HAL-BEL शेयरों में तेजी, NATO का एक फैसला डिफेंस स्टॉक्स के लिए गेम चेंजर; 8 साल में एक्सपोर्ट 13 गुना बढ़ा

NATO देशों ने अपने डिफेंस खर्च को बढ़ाने का फैसला किया है, जिससे भारत की डिफेंस कंपनियों जैसे HAL और BEL के शेयरों में तेजी है और इन्हें आगे भी फायदा मिलने की उम्मीद बढ़ गई है. निफ्टी इंडिया डिफेंस इंडेक्स में भी तेजी है. यहां जानें दोनों को कैसे मिलेगा फायदा

डिफेंस स्टॉक को NATO के इस फैसला का मिलेगा फायदा Image Credit: Money9live/Canva

Defence Stocks: निफ्टी इंडिया डिफेंस स्टॉक्स 26 जून के कारोबारी सत्र में तेजी के साथ खुले. टॉप गेनर्स में HAL, BEL, Data Patterns, Paras जैसे शेयर्स शामिल हैं. इसकी NATO है. दरअसल NATO देशों ने अब अपने डिफेंस खर्च को बढ़ाने का फैसला किया. सभी देश 2035 तक डिफेंस पर अपने खर्च को GDP के 5% तक लेकर जाएंगे.

Nifty India Defence Index

दरअसल अब तक अमेरिका ही NATO को सबसे ज्यादा फंड करता आया है इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दबाव के बाद NATO नेताओं ने ये फैसला लिया है कि वे भी जीडीपी के 5% तक का फंड देंगे. उन्होंने मिलकर यह संकल्प लिया कि अगर किसी सदस्य देश पर हमला होता है तो वे एक-दूसरे की मदद के लिए तैयार रहेंगे. इसी के तहत 32 NATO सदस्य देशों ने अपनी GDP का 5% हर साल रक्षा और सुरक्षा खर्चों पर लगाने का वादा किया है.

NATO के फैसले का HAL-BEL पर असर

इस कदम का असर हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स (HAL) और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स (BEL) के शेयरों में दिखा जो 1% तक उछले. Nifty India Defence इंडेक्स भी करीब 1% चढ़ा. इसमें सबसे ज्यादा उछाल Garden Reach Shipbuilders, DCX Systems और Bharat Dynamics जैसे स्टॉक्स में दिखा.

भारत की डिफेंस कंपनियों का प्रदर्शन बीते कुछ वर्षों में शानदार रहा है. FY2016 से अब तक भारत के कुल डिफेंस एक्सपोर्ट में 13 गुना की बढ़ोतरी हुई है. खास बात ये है कि प्राइवेट सेक्टर की हिस्सेदारी 67 गुना बढ़ी है.

2016-17 में जहां प्राइवेट सेक्टर का एक्सपोर्ट में हिस्सा 13% था, वहीं 2023-24 में यह बढ़कर 62% हो गया है. कुल एक्सपोर्ट अब 46% की सालाना दर से बढ़ते हुए 21,100 करोड़ तक पहुंच गया है. भारत अब 85 से ज्यादा देशों को मिसाइल, रडार और बख्तरबंद वाहन जैसे एडवांस सिस्टम एक्सपोर्ट कर रहा है.

डिफेंस PSUs को होगा फायदा

भारत ने अब तक 41 देशों को डिफेंस प्रोडक्ट बेचे हैं. इनमें अमेरिका, फ्रांस और आर्मेनिया जैसे बड़े ग्राहक भी शामिल हैं. कई बार भारत केवल प्रोडक्ट नहीं, बल्कि को-प्रोडक्शन प्रोजेक्ट्स में तकनीकी सहायता देता है.

सरकार की रणनीति अब पूरी तरह स्वदेशी निर्माण को बढ़ावा देने की ओर है. डिफेंस PSUs और निजी कंपनियां, दोनों को इसमें बढ़-चढ़ कर भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. इंपोर्ट पर निर्भरता कम करने और एक्सपोर्ट बढ़ाने की नीति से डिफेंस शेयरों में निवेश का माहौल मजबूत हो गया है.

पिछले एक दशक में भारत के डिफेंस सेक्टर की ग्रोथ सरकार की नीतियों और बजट के जरिए ज्यादा हुई है. रक्षा मंत्रालय का बजट 2015-16 के 2.7 लाख करोड़ से बढ़कर 2025-26 में 6.8 लाख करोड़ हो गया है. यह केंद्र सरकार के कुल खर्च का करीब 13% है और सभी मंत्रालयों में सबसे ज्यादा है. HAL और BEL जैसी कंपनियां इस सफलता की रीढ़ हैं.

HAL और BEL

HAL- एक नवरत्न कंपनी है, अकेले ही करीब 27% योगदान देती है. यह फाइटर जेट्स, हेलीकॉप्टर्स और एवियोनिक्स जैसे एडवांस डिफेंस प्रोडक्ट्स बनाती है, जिसमें देश की अपनी लाइट कॉम्बेट एयरक्राफ्ट तेजस और एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर ध्रुव शामिल हैं.

BEL का कुल प्रोडक्शन में 21% हिस्सा है. ये एडवांस इलेक्ट्रॉनिक्स बनाती है, जैसे रडार सिस्टम्स, कम्युनिकेशन डिवाइसेज और इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर इक्विपमेंट्स. BEL रक्षा के साथ-साथ गैर-रक्षा क्षेत्रों के लिए भी काम करती है.

डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, या आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.