Groww में 93% मुनाफे के बीच फंसी डिलीवरी, 44 करोड़ शेयरों के मुकाबले 61 करोड़ का झोल, फिर हुई नीलामी
लिस्टिंग के बाद शेयर में तेज उछाल देखकर कई ट्रेडर्स ने शॉर्ट सेलिंग की, यह मानते हुए कि शेयर की कीमत जल्द ही गिर जाएगी. उन्होंने शेयर तो बेच दिए, लेकिन उनके पास डिलीवरी के लिए पर्याप्त शेयर नहीं थे. उम्मीद थी कि दिन के अंत में सस्ते दाम पर खरीदकर डिलीवरी पूरी कर देंगे. लेकिन विपरीत हुआ. शेयर लगातार चढ़ता गया, डिलीवरी का इंतजाम नहीं हो सका, और हजारों शेयर नीलामी सेटलमेंट में चले गए.
बाजार में Billionbrains Garage Ventures ( Groww ) को लेकर लगातार चर्चा तेज है. लगातार रैली के बाद 19 नवंबर को इसके शेयरों में भारी बिकवाली देखने को मिली है. 100 रुपये इश्यू प्राइस वाले स्टॉक 18 नवंबर को 193 रुपये तक चला गया था. यानी 90 फीसदी तक का गेन निवेशकों को मिला. जिसके बाद इसका मार्केट कैप 1 लाख 10 हजार के करीब पहुंच गया था. इसमें, जिस तरह का मोमेंटम था, उसके क्लोज एनालिसिस की जरूरत थी. इश्यू से करीब डेढ़ गुना डिलीवरी वॉल्यूम देखने को मिला. लॉक इन का शेयर निकालने के बाद 19 नवंबर तक 44 करोड़ शेयरों के मुकाबले 61 करोड़ शेयरों की डिलीवरी मार्क की गई. लिस्टिंग के बाद से एक अहम बात ये रही कि इसका एवरेज वॉल्यूम शेयर 50 करोड़ के पास रहा था. इसके बाद मंगलवार को 30 लाख शेयरों की नीलामी हुई.
प्रॉफिट बुकिंग का भी असर
Groww के आईपीओ में जिसको अलॉटमेंट मिला उनमें से ज्यादातर लोगों ने प्रॉफिट बुक किया और किसी दूसरे को बेच दिया. फिर से जिसने खरीदा उसने भी बेचकर प्रॉफिट कमाया और निकल गया.
शॉर्ट सेलर्स की चूक!
लिस्टिंग के बाद शेयर में तेज उछाल देखकर कई ट्रेडर्स ने शॉर्ट सेलिंग की, यह मानते हुए कि शेयर की कीमत जल्द ही गिर जाएगी. उन्होंने शेयर तो बेच दिए, लेकिन उनके पास डिलीवरी के लिए पर्याप्त शेयर नहीं थे. उम्मीद थी कि दिन के अंत में सस्ते दाम पर खरीदकर डिलीवरी पूरी कर देंगे. लेकिन विपरीत हुआ. शेयर लगातार चढ़ता गया, डिलीवरी का इंतजाम नहीं हो सका, और हजारों शेयर नीलामी सेटलमेंट में चले गए. इसके बाद मंगलवार को 30 लाख शेयरों की नीलामी हुई. ऐसा CNBC Awaaz पर बताया गया.
शॉर्ट पोज़िशन वालों पर भारी जुर्माना
जब कोई शॉर्ट सेलर समय पर शेयरों की डिलीवरी नहीं दे पाता, तो एक्सचेंज क्लोज-आउट प्रक्रिया शुरू करता है. इसमें खरीदार को ट्रेड प्राइस से 20–25 फीसदी ज्यादा राशि का भुगतान किया जाता है, और यह पूरा पेनल्टी अमाउंट बेचने वाले यानी शॉर्ट सेलर को भरना पड़ता है. उदाहरण के तौर पर, यदि किसी ने 100 रुपये में शेयर खरीदा और डिलीवरी नहीं मिली, तो एक्सचेंज खरीदार को 125 रुपये तक का भुगतान कर देता है, लेकिन शेयर नहीं देता.
पेनल्टी ने बढ़ाया शॉर्ट सेलर्स पर दबाव
जानकारों का मानना है कि यह पूरी स्थिति एक क्लासिक शॉर्ट स्क्वीज का उदाहरण है, जहां मार्केट में उपलब्ध डिलीवरी बेहद कम है, वहीं इंट्रा-डे में शॉर्ट पोजीशन लेकर फंसे ट्रेडर्स पर भारी पेनल्टी का दबाव है. इसी कारण शेयरों की कीमतों पर ऊपर की ओर मजबूती बनी हुई है.
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शेयर का हाल
Billionbrains Garage Ventures का शेयर बुधवार को 10 फीसदी लोअर सर्किट में फंस गया और 169.89 रुपये पर बंद हुआ.
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