शेयर बाजार में चल रहा ‘Pump and Dump’ का गंदा खेल, सेबी को जांच में मिले पुख्ता सबूत
शेयर बाजार में अब तक इस बात की आशंका जताई जाती रही है कि कई शेयरों में पंप एंड डंप का खेल चल रहा है. बाजार नियामक सेबी ने अब इसकी पुष्टि कर दी है. इसके साथ ही बताया है कि उसे जांच में पुख्ता सबूत मिले हैं. इस मामले में सेबी जल्द ही कार्रवाई पर विचार कर रहा है.
Sebi pump and dump Investigation: भारतीय शेयर बाजार के नियामक सेबी ने पिछले दिनों कई जगहों पर पंप एंड डंप से जुड़ी संदिग्ध व्यापारिक गतिविधियों से जुड़े ठिकानों पर छापे मारे हैं. इस मामले में जांच अभी जारी है, लिहाजा सेबी ने आरोपियों के नाम सार्वजनिक नहीं किए हैं. हालांकि, सेबी ने निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह देते हुए कहा है कि सोशल मीडिया पर मिलने वाली जानकारियों पर भरोसा न करें और ऐसे स्रोतों से मिलने वाली सलाह के आधार पर निवेश से बचें. इसके साथ ही सेबी ने कहा कि यह कार्रवाई बाजार की अखंडता और निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए की गई है.
क्यों की सेबी ने काईवाई?
सेबी ने शुक्रवार को एक स्टेटमेंट में बताया कि हालिया कार्रवाई असल में बाजार में रिटेल निवेशकों की बढ़ती भागीदारी को ध्यान में रखकर की गई है. खासतौर पर निवेशकों के हितों की रक्षा करने के लिए ऐसे तत्वों को नियंत्रित किया जा रहा है, जो रिटेल निवेशकों का इस्तेमाल अपने हित में पंप-एंड-डंप घोटाला में करते हैं. सेबी ने पिछले दिनों की गई अपनी कार्रवाई की पुष्टि करते हुए कहा कि चुनिंदा शेयरों में संदिग्ध व्यापारिक गतिविधि के संबंध में जून 2025 के दौरान कई स्थानों पर तलाशी और जब्ती अभियान चलाया गया.
जांच में अब तक क्या मिला?
सेबी ने बताया कि अभी तक जो जांंच और कार्रवाई की गई है, उसमें कई आपत्तिजनक साक्ष्य जब्त किए गए हैं, जिनकी अब गहन जांच की जा रही है. इसके साथ ही बाजार नियामक ने कहा कि जांच अभी चल रही है, और यदि जरूरी हुआ, तो आगे की नियामक कार्रवाई निष्कर्षों के आधार पर की जाएगी.
क्या होता है पंप एंड डंप घोटाला?
ऐसी योजनाओं में किसी शेयर की कीमत में गलत या भ्रामक बयानों के जरिये हेरफेर किया जाता है. खासतौर पर ऐसे शेयरों में कृत्रिम रूप से तेजी का रुख बनाया जाता है. इसके बाद सोशल मीडिया के जरिये रिटेल निवेशकों को ऐसे शेयरो में निवेश के लिए उकसाया जाता है. जब रिटेल इन्वेस्टर ऐसे शेयरों में पैसा लगाने लगते हैं, तो पंप एंड डंप स्कीम चलाने वाले लोग ऊंची कीमत पर उस स्टॉक से बाहर निकल जाते हैं. जिससे रिटेल इन्वेस्टर ऐसे शेयरों में फंस जाते हैं.