपर्ट की राय?
Geojit Investments के Head of Research Vinod Nair के अनुसार रुपये की गिरावट, FII आउटफ्लो और इंडेक्स रीबैलेंसिंग के चलते शॉर्ट-टर्म प्रेशर बढ़ा है. मजबूत GDP डेटा के बाद RBI से तुरंत रेट कट की संभावनाएं धुंधली हुई हैं. US–India ट्रेड वार्ता की अनिश्चितता भी बाजार पर असर डाल रही है. हालांकि मजबूत घरेलू मैक्रो फंडामेंटल्स और H2 में बेहतर अर्निंग आउटलुक बाजार को संभाल सकते हैं.