1 जनवरी 2026 से REITs को इक्विटी मानने का सेबी का बड़ा फैसला, नए निवेशकों के लिए बदलेगी कैटेगरी
सेबी ने बड़ा बदलाव करते हुए घोषणा की है कि 1 जनवरी 2026 से म्यूचुअल फंड और SIF द्वारा REITs में किया गया निवेश इक्विटी-सम्बंधित माना जाएगा. पुराने निवेश को छूट मिलेगी, जबकि फंड हाउसेस को सलाह दी गई है कि वे डेब्ट स्कीमों से REITs की हिस्सेदारी धीरे-धीरे कम करें.
भारत में रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (REITs) को लेकर एक बड़ा नियामकीय बदलाव होने जा रहा है, जो म्यूचुअल फंड निवेशकों और फंड हाउसेस दोनों को प्रभावित करेगा. सेबी ने घोषणा की है कि 1 जनवरी 2026 से किसी भी म्यूचुअल फंड या स्पेशलाइज्ड इन्वेस्टमेंट फंड (SIF) द्वारा REITs में किया गया निवेश “इक्विटी-सम्बंधित निवेश” माना जाएगा. इससे अब REITs वह कैटेगरी छोड़ रहे हैं जिसमें उन्हें हाइब्रिड इंस्ट्रूमेंट के रूप में टैग किया गया था.
डेब्ट स्कीमों से धीरे-धीरे निकासी की सलाह
सेबी के मुताबिक, 31 दिसंबर 2025 तक किए गए पुराने REIT निवेश नए नियमों से मुक्त रहेंगे. हालांकि, रेगुलेटर ने एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMCs) से कहा है कि वे बाजार परिस्थितियों और निवेशकों के हितों को देखते हुए डेब्ट स्कीमों से REITs में किए गए निवेश को धीरे-धीरे कम करने का प्रयास करें. 12 सितंबर को सेबी ने REITs को हाइब्रिड से हटाकर इक्विटी-क्लासिफिकेशन में डालने का निर्णय लिया था, जबकि InvITs को हाइब्रिड कैटेगरी में ही रखा गया है.
1 जुलाई 2026 से हो सकती है एंट्री
REITs के इक्विटी-टैग होने से अब इन्हें घरेलू इक्विटी इंडेक्स में शामिल करने की प्रक्रिया भी आसान हो जाएगी. अनुमान है कि 1 जुलाई 2026 से इन्हें अलग-अलग इक्विटी बेंचमार्क में जोड़ा जाने लगेगा. इससे सक्रिय (active) और पैसिव दोनों तरह की इक्विटी स्कीमें REITs में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा सकती हैं, जिससे इनका बाजार और गहरा होगा.
विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम बाजार को वैश्विक मानकों के करीब लाएगा. कैपिटलमाइंड म्यूचुअल फंड के सीईओ दीपक शेनॉय के मुताबिक, REITs को इक्विटी के रूप में वर्गीकृत करना सही है, क्योंकि इनका मूल्य सीधे प्रॉपर्टी की कीमतों से जुड़ा होता है. हालांकि उनका मानना है कि फिलहाल REITs बड़े बेंचमार्क इंडेक्स में शामिल होने के लिए पर्याप्त बड़े नहीं हैं, लेकिन डिविडेंड यील्ड इंडेक्स में जगह बना सकते हैं.
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अब AMFI की कैटेगरी लिस्ट में दिखेंगे REITs
सेबी ने AMFI को निर्देश दिया है कि अब REITs को सामान्य इक्विटी शेयरों की तरह बड़े कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप सूची में रखा जाए. इसका मतलब है कि निवेशकों को अब REITs का स्पष्ट मार्केट-कैप वर्गीकरण देखने को मिलेगा. फंड हाउसेस को अब अपनी स्कीम डॉक्यूमेंट्स में इसका अपडेट ऐडेंडम के जरिए जोड़ना होगा. अच्छी बात यह है कि इसे “फंडामेंटल एट्रिब्यूट चेंज” नहीं माना जाएगा, इसलिए निवेशकों की मंजूरी लेने की आवश्यकता नहीं होगी और न ही एग्जिट विंडो खुलेगी.