Closing Bell: लगातार दूसरे दिन उछला बाजार, सेंसेक्स-निफ्टी बंपर तेजी के साथ बंद; निवेशकों ने की 4 लाख करोड़ की कमाई
Closing Bell: भारतीय रुपया में रिकवरी और पॉजिटिव ग्लोबल संकेतों के बीच सोमवार 22 दिसंबर को भारतीय शेयर बाजार में अच्छी बढ़त के साथ कारोबार खत्म हुआ. लगातार दूसरे सेशन में बढ़त जारी रही. पॉजिटिव ग्लोबल संकेतों ने घरेलू बाजार के सेंटिमेंट को सहारा दिया.
Closing Bell: भारतीय शेयर बाजार में सोमवार को लगातार दूसरे सेशन में तेजी जारी रही. मजबूत रुपये और बेहतर होते ग्लोबल माहौल के कारण सेंसेक्स और निफ्टी में उछाल आया, क्योंकि निवेशकों को उम्मीद है कि अगले साल की शुरुआत में अमेरिकी फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में और कटौती करेगा. भारतीय इक्विटी इंडेक्स 22 दिसंबर को मजबूत बढ़त के साथ बंद हुए. निफ्टी 26100 के ऊपर रहा.
सेंसेक्स 638.12 अंक या 0.77 फीसदी बढ़कर 85,567.48 पर और निफ्टी 206 अंक या 0.79 फीसदी बढ़कर 26,172.40 पर बंद हुआ. लगभग 2601 शेयरों में तेजी आई, 1363 शेयरों में गिरावट आई और 163 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ.
टॉप गेनर्स और लूजर्स
निफ्टी पर टॉप गेनर्स श्रीराम फाइनेंस, ट्रेंट, विप्रो, इंफोसिस, भारती एयरटेल थे, जबकि लूजर में SBI, HDFC लाइफ, SBI लाइफ इंश्योरेंस, टाटा कंज्यूमर, कोटक महिंद्रा बैंक शामिल थे.
निफ्टी50 पर टॉप गेनर्स
| शेयर | उछाल (%) |
| ट्रेंट | 3.86 |
| श्रीराम फाइनेंस | 3.67 |
| विप्रो | 3.1 |
| इंफोसिस | 2.89 |
| भारती एयरटेल | 2.09 |
सेक्टोरल इेंडेक्स
सभी सेक्टोरल इंडेक्स बढ़त के साथ बंद हुए, जिसमें कैपिटल गुड्स, मेटल, IT में 1% की बढ़ोतरी हुई. सभी प्रमुख सेक्टरों में तेजी देखी गई, जिसमें निफ्टी IT सबसे आगे रहा, जो 2 फीसदी बढ़ा, इसके बाद निफ्टी केमिकल्स, निफ्टी मेटल, निफ्टी ऑटो और निफ्टी फार्मा रहे, जो सभी 0.7% से 1.4% के बीच बढ़े.
निवेशकों ने की 4 लाख करोड़ की कमाई
एक ही सेशन में इन्वेस्टर्स ने करीब 4 लाख करोड़ रुपये की कमाई की, क्योंकि BSE में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैपिटलाइजेशन पिछले सेशन के 471 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 475 लाख करोड़ रुपये हो गया.
रुपये में 90 के लेवल से नीचे सुधार
विदेशी फंड के आने से सोमवार को शुरुआती कारोबार में भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 22 पैसे बढ़कर 89.45 पर पहुंच गया. खबर है कि RBI भी घरेलू करेंसी को सपोर्ट करने के लिए आक्रामक तरीके से डॉलर बेच रहा है. भारी विदेशी पूंजी के बाहर जाने से भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 91 के निशान को पार करते हुए रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया था. रुपये की बेहतर हालत से मार्केट का सेंटिमेंट बेहतर हुआ है.